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मां बागेश्वरी देवी मंदिर में उमड़ी भक्तों की भारी भीड़, दर्शन से पूरी होती हैं मुरादें

नवरात्र के पांचवें दिन के मौके पर देवी स्कंदमाता के दर्शन-पूजन का विधान है. वाराणसी में मां स्कंदमाता बागेश्वरी देवी के रूप में विद्यमान हैं. मां स्कंदमाता रूपी बागेश्वरी देवी को विद्या की देवी माना जाता है. मान्यता है कि मां भक्तों की सारी मनोकामना पूरी करती हैं.

बागेश्वरी देवी मंदिर में उमड़ी भक्तों की भीड़.
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Published : Oct 3, 2019, 11:11 AM IST

वाराणसी: शारदीय नवरात्र के पांचवें दिन मां स्कंदमाता के स्वरूप के दर्शन का विधान है. वाराणसी में मां स्कंदमाता बागेश्वरी देवी के रूप में विद्यमान हैं. यहां मां स्कंदमाता का बागेश्वरी देवी मंदिर अति प्राचीन है. रात से ही यहां मां के दर्शनों के लिए भक्तों की भीड़ उमड़ी है. मां स्कंदमाता रूपी बागेश्वरी देवी को विद्या की देवी माना जाता है.

बागेश्वरी देवी मंदिर में उमड़ी भक्तों की भीड़.

मां करती हैं भक्तों की मनोकामना पूरी
मां के दर्शन के लिए छात्रों की भारी भीड़ उमड़ती है. मान्यता है कि जो भी छात्र मां का दर्शन करता है, वह अपने पठन-पाठन में सफलता हासिल करता है. यहां मां को नारियल चढ़ाने का विशेष महत्व है. मां को चुनरी के साथ लाल अड़हुल की माला और मिष्ठान भी भोग लगाया जाता है. इससे मां अपने भक्तों को सदबुद्धि और विद्या के अनुरूप वरदान देती हैं.

पढ़ें:- इस मंत्र के साथ करें नवरात्र के पांचवें दिन मां स्कंदमाता की पूजा, बाधाएं होंगी दूर

बागेश्वरी दुर्गा मंदिर सैकड़ों वर्षों से भक्तों की आस्था का केंद्र रहा है. शारदीय नवरात्र में इनके दर्शन का विशेष महत्व है. कहा जाता है कि मां स्कंदमाता रूपी बागेश्वरी भक्तों की मनोकामना पूर्ण करती हैं.

वाराणसी: शारदीय नवरात्र के पांचवें दिन मां स्कंदमाता के स्वरूप के दर्शन का विधान है. वाराणसी में मां स्कंदमाता बागेश्वरी देवी के रूप में विद्यमान हैं. यहां मां स्कंदमाता का बागेश्वरी देवी मंदिर अति प्राचीन है. रात से ही यहां मां के दर्शनों के लिए भक्तों की भीड़ उमड़ी है. मां स्कंदमाता रूपी बागेश्वरी देवी को विद्या की देवी माना जाता है.

बागेश्वरी देवी मंदिर में उमड़ी भक्तों की भीड़.

मां करती हैं भक्तों की मनोकामना पूरी
मां के दर्शन के लिए छात्रों की भारी भीड़ उमड़ती है. मान्यता है कि जो भी छात्र मां का दर्शन करता है, वह अपने पठन-पाठन में सफलता हासिल करता है. यहां मां को नारियल चढ़ाने का विशेष महत्व है. मां को चुनरी के साथ लाल अड़हुल की माला और मिष्ठान भी भोग लगाया जाता है. इससे मां अपने भक्तों को सदबुद्धि और विद्या के अनुरूप वरदान देती हैं.

पढ़ें:- इस मंत्र के साथ करें नवरात्र के पांचवें दिन मां स्कंदमाता की पूजा, बाधाएं होंगी दूर

बागेश्वरी दुर्गा मंदिर सैकड़ों वर्षों से भक्तों की आस्था का केंद्र रहा है. शारदीय नवरात्र में इनके दर्शन का विशेष महत्व है. कहा जाता है कि मां स्कंदमाता रूपी बागेश्वरी भक्तों की मनोकामना पूर्ण करती हैं.

Intro:एंकर: शारदीय नवरात्र के पांचवे दिन माँ स्कंदमाता के रूप का दर्शन का विधान है। वाराणसी में माँ स्कंदमाताबागेश्वरी देवी के रूप में विद्यमान है। यहाँ माँ स्कंदमाता का बागेश्वरी रूपी भव्य मंदिर मंदिर अति प्राचीन है. रात्री से ही यहाँ माँ के दर्शनों के लिए भक्तो की भीड़ उमड़ पड़ती है. माँ स्कंदमाता रूपी बागेश्वरी को विद्या की देवी माना जाता है।Body:वीओ: दरअसल छात्रों की भीड़ माता के दर्शन के आने की वजह से लोग मैं यह मान्यता है कि जो भी छात्र मां के दर्शन करता है वह अपने पठन-पाठन में सफलता हासिल करता है और इसी लिए यहा छात्र भक्तो की खासी भीड़ रहती है. यहाँ माँ नारियल चडाने का विशेष महत्व है . माँ को चुनरी केसाथ लाल अड़हुल की माला व मिष्ठान भी भोग लगाया जाता है. जिससे माँ अपने भक्तो को सदबुद्धि व विद्या के अनुरूप वरदान देती है।
Conclusion:वीओ: वाराणसी का स्कन्द माता बागेश्वरी रूपी दुर्गा मंदिर सैकड़ो वर्षो से भक्तो की आस्था का केंद्र रही है. शारदीय नवरात्र में इनके दर्शनों का विशेष महत्व है. इसी समय भक्त माँ के दर्शनों व पूजन करते है और माँ स्कंदमाता रूपीबागेश्वरी जी उनकी मनोकामना पूर्ण करती है.कोई अपने लिए विद्या मांगता है तो कोई नौकरी मांगत है. नवरात्र के दिनों में भक्त माँ के दर्शन करते है और और उनसे अपनी मान की इक्षा जाहिर करते है. और माँ भी अपने भक्तो की कामना पूर्ण करती है.

बाइट :----- गोपाल मिश्रा पुजारी-- बागेश्वरी देवी मंदिर

अमित दत्ता वाराणसी
8299457899
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