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वाराणसी पहुंचीं प्रियंका गांधी, बाबा का आशीर्वाद लेकर करेंगी चुनाव प्रचार

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाराणसी पहुंच चुकी हैं. यहां वह किसान न्याय रैली को संबोधित करेंगी. रैली के पहले प्रियंका अपनी धार्मिक सियासी यात्रा भी करेंगी. इसके तहत सबसे पहले वे बाबा विश्वनाथ के दरबार में शीश नवाएंगी और उसके बाद मां कुष्मांडा के दर्शन कर आदिशक्ति का आशीर्वाद लेंगी.

आज वाराणसी पहुंचेंगी प्रियंका गांधी
आज वाराणसी पहुंचेंगी प्रियंका गांधी
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Published : Oct 10, 2021, 9:24 AM IST

Updated : Oct 10, 2021, 11:45 AM IST

वाराणसी: विधानसभा चुनाव में अभी वक्त है, लेकिन यदि राजनीतिक दलों की तैयारियों को देखे तो ऐसा लगेगा कि जैसे चुनाव का ऐलान हो चुका है. सभी पार्टियों के बड़े नेताओं ने चुनावी समीकरण बैठाने के लिए अपनी तैयारियां तेज कर दी हैं. कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी आज वाराणसी में हैं. प्रियंका यहां किसान न्याय रैली को संबोधित करेंगी. रैली के पहले प्रियंका अपनी धार्मिक सियासी यात्रा भी करेंगी. इसके तहत सबसे पहले वे बाबा विश्वनाथ के दरबार में शीश नवाएंगी और उसके बाद मां कुष्मांडा के दर्शन कर आदिशक्ति का आशीर्वाद लेंगी. आशीर्वाद लेने के बाद प्रियंका जगतपुर मैदान में जनशक्ति का प्रदर्शन करेंगी. प्रियंका गांधी 11:10 तक वाराणासी पहुंच जाएंगी.

प्रोटोकॉल के अनुसार, प्रियंका गांधी सुबह 11:10 तक वाराणसी एयरपोर्ट पहुंचेगी. वे शहर के विभिन्न मार्गों से होते हुए बाबा विश्वनाथ का दर्शन करने जाएंगी. प्रियंका 11:45 पर सड़क मार्ग के जरिए बाबा विश्वनाथ के दरबार पहुंच कर पूजन-अर्चन करेंगी. 12:15 पर मां कुष्मांडा देवी के मंदिर में शीश नवाएंगी और इसके बाद महामना मालवीय जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर रैली स्थल के लिए रवाना होंगी. शहर के रोहनिया क्षेत्र स्थित जगतपुर इंटर कॉलेज के मैदान में प्रियंका की विशाल जनसभा का आयोजन किया गया है, जहां पर एक लाख कुर्सियां लगाई गई हैं. इसमें आठ विधानसभा क्षेत्रों के कार्यकर्ताओं के साथ पूर्वांचल से भी कार्यकताओं के शामिल होने की सम्भावना हैं.

प्रियंका गांधी का दौरा.

जगतपुर मैदान से निकलेगा जगत कल्याण का संदेश

प्रियंका की चुनावी रैली को लेकर के कांग्रेस नेता अजय राय ने बताया कि प्रियंका गांधी 10 अक्टूबर को बनारस आकर पूरे उत्तर प्रदेश को एक नया संदेश देने वाली हैं. वे अपनी इस रैली में जनता से सात वचन निभाने का वादा करेंगी और सरकार के आने पर वे उन वादों को निभाएंगी भी. यह रैली जनता, किसान, बुनकर सभी के हित की रैली है. बनारस आने पर वे बाबा विश्वनाथ के दरबार में दर्शन कर जनता से अपना आशीर्वाद लेंगी.

सॉफ्ट हिंदुत्व कार्ड कहीं वैचारिक दबाव तो नहीं

प्रियंका के वाराणसी दौरे के मद्देनजर राजनीतिक विश्लेषक प्रो. रवि प्रकाश पांडे ने बताया कि देश के आजाद होने के बाद राजनीतिक परिदृश्य अलग था. उस समय सियासतदानों को लगता था कि बहुसंख्यक समाज के साथ यदि अल्पसंख्यक समुदाय को अपने खेमे में ला दिया गया तो सत्ता उनकी होगी. लेकिन 2014 चुनाव के समय एक नया वैचारिक दबाव देखने को मिला. जहां यह स्पष्ट किया गया कि यदि बहुसंख्यक समाज को ठीक तरीके से साथ लिया गया तो भी सत्ता पर काबिज हुआ जा सकता है और वहीं हिंदुत्व वैचारिकी का दबाव है कि प्रियंका गांधी बनारस में एक धार्मिक सियासी यात्रा करेंगी.

