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Gyanvapi Case : शिवलिंग से छेड़छाड़ को लेकर दायर याचिका पर बहस पूरी, इस दिन आएगा फैसला

ज्ञानवापी में (Gyanvapi Case) शिवलिंग से छेड़छाड़ कर भावनाएं भड़काने का आरोप लगाते हुए दाखिल याचिका पर स्पेशल सीजेएम (Special CJM) की कोर्ट में बहस पूरी हो गई है. कोर्ट ने फैसले की तिथि नियत कर दी है.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Oct 13, 2023, 9:39 PM IST

वाराणसी : ज्ञानवापी मामले में एफआईआर दर्ज करने को लेकर दाखिल याचिका पर स्पेशल सीजेएम शिखा यादव की अदालत में बहस पूरी हो गई है. अब इस पर आदेश आएगा.ऊपरी अदालत के आदेश पर सुनवाई हुई है, पहले निचली अदालत ने खारिज कर दिया था.

ज्ञानवापी मामला.
ज्ञानवापी मामला.

काशी विश्वनाथ मंदिर अनादि काल से : ज्ञानवापी मामले में बजरडीहा भेलुपुर के विवेक सोनी, चितईपुर के जयध्वज श्रीवास्तव के 156 (3) सीआरपीसी के तहत प्रार्थना पत्र पर अधिवक्ता देशरत्न श्रीवास्तव और नित्यानन्द राय ने शुक्रवार को बहस की. कोर्ट को बताया कि द्वादश ज्योतिर्लिंग में प्रमुख काशी विश्वनाथ मंदिर अनादि काल से स्थित है. ज्योतिर्लिंग की प्राण-प्रतिष्ठा के उपरांत स्थापित किया गया था, जो जीवित स्वरुप है और उसका कभी विध्वंस नहीं हुआ है. बल्कि मात्र मंदिर के स्वरुप को क्षतिग्रस्त किया गया था. मंदिर के मलबे से ही कथित मस्जिद के भवन का स्वरूप बनाया गया. हर स्थिति में ज्योतिर्लिंग अपने स्थान पर कायम रहा है. कुछ अज्ञात लोगों ने ज्योतिर्लिंग को कूप बनाकर ढंकने के उपरांत एक पोखरी का निर्माण कर वजू का स्थान असंवैधानिक तरीके से कर दिया. ज्योतिर्लिंग को नुकसान पहुंचाकर हिंदू भावना भड़काने, शिवलिंग के ऊपरी भाग में सीमेंटनुमा पदार्थ जमाकर ड्रिलिंग से छेदकर फव्वारे का रुप देने का प्रयास किया गया. जिससे हिंदु जनभावनाए आहत हैं. मुस्लिम समुदाय के अज्ञात लोगों ने दंगा कराने का प्रयास किया है. घटना की सूचना 3 जनवरी 2023 को पुलिस को दी गई पर कोई कार्यवाही नहीं हुई.

27 अक्टूबर को आएगा फैसला : निचली अदालत ने 156 (3) प्रार्थना पत्र खारिज कर दिया तो ऊपरी अदालत में रिविजन फाइल हुआ. विशेष न्यायाधीश पाक्सो एक्ट द्वितीय अनुभव द्विवेदी की अदालत ने ज्ञानवापी मामले में दाण्डिक पुनरीक्षण याचिका स्वीकार कर ली. निचली अदालत के उस आदेश को निरस्त कर दिया. जिसमें एफआईआर दर्ज करने के प्रार्थना पत्र को खारिज कर दिया गया था. शुक्रवार को ऊपरी अदालत के आदेश पर पुन:स्पेशल सीजेएम शिखा यादव की अदालत मे बहस हुई. अदालत ने बहस सुनकर आदेश के लिये 27 अक्टूबर की तारीख नियत की है. इसके पहले भी जुलाई माह मे बहस हुई मगर स्पेशल सीजेएम उज्जवल उपाध्याय के स्थानान्तरण की वजह से बहस के बाद भी आदेश नहीं हो सका.

