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वाराणसी में संचारी रोग पर लगाम लगाएगा 'दस्तक'

यूपी के वाराणसी जिले में संचारी रोग नियंत्रण के लिए दस्तक अभियान 1 से 31 जुलाई तक चलाया जाएगा. इसके तहत 'हर रविवार मच्छरों पर वार’ की टैगलाइन पर भी जोर दिया जाएगा, ताकि जिले में हर परिवार सुरक्षित रह सके.

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Published : Jul 1, 2020, 3:57 PM IST

communicable disease control and dastak abhiyan
संचारी रोग नियंत्रण और दस्तक अभियान

वाराणसी: कोरोना के साथ इस बार अन्य संक्रामक रोगों को नियंत्रित रखना स्वास्थ्य विभाग के लिए चुनौती है. शासन के निर्देश पर 1 जुलाई से 31 जुलाई तक संचारी रोग पर नियंत्रण के लिए दस्तक अभियान चलाया जाएगा. अभियान में 'हर रविवार मच्छरों पर वार’ को लेकर भी जोर दिया जाएगा, ताकि हर परिवार सुरक्षित रह सके. किसी भी प्रकार के रोग से पीड़ित होने पर रोगी को 108 एंबुलेंस सीएचसी और पीएचसी पर पहुंचाएगी, ताकि उन्हें समुचित इलाज मिल सके. जिले के सभी सरकारी अस्पतालों समेत सभी सीएचसी, पीएचसी पर विशेषज्ञ और डॉक्टरों की देखरेख में संचारी रोगों की जांच और इलाज निःशुल्क मौजूद है.

साफ-सफाई के प्रति जागरूकता की बात
डीएम कौशल राज शर्मा ने बताया कि दस्तक अभियान में विभिन्न विभागों के फ्रंटलाइन वर्कर्स मच्छर जनित और संचारी रोगों से बचाव की जानकारी घर-घर जाकर देंगे. इसके साथ ही व्यवहार परिवर्तन के लिए लोगों को प्रेरित करेंगे. इसके अलावा विभिन्न विभागों की तरफ से व्यक्तिगत स्वच्छता, पर्यावरणीय स्वच्छता, शुद्ध पेयजल सुनिश्चित कराना, हैंडपंपों का रख-रखाव और इसके आसपास की सफाई, खुले में शौच से मुक्ति के लिए बने हुए शौचालयों का प्रयोग, नए शौचालयों के निर्माण की प्रक्रिया, जल-जमाव रोकना, जल-जमाव वाले गड्ढों का भराव, वृहद वृक्षारोपण, मच्छर प्रजनन करने वाले स्थानों और सूअर बाड़ों इत्यादि को आबादी से बाहर रखना और उसकी साफ-सफाई सुनिश्चित कराना.

इनकी होगी भागीदारी
दस्तक अभियान के तहत शिक्षकों और अभिभावकों को संचारी रोगों के प्रति जागरूक करने की जिम्मेदारी दी गई है. साथ ही साथ उनके माध्यम से क्षेत्रवासियों को संचारी रोग के प्रति जागरूक कराना तय किया गया है. बुखार होने पर तत्काल जांच के लिए लोगों को जागरूक करना. अभियान में चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, आईसीडीएस, ग्राम्य विकास एवं पंचायती राज विभाग, शिक्षा विभाग, नगर निगम शहरी विकास, कृषि विभाग, पशुपालन विभाग, दिव्यांग कल्याण विभाग, स्व्च्छ भारत मिशन, सूचना विभाग, संस्कृति विभाग एवं चिकित्सा और शिक्षा विभाग की सहभागिता होगी, ताकि दस्तक अभियान को शत-प्रतिशत सफल बनाया जा सके.

नोडल विभाग का कार्य
जिलाधिकारी ने कहा कि दस्तक अभियान को सफल बनाने के लिए स्वास्थ्य विभाग को नोडल विभाग बनाया गया है. इसका कार्य संचारी रोगों और दिमागी बुखार की निगरानी करना, रोगियों के उपचार की व्यवस्था करना, रोगियों के निःशुल्क परिवहन के लिए रोगी वाहन सेवा की व्यवस्था करना, वाहक नियंत्रण गतिविधियां, ग्रामीण क्षेत्रों में वाहक के घनत्व का आंकलन करना, स्रोतों में कमी लाना, लार्वारोधी गतिविधियां, मॉनिटरिंग, पर्यवेक्षण और विश्लेषण करना है.

कोरोना के प्रति जागरूकता में अहम जिम्मेदारी
डीएम ने कहा कि वर्तमान में कोविड महामारी के बचाव और उपायों के बारे में भी लोगों को जागरूक किया जाएगा. इस अभियान के दौरान कोविड के नियमों का विशेष रूप से पालन कराया जाएगा. अभियान में शामिल लोगों की तरफ से सोशल डिस्टेंसिंग, हाथों की सफाई और मास्क की अनिवार्यता का खासतौर पर ध्यान रहेगा. अभियान के दौरान फ्रंटलाइन वर्कर्स न तो किसी का दरवाजा छुएंगे और न ही कुंडी खट-खटाएंगे. साथ ही घर के भीतर भी नहीं जाएंगे. सिर्फ संदेश और पोस्टर के जरिए दस्तक अभियान को कामयाब बनाया जाएगा. इसके लिए फ्रंट लाइन वर्कर्स को प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है.

