वाराणसीः संस्कृत के अति प्राचीन संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय (Sampurnanand Sanskrit University) की निगरानी अब स्वयं सीएम योगी आदित्यनाथ करेंगे. कुलपति प्रोफेसर हरे राम त्रिपाठी के साथ बुधवार को देर शाम हुई बैठक में सीएम योगी ने विश्वविद्यालय के अध्ययन-अध्यापन, शोध कार्य व अन्य प्रगति की आख्या हर दो माह पर प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है.
कुलपति प्रो. हरे राम त्रिपाठी ने बताया कि बैठक में सीएम योगी ने आर्थिक व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए वेतन मद को तैयार कर शीघ्र प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है, जिससे कि विश्वविद्यालय की आर्थिक स्थिति को सुधारा जा सके. इसके साथ ही बैठक में सीएम ने विश्वविद्यालय को डिजिटल करने व परीक्षा विभाग के सत्यापन कार्य, परिणाम, लेखा विभाग की पारदर्शिता के साथ व्यवस्थित रूप से संस्कृत भाषा के विकास पर भी चर्चा की है. उन्होंने बताया कि सीएम योगी ने हर दो माह पर विश्वविद्यालय के अध्ययन-अध्यापन, शोध कार्य व प्रगति की आख्या प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है.
कुलपति ने बताया कि अब विश्वविद्यालय के सभी विभागीय कार्य डिजिटल तरीके से पारदर्शिता के साथ होंगे. साथ ही सभी विभागों में आंतरिक रूप से स्थानांतरण व संस्कृत परिषद में अध्यापकों की नियुक्ति के संपूर्ण कार्यो में पारदर्शिता पर बल दिया जाएगा. उन्होंने बताया कि अब जल्द ही विश्व विद्यालय की प्राचीन पांडुलिपियों के संरक्षण एवं प्रकाशन के लिए धन भी आवंटित किया जाएगा और विश्वविद्यालय की छात्रवृत्ति भी बढ़ाई जाएगी. जिससे विद्यार्थियों को इसका लाभ मिल सके और संस्कृत भाषा के वृहद विकास के साथ-साथ विश्वविद्यालय का भी विकास हो सके.
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बता दें कि सरकार द्वारा समय-समय पर संस्कृत विश्वविद्यालय के सांस्कृतिक व आध्यात्मिक विकास के लिए तमाम कवायद की जाती है. जिससे इस विश्वविद्यालय का अपना स्वरूप भी सुरक्षित रहे और यह समय के अनुसार विकसित भी होता रहे.