वाराणसी: जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी पर भाजपा की जीत और समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी का पर्चा खारिज होने के बाद कांग्रेस नेता अजय राय ने अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि शासन प्रशासन का दुरुपयोग करके भाजपा ने जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी पर अपना कब्जा जमाया है, लेकिन समाजवादी पार्टी को इस चुनाव में संघर्ष करना चाहिए था, वह बिना संघर्ष के ही हार मान गई.
कांग्रेस नेता अजय राय ने कहा कि भाजपा ने अलोकतांत्रिक तरीके से वाराणसी समेत कई जनपदों में भय और लालच के बल पर शासन प्रशासन का दुरुपयोग कर भाजपा ने पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी पर कब्जा किया है, लेकिन लड़ाई में संघर्ष मायने रखता है और राजनीति में अपने वजूद के लिए लड़ते रहना चाहिए. समाजवादी पार्टी ने जिला पंचायत वाराणसी के चुनाव में लड़ने, संघर्ष करने के बजाय अपने हाथ खड़े कर दिए. उन्होंने कहा कि भाजपा ने कुनीतियों से जनता को निराश कर दिया है. लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि हम अपने हक,अधिकार को छोड़ दें. उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी को इस मुद्दे पर संघर्ष करना चाहिए था, सरकार की दमनकारी नीतियों को उजागर करना चाहिए था. साथ ही भाजपा को यह समझना चाहिए कि लोकतंत्र में गरिमा जनादेश का सम्मान करने से होती है, उसके साथ धोखाधड़ी करने में नहीं.
कांग्रेस नेता अजय राय ने कहा कि हमारी पार्टी ने कांग्रेस ने वाराणसी में भाजपा को शिकस्त देने के लिए बिना शर्त समाजवादी पार्टी को अपने निर्वाचित 5 जिला पंचायत सदस्यों का समर्थन दिया था, लेकिन समाजवादी पार्टी मैदान छोड़कर भाग गई. उन्हें अपने राजनीतिक वजूद के लिए लड़ना चाहिए था. भले ही भाजपा नेतृत्व को सत्ता का गुरूर हो गया हो, विपक्ष के प्रति द्वेषभाव और अहंकार सिर पर चढ़कर बोल रहा है, लेकिन फिर भी संघर्ष जरूरी है. उन्होंने कहा कि आज पूरे प्रदेश में इस निकम्मी सरकार के खिलाफ अगर कोई मजबूती से संघर्ष कर रहा है तो वह कांग्रेस पार्टी है.