इस यात्रा में वे बाबा विश्वनाथ का दर्शन भी करेंगी, मां कुष्मांडा का आशीर्वाद भी लेंगी और मालवीय जी को नमन भी करेंगी. उन्होंने कहा कि प्रियंका गांधी का धर्म अलग है. वे हिंदू धर्म के लोगों के साथ संबंध निभा सकती हैं, लेकिन मंदिर जाना एक वैचारिक दबाव है. उन्होंने कहा कि यदि इसे एक और नजरिए से देखें तो यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संसदीय क्षेत्र है और बनारस से चुनावी हुंकार भरना यानी कि प्रधानमंत्री से है टक्कर लेना. ऐसे में यह एक चर्चा का विषय बन जाता है और लाइमलाइट भी मिलता है तो कहीं न कहीं प्रियंका उस लाइमलाइट का भी फायदा लेना चाहती हैं.

पूर्वांचल की सियासत में हमेशा से काशी केंद्र में रहा और 2014 के बाद उसकी प्रासंगिकता और बढ़ गई. क्योंकि यह सियासी केंद्र होने के साथ-साथ अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संसदीय क्षेत्र भी बन गया है. यही वजह है कि हर पार्टी का नेता बनारस आ करके अपनी सियासत को मजबूत करने में जुटा रहता है. बनारस में धार्मिक दर्शन कर जनता को भी अपनी ओर आकर्षित करता है. इसी क्रम में एक नई ऊर्जा प्राप्त कर प्रियंका भी बनारस आ रही हैं, जहां वह धार्मिक दर्शन कर कहीं न कहीं एक बड़े वर्ग को साधने का प्रयास करेंगी.

यह भी पढ़ें: काशी में शक्ति प्रदर्शन से पहले प्रियंका करेंगी शक्ति पूजन

प्रियंका गांधी की रैली में मंच पर पार्टी के वरिष्ठ नेता मौजूद होंगे. इनमें मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, राज्यसभा सांसद प्रमोद तिवारी, पूर्व लोकसभा सांसद दीपेंद्र हुड्डा, सलमान खुर्शीद, प्रदीप जैन, राजेश तिवारी, बाजीराव खाड़े, राजेश मिश्रा, अजय राय, आराधना मिश्रा, राजेश्वर पटेल, राघवेंद्र चौबे शामिल रहेंगे.

वाराणसी: विधानसभा चुनाव में अभी वक्त है, लेकिन यदि राजनीतिक दलों की तैयारियों को देखे तो ऐसा लगेगा कि जैसे चुनाव का ऐलान हो चुका है. सभी पार्टियों के बड़े नेताओं ने चुनावी समीकरण बैठाने के लिए अपनी तैयारियां तेज कर दी हैं. कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी आज वाराणसी में हैं. प्रियंका यहां किसान न्याय रैली को संबोधित करेंगी. रैली के पहले प्रियंका अपनी धार्मिक सियासी यात्रा भी करेंगी. इसके तहत सबसे पहले वे बाबा विश्वनाथ के दरबार में शीश नवाएंगी और उसके बाद मां कुष्मांडा के दर्शन कर आदिशक्ति का आशीर्वाद लेंगी. आशीर्वाद लेने के बाद प्रियंका जगतपुर मैदान में जनशक्ति का प्रदर्शन करेंगी. प्रियंका गांधी 11:10 तक वाराणासी पहुंच जाएंगी.

प्रोटोकॉल के अनुसार, प्रियंका गांधी सुबह 11:10 तक वाराणसी एयरपोर्ट पहुंचेगी. वे शहर के विभिन्न मार्गों से होते हुए बाबा विश्वनाथ का दर्शन करने जाएंगी. प्रियंका 11:45 पर सड़क मार्ग के जरिए बाबा विश्वनाथ के दरबार पहुंच कर पूजन-अर्चन करेंगी. 12:15 पर मां कुष्मांडा देवी के मंदिर में शीश नवाएंगी और इसके बाद महामना मालवीय जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर रैली स्थल के लिए रवाना होंगी. शहर के रोहनिया क्षेत्र स्थित जगतपुर इंटर कॉलेज के मैदान में प्रियंका की विशाल जनसभा का आयोजन किया गया है, जहां पर एक लाख कुर्सियां लगाई गई हैं. इसमें आठ विधानसभा क्षेत्रों के कार्यकर्ताओं के साथ पूर्वांचल से भी कार्यकताओं के शामिल होने की सम्भावना हैं.

