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अब MUSIC थेरेपी से डिप्रेशन का होगा इलाज, वाराणसी में 10 लाख से तैयार हुआ लैब - Prime Minister Narendra Modi

वाराणसी में म्युजिक से डिप्रेशन के शिकार छात्रों का इलाज किया जाएगा. इसके लिए महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ में यूपी का पहला म्युजिक थेरेपी लैब भी बनकर तैयार हो गया है.

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म्यूजिक थेरेपी से डिप्रेशन का इलाज
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Published : Dec 29, 2022, 10:02 PM IST

महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के मनोविज्ञान विभाग ने दी जानकारी

वाराणसीः अक्सर ऐसी घटनाएं सामने आती रहती है, जब छात्र अपने करियर और भविष्य की चिंता में डिप्रेशन का शिकार हो जाते हैं. इस समस्या से निजात दिलाने के लिए काशी में नई पहल शुरू हुई है. संगीत के जरिए बच्चों के तनाव डिप्रेशन को दूर करने के लिए महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ (Mahatma Gandhi Kashi Vidyapith) में यूपी का पहला म्युजिक थेरेपी लैब बनाया गया है. यहां अवसाद के इलाज के साथ ही, बच्चों को संगीत की भी शिक्षा दी जाएगी. विश्वविद्यालय के मनोविज्ञान विभाग को इसकी जिम्मेदारी दी जाएगी.

मनोविज्ञान विभाग के प्रोफेसर दुर्गेश कुमार ने बताया कि नए साल से यह सुविधा विद्यार्थियों को मिलने लगेगी. इसके साथ ही मरीजों को भी इसका लाभ दिया जाएगा. उन्होंने बताया कि 10 लाख 40 हजार की लागत से इस लैब को तैयार किया गया है. प्रशासन की ओर से 5 लाख 40 हजार की वित्तीय सहायता भी प्रदान की गई है. उन्होंने बताया कि इस लैब में एक्टिव म्युजिक थेरेपी के साथ रिसेप्टिव म्यूजिक थेरेपी रूम भी बनाया गया है. इसमें विभिन्न संगीत वाद्य यांत्र के जरिए मरीजों का इलाज किया जाएगा. फिलहाल में यहां छात्रों की संगीत क्लास चलाई जा रही है.

विद्यार्थियों के लिए बनेगा वरदानः इस बारे में विद्यार्थियों का कहना है कि यह उनके लिए पहला और नया मौका है. जब वह संगीत से थेरेपी का ज्ञान ले रहे हैं. इससे भविष्य में उन्हें खासा मदद भी मिलेगी. गौरतलब है कि म्यूजिक थेरेपी वह विधा है जो न सिर्फ मानसिक बल्कि शारीरिक रूप से भी व्यक्ति को स्वस्थ बनाती है. ऐसे में विद्यार्थियों में तमाम विषयों को लेकर के लगातार बढ़ती हुई अवसाद की समस्या में म्यूजिक थेरेपी वरदान की तरह है.

ये भी पढ़ेंः डिप्टी सीएम केशव मौर्य बोले, अखिलेश यादव ओबीसी की नहीं बल्कि परिवार की राजनीति करते हैं

महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के मनोविज्ञान विभाग ने दी जानकारी

वाराणसीः अक्सर ऐसी घटनाएं सामने आती रहती है, जब छात्र अपने करियर और भविष्य की चिंता में डिप्रेशन का शिकार हो जाते हैं. इस समस्या से निजात दिलाने के लिए काशी में नई पहल शुरू हुई है. संगीत के जरिए बच्चों के तनाव डिप्रेशन को दूर करने के लिए महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ (Mahatma Gandhi Kashi Vidyapith) में यूपी का पहला म्युजिक थेरेपी लैब बनाया गया है. यहां अवसाद के इलाज के साथ ही, बच्चों को संगीत की भी शिक्षा दी जाएगी. विश्वविद्यालय के मनोविज्ञान विभाग को इसकी जिम्मेदारी दी जाएगी.

मनोविज्ञान विभाग के प्रोफेसर दुर्गेश कुमार ने बताया कि नए साल से यह सुविधा विद्यार्थियों को मिलने लगेगी. इसके साथ ही मरीजों को भी इसका लाभ दिया जाएगा. उन्होंने बताया कि 10 लाख 40 हजार की लागत से इस लैब को तैयार किया गया है. प्रशासन की ओर से 5 लाख 40 हजार की वित्तीय सहायता भी प्रदान की गई है. उन्होंने बताया कि इस लैब में एक्टिव म्युजिक थेरेपी के साथ रिसेप्टिव म्यूजिक थेरेपी रूम भी बनाया गया है. इसमें विभिन्न संगीत वाद्य यांत्र के जरिए मरीजों का इलाज किया जाएगा. फिलहाल में यहां छात्रों की संगीत क्लास चलाई जा रही है.

विद्यार्थियों के लिए बनेगा वरदानः इस बारे में विद्यार्थियों का कहना है कि यह उनके लिए पहला और नया मौका है. जब वह संगीत से थेरेपी का ज्ञान ले रहे हैं. इससे भविष्य में उन्हें खासा मदद भी मिलेगी. गौरतलब है कि म्यूजिक थेरेपी वह विधा है जो न सिर्फ मानसिक बल्कि शारीरिक रूप से भी व्यक्ति को स्वस्थ बनाती है. ऐसे में विद्यार्थियों में तमाम विषयों को लेकर के लगातार बढ़ती हुई अवसाद की समस्या में म्यूजिक थेरेपी वरदान की तरह है.

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