वाराणसी: कश्मीर के सोपोर में आतंकी हमले में सीआरपीएफ के जवान द्वारा बच्चे की जान बचाए जाने की पूरे देश मे चर्चा है. पूरे देश में जवान पवन चौबे की जांबाजी की चर्चा जगह-जगह हो रही है. पवन चौबे वाराणसी जिले के चौबेपुर इलाके के गोलढमकवां गांव के रहने वाले हैं. पवन की इस जाबांजी पर पूरा गांव फख्र महसूस कर रहा है.
कश्मीर में 2016 से तैनात हैं पवन
जिले के रहने वाले पवन सीआरपीएफ 203 कोबरा बटालियन के जवान हैं. कमांडो पवन 2016 से जम्मू कश्मीर में तैनात हैं. इतना ही नहीं वह विभिन्न अभियानों में भी शामिल रहे हैं. ईटीवी भारत ने जवान पवन के पिता सुभाष चौबे से बात की. बातचीत में उनके पिता ने बताया कि पवन 2010 में सीआरपीएफ में भर्ती हुए थे. उस समय उनका चयन यूपी पुलिस के लिए भी हुआ था, लेकिन मेरी सलाह पर वे सीआरपीएफ में भर्ती हुए.
पवन पर परिवार सहित पूरे गांव को गर्व
पवन की जाबांजी पर उनके पूरे परिवार को गर्व है. उनकी पत्नी शुभांगी अपने पति की इस बहादुरी से काफी खुश हैं और गर्व महसूस कर रही हैं. उन्होने कहा कि मैंने अपने पति को अपनी फर्ज अदायगी और इस दिलेरी के लिए बधाई दी है. इतना ही नहीं ईश्वर से प्रार्थना करती हूं कि वह उन्हें सुरक्षित रखें.
पिता बोले बेटे की बहादुरी पर फख्र
पोते की दिलेरी सुनकर गांव के पूर्व प्रधान और पवन के दादा कल्लू चौबे भावुक हो गए और उनकी आंखों से खुशी के आंसू छलक पड़े. पिता सुभाष चौबे ने पवन की इस बहादुरी को आजादी दिलाने वाले महापुरुषों की परंपरा को आगे बढ़ाना बताया. उन्हें पवन की इस बहादुरी पर बहुत गर्व है.
95 सीआरपीएफ के कमांडेंट नरेंद्र पाल सिंह ने जवान पवन के माता-पिता को किया सम्मानित
उनकी इस दिलेरी से खुश होकर 95 सीआरपीएफ के कमाण्डेन्ट नरेंद्र पाल सिंह ने पवन चौबे के गांव पहुंचकर उनके माता पिता को सम्मानित किया. इसके साथ ही उन्होंने उनके माता पिता को धन्यवाद दिया कि उनके दिए हौसले के चलते ही पवन अपनी ड्यूटी को बखूबी अंजाम दे रहे हैं.