सामुदायिक एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों की तरफ से माइक्रोप्लान बनाया जा चुका है. साथ ही साथ अभियान से जुड़े सभी जिम्मेदारों को निर्देशित भी किया जा चुका है. अभियान के दौरान अधिक से अधिक लोगों को मच्छर जनित और संक्रामक रोगों जैसे- मलेरिया, फाइलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया, एईएस-जेई, कालाजार आदि से बचाव और रोकथाम को लेकर जागरूक किया जाएगा.

वाराणसी: कोरोना के साथ इस बार अन्य संक्रामक रोगों को नियंत्रित रखना स्वास्थ्य विभाग के लिए चुनौती है. शासन के निर्देश पर 1 जुलाई से 31 जुलाई तक संचारी रोग पर नियंत्रण के लिए दस्तक अभियान चलाया जाएगा. अभियान में 'हर रविवार मच्छरों पर वार’ को लेकर भी जोर दिया जाएगा, ताकि हर परिवार सुरक्षित रह सके. किसी भी प्रकार के रोग से पीड़ित होने पर रोगी को 108 एंबुलेंस सीएचसी और पीएचसी पर पहुंचाएगी, ताकि उन्हें समुचित इलाज मिल सके. जिले के सभी सरकारी अस्पतालों समेत सभी सीएचसी, पीएचसी पर विशेषज्ञ और डॉक्टरों की देखरेख में संचारी रोगों की जांच और इलाज निःशुल्क मौजूद है.

साफ-सफाई के प्रति जागरूकता की बात
डीएम कौशल राज शर्मा ने बताया कि दस्तक अभियान में विभिन्न विभागों के फ्रंटलाइन वर्कर्स मच्छर जनित और संचारी रोगों से बचाव की जानकारी घर-घर जाकर देंगे. इसके साथ ही व्यवहार परिवर्तन के लिए लोगों को प्रेरित करेंगे. इसके अलावा विभिन्न विभागों की तरफ से व्यक्तिगत स्वच्छता, पर्यावरणीय स्वच्छता, शुद्ध पेयजल सुनिश्चित कराना, हैंडपंपों का रख-रखाव और इसके आसपास की सफाई, खुले में शौच से मुक्ति के लिए बने हुए शौचालयों का प्रयोग, नए शौचालयों के निर्माण की प्रक्रिया, जल-जमाव रोकना, जल-जमाव वाले गड्ढों का भराव, वृहद वृक्षारोपण, मच्छर प्रजनन करने वाले स्थानों और सूअर बाड़ों इत्यादि को आबादी से बाहर रखना और उसकी साफ-सफाई सुनिश्चित कराना.

इनकी होगी भागीदारी
दस्तक अभियान के तहत शिक्षकों और अभिभावकों को संचारी रोगों के प्रति जागरूक करने की जिम्मेदारी दी गई है. साथ ही साथ उनके माध्यम से क्षेत्रवासियों को संचारी रोग के प्रति जागरूक कराना तय किया गया है. बुखार होने पर तत्काल जांच के लिए लोगों को जागरूक करना. अभियान में चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, आईसीडीएस, ग्राम्य विकास एवं पंचायती राज विभाग, शिक्षा विभाग, नगर निगम शहरी विकास, कृषि विभाग, पशुपालन विभाग, दिव्यांग कल्याण विभाग, स्व्च्छ भारत मिशन, सूचना विभाग, संस्कृति विभाग एवं चिकित्सा और शिक्षा विभाग की सहभागिता होगी, ताकि दस्तक अभियान को शत-प्रतिशत सफल बनाया जा सके.

नोडल विभाग का कार्य
जिलाधिकारी ने कहा कि दस्तक अभियान को सफल बनाने के लिए स्वास्थ्य विभाग को नोडल विभाग बनाया गया है. इसका कार्य संचारी रोगों और दिमागी बुखार की निगरानी करना, रोगियों के उपचार की व्यवस्था करना, रोगियों के निःशुल्क परिवहन के लिए रोगी वाहन सेवा की व्यवस्था करना, वाहक नियंत्रण गतिविधियां, ग्रामीण क्षेत्रों में वाहक के घनत्व का आंकलन करना, स्रोतों में कमी लाना, लार्वारोधी गतिविधियां, मॉनिटरिंग, पर्यवेक्षण और विश्लेषण करना है.

कोरोना के प्रति जागरूकता में अहम जिम्मेदारी
डीएम ने कहा कि वर्तमान में कोविड महामारी के बचाव और उपायों के बारे में भी लोगों को जागरूक किया जाएगा. इस अभियान के दौरान कोविड के नियमों का विशेष रूप से पालन कराया जाएगा. अभियान में शामिल लोगों की तरफ से सोशल डिस्टेंसिंग, हाथों की सफाई और मास्क की अनिवार्यता का खासतौर पर ध्यान रहेगा. अभियान के दौरान फ्रंटलाइन वर्कर्स न तो किसी का दरवाजा छुएंगे और न ही कुंडी खट-खटाएंगे. साथ ही घर के भीतर भी नहीं जाएंगे. सिर्फ संदेश और पोस्टर के जरिए दस्तक अभियान को कामयाब बनाया जाएगा. इसके लिए फ्रंट लाइन वर्कर्स को प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है.

सामुदायिक एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों की तरफ से माइक्रोप्लान बनाया जा चुका है. साथ ही साथ अभियान से जुड़े सभी जिम्मेदारों को निर्देशित भी किया जा चुका है. अभियान के दौरान अधिक से अधिक लोगों को मच्छर जनित और संक्रामक रोगों जैसे- मलेरिया, फाइलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया, एईएस-जेई, कालाजार आदि से बचाव और रोकथाम को लेकर जागरूक किया जाएगा.

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