वाराणसी: गंगा में लगातार बढ़ते जलस्तर से तटीय इलाके पर रह रहे लोगों को खासा दिक्कतों का सामना करना पड़ा है. बाढ़ से बनारस के 84 घाटों का आपसी संपर्क मार्ग पूरी तरह से टूट चुका है. घाट किनारे स्थित मंदिर गंगा की गोद में समा चुके हैं. ऐसे में काशी ही नहीं, बल्कि आसपास के जिलों सहित बिहार से अंतिम संस्कार करने आ रहे लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.
वाराणसी: गंगा के जलस्तर में बढ़ोतरी, अंतिम संस्कार में हो रही दिक्कत
यूपी के वाराणसी में गंगा का बढ़ता जलस्तर अंतिम संस्कार करने आ रहे लोगों के सामने भी समस्या खड़ी कर रहा है. गंगा के बढ़ते जलस्तर की वजह से तटवर्ती इलाकों में बाढ़ का खतरा पैदा हो गया है.
गंगा घाट डूबने से अंतिम संस्कार करने में हो रही मुसीबत.
वाराणसी: गंगा में लगातार बढ़ते जलस्तर से तटीय इलाके पर रह रहे लोगों को खासा दिक्कतों का सामना करना पड़ा है. बाढ़ से बनारस के 84 घाटों का आपसी संपर्क मार्ग पूरी तरह से टूट चुका है. घाट किनारे स्थित मंदिर गंगा की गोद में समा चुके हैं. ऐसे में काशी ही नहीं, बल्कि आसपास के जिलों सहित बिहार से अंतिम संस्कार करने आ रहे लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.
बनारस में दो श्मशान घाट हैं, जिसमें एक मणिकर्णिका घाट और दूसरा हरिश्चंद्र श्मशान घाट शामिल है. हरिश्चंद्र घाट के सभी प्लेटफार्म में शवों का अंतिम संस्कार किया जाता था, जो अब गंगा के बढ़े जलस्तर में समा गए हैं. यही हाल मणिकर्णिका घाट का है. हरिश्चंद्र घाट की सीढ़ियों पर अंतिम संस्कार किया जा रहा है. सामान्य दिनों में एक साथ 10 से 15 शवों का अंतिम संस्कार किया जाता था, लेकिन घाटों में भरे पानी की वजह से अब एक साथ पांच से ज्यादा शवों का अंतिम संस्कार करना मुश्किल पड़ रहा है. इसलिए दूर से आए लोगों को अंतिम संस्कार के लिए इंतजार करना पड़ रहा है.
गंगा में नौकायान बंद
पहाड़ी क्षेत्रों में लगातार हो रही बारिश की वजह से गंगा नदी का जलस्तर बढ़ता जा रहा है, जिसे देखते हुए जिला प्रशासन ने गंगा में चलने वाली नावों को पूरी तरह से बंद करने का आदेश दे दिया है. सुरक्षा की दृष्टि से समय-समय पर एनडीआरएफ की टीम गंगा के घाटों किनारे गश्त करती नजर आ रही हैं
बनारस में दो श्मशान घाट हैं, जिसमें एक मणिकर्णिका घाट और दूसरा हरिश्चंद्र श्मशान घाट शामिल है. हरिश्चंद्र घाट के सभी प्लेटफार्म में शवों का अंतिम संस्कार किया जाता था, जो अब गंगा के बढ़े जलस्तर में समा गए हैं. यही हाल मणिकर्णिका घाट का है. हरिश्चंद्र घाट की सीढ़ियों पर अंतिम संस्कार किया जा रहा है. सामान्य दिनों में एक साथ 10 से 15 शवों का अंतिम संस्कार किया जाता था, लेकिन घाटों में भरे पानी की वजह से अब एक साथ पांच से ज्यादा शवों का अंतिम संस्कार करना मुश्किल पड़ रहा है. इसलिए दूर से आए लोगों को अंतिम संस्कार के लिए इंतजार करना पड़ रहा है.
गंगा में नौकायान बंद
पहाड़ी क्षेत्रों में लगातार हो रही बारिश की वजह से गंगा नदी का जलस्तर बढ़ता जा रहा है, जिसे देखते हुए जिला प्रशासन ने गंगा में चलने वाली नावों को पूरी तरह से बंद करने का आदेश दे दिया है. सुरक्षा की दृष्टि से समय-समय पर एनडीआरएफ की टीम गंगा के घाटों किनारे गश्त करती नजर आ रही हैं
Last Updated : Aug 17, 2020, 4:21 PM IST