वाराणसी: कोरोना पॉजिटिव व्यक्ति के शव को जलाने से संक्रमण फैलने की अफवाहों का जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने खंडन किया है. जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने स्पष्ट किया है कि किसी भी कोरोना पॉजिटिव व्यक्ति की मृत्यु हो जाने के बाद परिजन शव जलाकर अंतिम संस्कार कर सकते हैं. यह मात्र एक अफवाह है कि कोरोना पॉजिटिव व्यक्ति का शव जलाने से किसी प्रकार का संक्रमण फैलता है. डीएम ने कहा कि कोरोना मरीजों के अंतिम संस्कार में किसी की वजह से कोई बाधा आई तो उसकी खैर नहीं होगी, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.
जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने बताया कि दो व्यक्तियों द्वारा यह अफवाह उड़ाई जा रही है. उन्होंने मजिस्ट्रेट एवं प्रभारी निरीक्षक भेलूपुर को निर्देशित किया है कि संबंधितों को स्थिति स्पष्ट कर दें कि अगर यह अफवाह भविष्य में किसी ने उड़ाई, तो महामारी अधिनियम के अंतर्गत संबंधित धाराओं में विरुद्ध नामजद एफआईआर दर्ज कराई जाएगी. जैसे अन्य शहरों में कोरोना पॉजिटिव मृतकों का दाह संस्कार हो रहा है, वैसा वाराणसी में भी होगा.
उन्होंने बताया है कि कतिपय विशेष समुदायों के द्वारा कोरोना से संक्रमित मृतकों का दाह संस्कार का कार्य किया जाता है. कुछ लोगों द्वारा स्वार्थगत राजनीति के कार्य से इन समुदायों के लोगों को भड़काया जाता है. ऐसे लोगों के बहकावे में आकर ये समुदाया डेड बॉडी का दाह संस्कार नहीं करते हैं.
जिलाधिकारी ने मजिस्ट्रेट एवं प्रभारी निरीक्षक भेलूपुर को निर्देशित किया है कि मृतकों के शवों या लावारिस लाशों का दाह संस्कार कराएं व किसी के बहकावे में न आएं. इस कार्य में जो भी खर्चा आएगा, उससे रेडक्रॉस के द्वारा वहन किया जाएगा. यदि किसी के द्वारा मृतक के दाह संस्कार के लिए मना किया जाता है तो भविष्य में उसे कभी भी अंत्येष्टि स्थल पर कार्य नहीं करने दिया जाएगा. डीएम ने कहा कि कोरोना मरीजों के अंतिम संस्कार में किसी की वजह से कोई बाधा आई तो दोषी को बख्शा नहीं जाएगा, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.
शव जलने से नहीं फैलता है कोरोना
ये मामला तब तूल पकड़ा जब एक कोरोना पॉजिटिव मृतक का शव लेकर परिजन व अस्पताल कर्मी घाट पहुंचे, जहां शवदाह गृह की मशीन खराब थी. इस दौरान परिजन लाश को चिता लगाकर जलाना चाह रहे थे, तब विरोध शुरू हो गया और अफवाह फैलने लगी कि कोरोना संक्रमित मरीज का शव जलने से कोरोना फैलता है.