वाराणसी: आदि शक्ति मां दुर्गा के नौ रूप में इतनी शक्ति होती है कि भक्त सच्चे मन से पूजा करें तो उसका भाग्य बदल जाता है और शिव की नगरी काशी में खुद माता भक्तों को दर्शन देने आती हैं. नवरात्रि के पांचवें दिन स्कंदमाता के दर्शन किए जाते हैं. बनारस के जैतपुरा में स्कंदमाता का मंदिर है. यह देश का अपने आप में अनोखा मंदिर है. इस मंदिर में माता बागेश्वरी भी विराजमान हैं, जिन्हें स्कंदमाता का ही रूप माना जाता है. कहते हैं मां की पूजा-आराधना से भक्तों के सारे पाप कट जाते हैं और उन्हें मोक्ष की प्राप्ति होती है.
वाराणसी: नवरात्रि के पांचवें दिन मां स्कन्दमाता की पूजा, दर्शन मात्र से बनते हैं बिगड़े काम - varanasi news
आज चैत्र नवरात्रि का पांचवा दिन है. आज के दिन मां स्कंदमाता की पूजा की जाती है. बनारस के जैतपुरा में स्कंदमाता का मंदिर है. इस मंदिर में माता बागेश्वरी भी विराजमान हैं, जिन्हें स्कंदमाता का ही रूप माना जाता है.
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वाराणसी: आदि शक्ति मां दुर्गा के नौ रूप में इतनी शक्ति होती है कि भक्त सच्चे मन से पूजा करें तो उसका भाग्य बदल जाता है और शिव की नगरी काशी में खुद माता भक्तों को दर्शन देने आती हैं. नवरात्रि के पांचवें दिन स्कंदमाता के दर्शन किए जाते हैं. बनारस के जैतपुरा में स्कंदमाता का मंदिर है. यह देश का अपने आप में अनोखा मंदिर है. इस मंदिर में माता बागेश्वरी भी विराजमान हैं, जिन्हें स्कंदमाता का ही रूप माना जाता है. कहते हैं मां की पूजा-आराधना से भक्तों के सारे पाप कट जाते हैं और उन्हें मोक्ष की प्राप्ति होती है.