यह भी पढ़ें : ज्ञानवापी परिसर सर्वे: कोर्ट के बाहर समझौते के सवाल पर हिंदू पक्ष में दो फाड़, जानिए वजह

यह भी पढ़ें : Gyanvapi Case : व्यास जी के तहखाने को डीएम के सुपुर्द करने के प्रार्थना पत्र पर सुनवाई पूरी, जानिए कोर्ट ने क्या कहा

वाराणसी : ज्ञानवापी मामले में एफआईआर दर्ज करने को लेकर दाखिल याचिका पर स्पेशल सीजेएम शिखा यादव की अदालत में बहस पूरी हो गई है. अब इस पर आदेश आएगा.ऊपरी अदालत के आदेश पर सुनवाई हुई है, पहले निचली अदालत ने खारिज कर दिया था.

ज्ञानवापी मामला.
ज्ञानवापी मामला.

काशी विश्वनाथ मंदिर अनादि काल से : ज्ञानवापी मामले में बजरडीहा भेलुपुर के विवेक सोनी, चितईपुर के जयध्वज श्रीवास्तव के 156 (3) सीआरपीसी के तहत प्रार्थना पत्र पर अधिवक्ता देशरत्न श्रीवास्तव और नित्यानन्द राय ने शुक्रवार को बहस की. कोर्ट को बताया कि द्वादश ज्योतिर्लिंग में प्रमुख काशी विश्वनाथ मंदिर अनादि काल से स्थित है. ज्योतिर्लिंग की प्राण-प्रतिष्ठा के उपरांत स्थापित किया गया था, जो जीवित स्वरुप है और उसका कभी विध्वंस नहीं हुआ है. बल्कि मात्र मंदिर के स्वरुप को क्षतिग्रस्त किया गया था. मंदिर के मलबे से ही कथित मस्जिद के भवन का स्वरूप बनाया गया. हर स्थिति में ज्योतिर्लिंग अपने स्थान पर कायम रहा है. कुछ अज्ञात लोगों ने ज्योतिर्लिंग को कूप बनाकर ढंकने के उपरांत एक पोखरी का निर्माण कर वजू का स्थान असंवैधानिक तरीके से कर दिया. ज्योतिर्लिंग को नुकसान पहुंचाकर हिंदू भावना भड़काने, शिवलिंग के ऊपरी भाग में सीमेंटनुमा पदार्थ जमाकर ड्रिलिंग से छेदकर फव्वारे का रुप देने का प्रयास किया गया. जिससे हिंदु जनभावनाए आहत हैं. मुस्लिम समुदाय के अज्ञात लोगों ने दंगा कराने का प्रयास किया है. घटना की सूचना 3 जनवरी 2023 को पुलिस को दी गई पर कोई कार्यवाही नहीं हुई.

27 अक्टूबर को आएगा फैसला : निचली अदालत ने 156 (3) प्रार्थना पत्र खारिज कर दिया तो ऊपरी अदालत में रिविजन फाइल हुआ. विशेष न्यायाधीश पाक्सो एक्ट द्वितीय अनुभव द्विवेदी की अदालत ने ज्ञानवापी मामले में दाण्डिक पुनरीक्षण याचिका स्वीकार कर ली. निचली अदालत के उस आदेश को निरस्त कर दिया. जिसमें एफआईआर दर्ज करने के प्रार्थना पत्र को खारिज कर दिया गया था. शुक्रवार को ऊपरी अदालत के आदेश पर पुन:स्पेशल सीजेएम शिखा यादव की अदालत मे बहस हुई. अदालत ने बहस सुनकर आदेश के लिये 27 अक्टूबर की तारीख नियत की है. इसके पहले भी जुलाई माह मे बहस हुई मगर स्पेशल सीजेएम उज्जवल उपाध्याय के स्थानान्तरण की वजह से बहस के बाद भी आदेश नहीं हो सका.

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