वाराणसी: कांग्रेस पार्टी की महासचिव और उत्तर प्रदेश चुनाव प्रभारी प्रियंका गांधी ने गुरुवार को 125 प्रत्याशियों की सूची जारी कर दी है. प्रियंका गांधी ने जिसमें 50 महिलाओं को टिकट दिया गया है. सूची में 40 फीसदी महिलाएं और 40 फीसदी युवा हैं. प्रियंका ने इस बार सिर्फ महिलाओं और पीड़ितों ही नहीं बल्कि अपनी पार्टी के बड़े दिग्गजों पर भी दांव खेला है. कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू और आराधना मिश्रा जैसे मजबूत नेताओं को चुनाव में उतारा है. कांग्रेस ने वाराणसी की 2 सीटों पर प्रत्याशियों का नाम फाइनल किया गया है, जिनमें से एक सीट के लिए कद्दावर नेता अजय राय का भी नाम भी है. अजय राय पिंडरा विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ेंगे.
अजय राय का राजनीतिक सफर
1993 में बीजेपी की बड़ी नेताओं में शुमार कुसुम राय के संपर्क में आने के साथ अजय राय ने अपना राजनीतिक सफर शुरु किया. पहली बार 1996 में भाजपा ने उन्हें वाराणसी की कोलअसला (जो कि अब पिंडरा नाम से जानी जाती है) सीट पर वामपंथ के किले में सेंध लगाने का लिए उतारा. उस समय कोलअसला सीट पर लगातार 9 बार से सीपीआई के बड़े नेता रहे ऊदल का कब्जा था. अजय राय भाजपा की उम्मीदों पर खरे उतरे और ऊदल के वर्चस्व को समाप्त कर पहली बार उस सीट पर भगवा फहराया. बीजेपी ने इसे बड़ी जीत बताया. इसके बाद अजय राय ने 2002 और 2007 दोनों चुनाव आसानी से जीत लिया.
इस वजह से छोड़ी भाजपा
तीन बार विधायकी का चुनाव जीत चुके अजय राय को अब बड़ी सीट नजर आ रही थी, तभी 2009 लोकसभा चुनाव का वक्त आ गया. अजय राय बीजेपी से टिकट चाहते थे, लेकिन पार्टी ने उनका पत्ता साफ कर दिया. बीजेपी ने तब डॉ. मुरली मनोहर जोशी को वाराणसी से उम्मीदवार बना दिया. यह अजय राय को नागवार गुजरा और उन्होंने बीजेपी का दामन छोड़ दिया और विधानसभा से भी इस्तीफा दे दिया.
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अजय राय ने अपनी हैसियत का एहसास कराया था
भाजपा से इस्तीफा देने के बाद वह सपा की साइकिल पर सवार हुए. सपा ने उनकी मुराद पूरी कर दी. सपा ने अजय राय को मुरली मनोहर जोशी और राय के कट्टर विरोधी मुख्तार अंसारी के खिलाफ चुनाव लड़ने के लिए वाराणसी संसदीय सीट से मैदान उतार दिया. तब तो 2009 में वाराणसी का लोकसभा चुनाव भी यादगार बन गया. इस चुनाव में डॉ. जोशी ने जीत हासिल की और बसपा प्रत्याशी मुख्तार अंसारी दूसरे नंबर पर रहे. अजय राय हार जरुर गए, लेकिन उन्होंने अपनी हैसियत का अहसास करा दिया था. इसके बाद अजय राय ने बनारस के सीटिंग एमपी रहे कांग्रेस के डॉ. राजेश मिश्र को पीछे धकेल कर तीसरा स्थान हासिल कर लिया.
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परंपरागत सीट से लड़ेंगे
लोकसभा चुनाव हारने के बाद अजय राय फिर कोलअसला विधानसभा क्षेत्र की ओर लौटे. जब इस सीट पर उपचुनाव हुआ तो अजय राय ने निर्दल दावेदारी पेश की. लोकसभा हारने वाले अजय राय ने सपा का दामन भी छोड़ दिया, लेकिन कोलअसला में उनका दबदबा कायम रहा और उन्होंने निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में ही जीत हासिल की. तब अजय राय ने कांग्रेस के दिग्गज राजेशपति त्रिपाठी से संपर्क साधा और कांग्रेस के हो गए. कांग्रेस के साथ उन्होंने हर छोटे-बड़े मुद्दों को उठाया. इसका असर यह रहा कि कांग्रेस ने अजय राय पर भरोसा जताया और उनको उनकी परंपरागत सीट पिंडरा से मैदान में उतारा है.
पिंडरा मेरा परिवार है
ईटीवी भारत से बातचीत में कांग्रेस के कद्दावर नेता और पूर्व विधायक अजय राय ने कहा कि पिंडरा विधानसभा क्षेत्र नहीं बल्कि मेरा परिवार है. यहां मेरा सबसे घर से घाट तक का रिश्ता है. अजय राय ने कहा मैं विधायक रहा तब भी और जब नहीं था तब भी यहां के लोग मेरे साथ पारिवारिक रूप से जुड़े हुए हैं और निश्चित तौर पर इस बार वह हमारा साथ देंगे. उन्होंने कहा कि बीजेपी ने अपने झूठे वादों से एक बार जनता को बेवकूफ बनाया है, लेकिन अब जनता समझ चुकी है कि बीजेपी सिर्फ झूठे वादे और बातें करती है. अजय राय ने कहा एक बार फिर से मुझे वहां की जनता का प्रेम मिलेगा और फिर से पिंडरा के पुराने खुशहाली वाले दिन लौट के आएंगे.
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आधुनिक अस्पताल बनाने का सपना है
अजर राय ने कहा कि पिंडरा में हमारे कार्यकाल में कई सारी विकास की योजनाएं लागू की गई थीं, जिसमें कई विकास हुए. बीजेपी ने अपने कार्यकाल में सिर्फ वहां के लोगों को छला है. अभी कुछ दिन पहले प्रधानमंत्री जी यहां आए थे और अमूल प्लांट का छलावा देकर चले गए. जबकि इस प्लांट को शुरू कराने वाले हम लोग थे. विकास के साथ-साथ कांग्रेस की सबसे पहली प्राथमिकता और मेरा सपना है कि पिंडरा में एक बड़ा अत्याधुनिक अस्पताल बने, जहां पर सभी सुविधाएं मिलें और इलाज के लिए लोगों को शहर या दूसरे राज्य में भटकना न पड़े.
ये हैं डेमोग्राफिक आंकड़े
पिंडरा विधानसभा जौनपुर के मछली शहर संसदीय क्षेत्र के विधानसभा हैं. इसमें कुल मतदाताओं की संख्या 3 लाख 42 हजार 503 हैं. इस विधानसभा में ब्राम्हण 55-60 हजार हैं, पटेल की जनसंख्या 67-70 हजार, हरिजन 40-50 हजार, यादव 20-25 हजार हैं. इसके साथ ही भूमिहार, क्षत्रिय, राजभर, वैश्य, मुस्लिम, मौर्य, चौहान अन्य जातियां मौजूद हैं. पिंडरा विधानसभा में गांव की बात करें तो इसमें कुल 400 से 450 गांव हैं, इसमें दो ब्लॉक पिंडरा और बड़ागांव हैं. जहां इन दिनों भारतीय जनता पार्टी और अपना दल के दो ब्लॉक प्रमुख हैं. वही वर्तमान में डॉ. अवधेश राय भारतीय जनता पार्टी से यहां विधायक हैं.