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वाराणसी के नितेश रंजन को मिली पूर्वोत्तर रेलवे जोन की जिम्मेदारी

वाराणसी के डॉक्टर नितेश रंजन पूर्वोत्तर रेलवे जोन की सलाहकार समिति के सदस्य बने हैं. पूर्वोत्तर रेलवे के महाप्रबंधक चंद्रवीर रमन ने इसको लेकर एक पत्र भी जारी किया है.

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Published : Apr 22, 2023, 7:18 PM IST

वाराणसी: समाजसेवी डॉक्टर नितेश रंजन तिवारी को पूर्वोत्तर रेलवे जोन का सलाहकार समिति का सदस्य चुना गया है. केन्द्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने उन्हें इसके लिए मनोनीत किया है. पूर्वोत्तर रेलवे के महाप्रबंधक चंद्रवीर रमन ने इसको लेकर एक पत्र भी जारी किया है. नितेश रंजन सीनियर डेंटिस्ट भी हैं.

बता दें कि पूर्वोत्तर रेलवे में तीन मंडल हैं. इनके मुख्यालय वाराणसी, इज्जतनगर और लखनऊ में हैं. उत्तर प्रदेश के साथ ही उत्तराखंड से लेकर बिहार और नेपाल तक के यात्री इसके ही अंतर्गत आते हैं. पूर्वोत्तर रेलवे के महाप्रबंधक चंद्रवीर रमन द्वारा जारी पत्र में बताया गया है कि डॉक्टर नितेश रंजन को गोरखपुर जोन यात्री का सलाहकार समिति का सदस्य मनोनीत किया गया है.

सरकार को देंगे रिपोर्ट: पूर्वोत्तर रेलवे में जिम्मेदारी मिलने पर डॉक्टर नितेश रंजन ने खुशी जाहिर की है. उन्होंने कहा कि ट्रेन और स्टेशन में कैटरिंग, वेंडर्स, यात्रियों के लिए पेंट्री कार, भोजन, साफ-सफाई आदि की रिपोर्ट सरकार को देंगे. उन्होंने बताया कि वे स्टेशन मास्टर से लेकर यात्रियों तक के फीडबैक और सूचनाएं भी इकट्ठा करेंगे. इसके साथ ही उनकी समस्याओं के बारे में भी जानने की कोशिश करेंगे.

सलाह की पड़ती है जरूरत: पूर्वोत्तर रेल का ज्यादातर हिस्सा गंगा नदी के उत्तर में स्थित है. बौद्ध सर्किट भी इसी रेलवे का हिस्सा है. वाराणसी, सारनाथ, लखनऊ, प्रयागराज, कुशीनगर, गोरखपुर, लुंबिनी के पर्यटक इसी रेल लाइन से गुजरते हैं. यह रेलवे जोन बाढ़ की चपेट में भी अधिक आता रहता है. पूर्वोत्तर रेलवे के कई हिस्से खतरे में रहते हैं. ऐसे में सरकार को इन व्यवस्थाओं को लेकर सलाह की जरूरत होती है.

कौन-कौन सी पड़ती हैं नदियां: पूर्वोत्तर रेलवे के तीनों मंडल के साथ ही बिहार और नेपाल के यात्री भी इससे जुड़ते हैं. यह रेल प्रणाली गंगा के तट से गुजरती हुई नेपाल गंज रोड, बढ़नी, नौतनवा की तरफ से जाती है. शारदा, घाघरा, राप्ती, गंगा, गंडक, सरयू और गोमती नदियां इस रूट पर पड़ती हैं. बाढ़ व बारिश के दौरान इस जोन में रेलवे के कई हिस्से खतरे में रहते हैं.

बरेका में मिला कर्मचारी का शव: वहीं, दूसरी ओर रेलवे से एक और खबर आई है. वाराणसी के बरेका में एक रेलकर्मी का शव उसके सरकारी आवास में फंदे से लटकता मिला है. बताया जा रहा है कि उसकी पत्नी अपने बच्चों के पास गई हुई थी. जब दो दिन तक घर का दरवाजा नहीं खुला तो नौकरानी ने पुलिस और पड़ोसियों को इसकी जानकारी दी. मामले आरपीएफ और स्थानीय पुलिस जांच कर कार्रवाई कर रही है.