प्रियंका गांधी का दौरा.

जगतपुर मैदान से निकलेगा जगत कल्याण का संदेश

प्रियंका की चुनावी रैली को लेकर के कांग्रेस नेता अजय राय ने बताया कि प्रियंका गांधी 10 अक्टूबर को बनारस आकर पूरे उत्तर प्रदेश को एक नया संदेश देने वाली हैं. वे अपनी इस रैली में जनता से सात वचन निभाने का वादा करेंगी और सरकार के आने पर वे उन वादों को निभाएंगी भी. यह रैली जनता, किसान, बुनकर सभी के हित की रैली है. बनारस आने पर वे बाबा विश्वनाथ के दरबार में दर्शन कर जनता से अपना आशीर्वाद लेंगी.

सॉफ्ट हिंदुत्व कार्ड कहीं वैचारिक दबाव तो नहीं

प्रियंका के वाराणसी दौरे के मद्देनजर राजनीतिक विश्लेषक प्रो. रवि प्रकाश पांडे ने बताया कि देश के आजाद होने के बाद राजनीतिक परिदृश्य अलग था. उस समय सियासतदानों को लगता था कि बहुसंख्यक समाज के साथ यदि अल्पसंख्यक समुदाय को अपने खेमे में ला दिया गया तो सत्ता उनकी होगी. लेकिन 2014 चुनाव के समय एक नया वैचारिक दबाव देखने को मिला. जहां यह स्पष्ट किया गया कि यदि बहुसंख्यक समाज को ठीक तरीके से साथ लिया गया तो भी सत्ता पर काबिज हुआ जा सकता है और वहीं हिंदुत्व वैचारिकी का दबाव है कि प्रियंका गांधी बनारस में एक धार्मिक सियासी यात्रा करेंगी.

इस यात्रा में वे बाबा विश्वनाथ का दर्शन भी करेंगी, मां कुष्मांडा का आशीर्वाद भी लेंगी और मालवीय जी को नमन भी करेंगी. उन्होंने कहा कि प्रियंका गांधी का धर्म अलग है. वे हिंदू धर्म के लोगों के साथ संबंध निभा सकती हैं, लेकिन मंदिर जाना एक वैचारिक दबाव है. उन्होंने कहा कि यदि इसे एक और नजरिए से देखें तो यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संसदीय क्षेत्र है और बनारस से चुनावी हुंकार भरना यानी कि प्रधानमंत्री से है टक्कर लेना. ऐसे में यह एक चर्चा का विषय बन जाता है और लाइमलाइट भी मिलता है तो कहीं न कहीं प्रियंका उस लाइमलाइट का भी फायदा लेना चाहती हैं.

पूर्वांचल की सियासत में हमेशा से काशी केंद्र में रहा और 2014 के बाद उसकी प्रासंगिकता और बढ़ गई. क्योंकि यह सियासी केंद्र होने के साथ-साथ अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संसदीय क्षेत्र भी बन गया है. यही वजह है कि हर पार्टी का नेता बनारस आ करके अपनी सियासत को मजबूत करने में जुटा रहता है. बनारस में धार्मिक दर्शन कर जनता को भी अपनी ओर आकर्षित करता है. इसी क्रम में एक नई ऊर्जा प्राप्त कर प्रियंका भी बनारस आ रही हैं, जहां वह धार्मिक दर्शन कर कहीं न कहीं एक बड़े वर्ग को साधने का प्रयास करेंगी.

यह भी पढ़ें: काशी में शक्ति प्रदर्शन से पहले प्रियंका करेंगी शक्ति पूजन

प्रियंका गांधी की रैली में मंच पर पार्टी के वरिष्ठ नेता मौजूद होंगे. इनमें मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, राज्यसभा सांसद प्रमोद तिवारी, पूर्व लोकसभा सांसद दीपेंद्र हुड्डा, सलमान खुर्शीद, प्रदीप जैन, राजेश तिवारी, बाजीराव खाड़े, राजेश मिश्रा, अजय राय, आराधना मिश्रा, राजेश्वर पटेल, राघवेंद्र चौबे शामिल रहेंगे.

Last Updated : Oct 10, 2021, 11:45 AM IST
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