वाराणसी: राम से भी बड़ा भगवान राम का नाम है और यही वजह है कि महादेव भी इस राम नाम का जप करते हैं, लेकिन बात यदि शिव की नगरी काशी में भगवान राम की हो तो इसके क्या कहने. जी हां अयोध्या में जहां एक ओर राम मंदिर का स्वरूप निखर करके आ रहा है तो वहीं दूसरी ओर काशी में काष्ठ कला से बनने वाले राम दरबार की झांकियां भी इन दिनों डिमांड पर हैं. देश-विदेश से लोग राम दरबार की झांकियों की डिमांड कर रहे हैं.
जी हां अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के बाद में वाराणसी में काष्ठ कला से बनने वाले भगवान राम की झांकियां भी इन दिनों डिमांड में हैं. वाराणासी के लोलार्ककुण्ड में पीढ़ियों से इस कार्य में लगीं शुभी अग्रवाल ने बताया कि लोगों की डिमांड के बाद कारीगर भगवान राम के जीवन से जुड़ी हुई अलग-अलग झांकी तैयार कर रहे हैं.
इसमें राम दरबार, राम स्वयंवर, हनुमान जी की लंका यात्रा, सीता मां का अशोक वाटिका का दृश्य, अन्य तमाम ऐसे ही राम जीवन से जुड़ी हुई कड़ियां हैं, जिसे लोग झांकियों में परिलक्षित कर उसे खरीदना पसंद कर रहे हैं. खास बात यह है कि बढ़ी डिमांड की वजह से ही टेलीविजन से आगे निकलकर के भगवान राम के जीवन की झांकियां लकड़ी पर उकेरी जा रही हैं.
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बिहारी लाल अग्रवाल बताते हैं कि हमारा यह पुश्तैनी काम है और हमारी पीढ़ियां काष्ठ कला की कारीगरी करती आ रही हैं, लेकिन पहले अन्य भगवानों की जीवन की झांकियां मिट्टियों पर बनाई जाती थीं. प्रभु श्रीराम की झांकियों को लकड़ी पर कभी नहीं देखा गया था. यह सिर्फ चल चित्रों में ही देखने को मिलता था, लेकिन अब इसकी डिमांड बहुत ज्यादा है और हमें देश-विदेश से प्रभु श्रीराम की झांकियों के ऑर्डर मिल रहे हैं. इससे जहां एक ओर हम श्रद्धा से प्रफुल्लित हो करके इसे बना रहे हैं तो वहीं दूसरी ओर इन ऑर्डरों से कारीगरों के जीवन में खुशहाली आ रही है और उनकी आमदनी बढ़ रही है.
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