वाराणसी: कमिश्नर दीपक अग्रवाल ने गुरुवार को सिगरा स्थित कोविड कमांड कंट्रोल सेंटर में अधिकारियों के साथ बैठक की. बैठक में कमिश्नर ने वैश्विक महामारी के संक्रमण एवं उससे बचाव को लेकर दिशा-निर्देश दी. वहीं दायित्वों के निर्वहन में सुस्ती बरतने वाले अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की बात कही. अपने-अपने दायित्वों के निर्वहन में सुधार लाए जाने हेतु 24 घंटे की मोहलत दी है.
कमिश्नर दीपक अग्रवाल पॉजिटिव कोरोना संक्रमित मरीजों की सूचनाएं पोर्टल पर धीमी गति से अपलोड किए जाने पर भी जमकर बरसे. संबंधित चिकित्सा विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया. उन्होंने कहा कि 24 घंटे के अंदर कोरोना संक्रमित मरीजों की सूचनाएं पोर्टल पर प्रत्येक दशा में अपलोड कर दिया जाए. अब इसमें कोई कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी. उन्होंने कहा कि सूचनाएं पोर्टल पर अपलोड न होने एवं बैकलॉग होने पर संबंधितों की जिम्मेदारी निर्धारित कर कार्रवाई की जाएगी.
उन्होंने कहा पोर्टल पर अपलोड होने के बाद रैपिड रिस्पांस टीम तत्काल मरीज को होम आइसोलेशन या कोविड अस्पताल में शिफ्ट करने का निर्णय लें ताकि मरीज को शीघ्र चिकित्सा सुविधा प्राप्त होने लगे. उन्होंने एंटीजन कीट द्वारा लिए जा रहे सैम्पल के परिणाम भी पोर्टल पर तत्काल अपलोड किए जाने का निर्देश देते हुए कहा कि इसमें बैकलॉग कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. एंटीजन कीट द्वारा सैंपल कलेक्शन कर रहे टीम के अधिकारी की जिम्मेदारी होगी.
वहीं जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने बीते 29 जुलाई से शहरी क्षेत्र में बुखार, खांसी, संक्रमण के कारण सांस लेने में गंभीर समस्या के साथ ही रक्तचाप, किडनी लिवर रोग से पीड़ित मरीजों को चिन्हित करने की बात कही थी. कोविड-19 के तहत संचालित विशेष सर्विलांस अभियान में 192 टीम की जगह 60 टीम को ही कार्य करने की जानकारी पर गहरी नाराजगी जताई. इस दो सदस्यी विशेष सर्विलांस में आशा एवं आंगनबाड़ी कार्यकता को रखा गया है. टीम के सदस्यों द्वारा फील्ड में न पहुंचने के लिए एक-दूसरे पर दोषारोपण को जिलाधिकारी ने गंभीरता से लिया है.