वाराणसी: ज्ञानवापी मस्जिद और परिसर का पुरातात्विक सर्वेक्षण कराने को लेकर बीते दिनों हिंदू पक्षकारों की तरफ से एक याचिका वाराणसी कोर्ट में दाखिल की गई थी. जिस पर जनवरी में तीन अलग-अलग केसों पर सुनवाई के बाद किसी न किसी कारण से इसे आगे बढ़ाया जाता रहा. 3 जनवरी को इस मामले में सुनवाई के बाद मंगलवार को फिर से इस प्रकरण पर कोर्ट ने सुनवाई करते बुधवार को आगे बढ़ाए जाने के निर्णय पर फैसले को सुरक्षित रखा है.
ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर 22 साल बाद शुरू हुई सुनवाई
ज्ञानवापी मस्जिद और परिसर का पुरातात्विक सर्वेक्षण कराने पर वाराणसी के सिविल जज आशुतोष त्रिपाठी की कोर्ट में मंगलवार को सुनवाई के बाद फैसले को सुरक्षित रखते हुए बुधवार को इस प्रकरण में सुनवाई आगे बढ़ाने को लेकर फैसला लिए जाने का निर्णय लिया गया है. स्वयंभू ज्योतिर्लिंग भगवान विश्वेश्वर की ओर से पंडित सोमनाथ व्यास और अन्य की ओर से दायर मुकदमे की सुनवाई 22 साल बाद शुरू हुई है.
निस्तारण के लिए 4 जनवरी की तिथि थी निर्धारित
इस क्रम में ज्ञानवापी परिसर का भारतीय पुरातत्व विभाग (एएसआई) से सर्वेक्षण कराने की अर्जी पर सुनवाई शुरू होने पर विपक्षी सुन्नी वक्फ बोर्ड (लखनऊ) की ओर से हाई कोर्ट में लंबित याचिका का हवाला देते हुए सुनवाई स्थगित करने की अर्जी दी थी. इससे पहले अंजुमन इंतजामिया मसाजिद की ओर से भी ऐसी ही अर्जी दी गई थी. कोर्ट ने आपत्तियों के निस्तारण के लिए 4 जनवरी की तिथि निर्धारित की थी.
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सुनवाई करते हुए मुकदमे में नियुक्त वादी वकील विजय शंकर रस्तोगी की ओर से कोर्ट में दी गई अर्जी में कहा गया है कि ज्ञानवापी परिसर में स्वयंभू विश्वेश्वरनाथ का शिवलिंग आज भी स्थापित है. मंदिर परिसर के हिस्सों पर मुसलमानों ने आधिपत्य करके मस्जिद बना दिया. पूरे परिसर में समय-समय पर हुए परिवर्तन के साक्ष्य एकत्रित करने और धार्मिक स्वरूप तय करने के लिए एएसआई से रडार तकनीक से सर्वेक्षण और खुदाई कराकर रिपोर्ट मंगाने की अर्जी में अपील की गई है.
बुधवार को कोर्ट सुनाएगा निर्णय
वहीं सुन्नी वक्फ बोर्ड की तरफ से वकील मोहम्मद तौहिक खान की तरफ से याचिका दायर की गई है कि मामला हाईकोर्ट में होने की वजह से इस प्रकरण की सुनवाई नहीं की जा सकती, जिसके बाद कोर्ट ने आज इस फैसले को सुरक्षित रखते हुए अब बुधवार को इस पर निर्णय लेने के लिए कहा है. यानी अब बुधवार को यह फैसला होगा कि इस पूरे प्रकरण पर सुनवाई होगी या नहीं.