वाराणसी: समाजसेवी डॉक्टर नितेश रंजन तिवारी को पूर्वोत्तर रेलवे जोन का सलाहकार समिति का सदस्य चुना गया है. केन्द्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने उन्हें इसके लिए मनोनीत किया है. पूर्वोत्तर रेलवे के महाप्रबंधक चंद्रवीर रमन ने इसको लेकर एक पत्र भी जारी किया है. नितेश रंजन सीनियर डेंटिस्ट भी हैं.

बता दें कि पूर्वोत्तर रेलवे में तीन मंडल हैं. इनके मुख्यालय वाराणसी, इज्जतनगर और लखनऊ में हैं. उत्तर प्रदेश के साथ ही उत्तराखंड से लेकर बिहार और नेपाल तक के यात्री इसके ही अंतर्गत आते हैं. पूर्वोत्तर रेलवे के महाप्रबंधक चंद्रवीर रमन द्वारा जारी पत्र में बताया गया है कि डॉक्टर नितेश रंजन को गोरखपुर जोन यात्री का सलाहकार समिति का सदस्य मनोनीत किया गया है.

सरकार को देंगे रिपोर्ट: पूर्वोत्तर रेलवे में जिम्मेदारी मिलने पर डॉक्टर नितेश रंजन ने खुशी जाहिर की है. उन्होंने कहा कि ट्रेन और स्टेशन में कैटरिंग, वेंडर्स, यात्रियों के लिए पेंट्री कार, भोजन, साफ-सफाई आदि की रिपोर्ट सरकार को देंगे. उन्होंने बताया कि वे स्टेशन मास्टर से लेकर यात्रियों तक के फीडबैक और सूचनाएं भी इकट्ठा करेंगे. इसके साथ ही उनकी समस्याओं के बारे में भी जानने की कोशिश करेंगे.

सलाह की पड़ती है जरूरत: पूर्वोत्तर रेल का ज्यादातर हिस्सा गंगा नदी के उत्तर में स्थित है. बौद्ध सर्किट भी इसी रेलवे का हिस्सा है. वाराणसी, सारनाथ, लखनऊ, प्रयागराज, कुशीनगर, गोरखपुर, लुंबिनी के पर्यटक इसी रेल लाइन से गुजरते हैं. यह रेलवे जोन बाढ़ की चपेट में भी अधिक आता रहता है. पूर्वोत्तर रेलवे के कई हिस्से खतरे में रहते हैं. ऐसे में सरकार को इन व्यवस्थाओं को लेकर सलाह की जरूरत होती है.

कौन-कौन सी पड़ती हैं नदियां: पूर्वोत्तर रेलवे के तीनों मंडल के साथ ही बिहार और नेपाल के यात्री भी इससे जुड़ते हैं. यह रेल प्रणाली गंगा के तट से गुजरती हुई नेपाल गंज रोड, बढ़नी, नौतनवा की तरफ से जाती है. शारदा, घाघरा, राप्ती, गंगा, गंडक, सरयू और गोमती नदियां इस रूट पर पड़ती हैं. बाढ़ व बारिश के दौरान इस जोन में रेलवे के कई हिस्से खतरे में रहते हैं.

बरेका में मिला कर्मचारी का शव: वहीं, दूसरी ओर रेलवे से एक और खबर आई है. वाराणसी के बरेका में एक रेलकर्मी का शव उसके सरकारी आवास में फंदे से लटकता मिला है. बताया जा रहा है कि उसकी पत्नी अपने बच्चों के पास गई हुई थी. जब दो दिन तक घर का दरवाजा नहीं खुला तो नौकरानी ने पुलिस और पड़ोसियों को इसकी जानकारी दी. मामले आरपीएफ और स्थानीय पुलिस जांच कर कार्रवाई कर रही है.

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