वाराणसी: लंका थाना क्षेत्र के रमना गांव के पटेल परिवार पर दु:खों का पहाड़ टूट पड़ा है. कोरोना संक्रमण से परिवार के दो वरिष्ठ जनों की मौत हो गई, जिसके बाद से परिवार सदमे में है. यह दोनों सगे भाई थे. मृतक रमाशंकर (70) का डेट सर्टिफिकेट में मौत की वजह निमोनिया बताया गया है, जिसके बाद से अस्पताल प्रशासन और जिला प्रशासन के आंकड़ों पर सवाल उठ रहे हैं. वहीं एक अन्य सदस्य स्व. रामरथी (50) का डेट सर्टिफिकेट अभी तक नहीं आया.
संक्रमित के डेथ सर्टिफिकेट पर लिखा निमोनिया से मौत
मृतक के परिजन जयप्रकाश ने बताया, 'मैं रमना का रहने वाला हूं. हमारे दादा जी की मौत कोरोना वायरस के कारण हुई है, लेकिन अस्पताल से हमें जो डेट सर्टिफिकेट मिला है, उस पर मौत का कारण निमोनिया बताया गया है. 27 अप्रैल को तबीयत खराब होने पर साईं हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया. यहां पर 28 अप्रैल को आरटी-पीसीआर की रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी. उसके बाद भी डेथ सर्टिफिकेट में मौत की वजह निमोनिया लिखा गया है जबकि उनके अंदर सारे कोविड-19 के संक्रमण थे. यह डॉक्टर की लापरवाही है. अभी सारा काम हमीं को देखना है. श्राद्ध कर्म बीत जाने के बाद मैं अस्पताल जाकर इस संबंध में जानकारी लूंगा.
जनता को हो रही परेशान
ईटीवी भारत से ऑनलाइन बातचीत में गांव के प्रधान प्रतिनिधि अमित पटेल ने बताया कि समय पर संक्रमण की रिपोर्ट मिल जाती तो सही होता. हमारे गांव में लगभग 40 से 50 लोग अब तक मर चुके हैं, लेकिन उनमें से केवल 20 या 22 लोगों की ही रिपोर्ट आई है, जिनकी डेथ सर्टिफिकेट कोरोना संक्रमण के कारण मरना बताया गया. बाकी का नार्मल रिपोर्ट ही अस्पताल से मिल रहा है. ऐसे में सरकार को ध्यान देना चाहिए कि इस तरह की गलती न हो.
जिला प्रशासन की कार्रवाई पर सवाल
जिले में आए दिन ऐसे बहुत सी समस्याएं आ रही है कि लोगों को अब तक डेट सर्टिफिकेट नहीं मिला. सरकारी आंकड़ों में संक्रमण दर और मौत के आंकड़ों में कमी होना बताया जा रहा है. स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन की कार्रवाई से लोग संतुष्ट नहीं हो रहे हैं और सवाल खड़े कर रहे हैं.
अगर पेशेंट की आरटीपीसीआर रिपोर्ट निगेटिव है भले ही उसमें कोरोना के लक्षण हैं, ऐसे में उसकी रिपोर्ट में निमोनिया ही लिखा जाएगा. आरटीपीसीआर रिपोर्ट पॉजिटिव होने पर ही उसे कोरोना पॉजिटिव लिखा जा सकता है.
- बीवी सिंह, सीएमओ वाराणसी