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चुनावी चौपाल: सारी दुनिया का बोझ हम उठाते हैं, लेकिन हमारे हित में नहीं हुआ कोई काम

वाराणसी का कुली समाज मौजूदा सरकार में हुई अनदेखी से नाराज है. कुलियों की मांग है कि उन्हें चतुर्थ श्रेणी में समायोजित किया जाए.

कुलियों से चुनावी चौपाल
कुलियों से चुनावी चौपाल
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Published : Jan 25, 2022, 5:30 PM IST

वाराणसी: यूपी में बीजेपी सरकार सबका साथ, सबका विकास के नारे के साथ कार्य कर रही है. सरकार में बैठे लोगों का कहना है कि उत्तर प्रदेश में 70 सालों में जितना विकास नहीं हुआ, उतना 5 साल के कार्यकाल में किया गया है. इन्हीं सब दावों की हकीकत जानने के लिए ईटीवी भारत ने कुलियों से मुलाकात की और दावों की हकीकत जानी.

कुली समुदाय के लोगों का कहना था कि इस सरकार में हमारी अनदेखी की गई है. कोरोना काल में पहले तो 3 महीने सरकार ने 1000 रुपये भिजवाया, उसके बाद हम लोगों को भूल गई. 2008 में कुलियों की स्थिति देखते हुए सरकार ने चतुर्थ श्रेणी क्लास में हम लोगों का समायोजन किया गया था, इसके बाद सरकार ने कोई बहाली नहीं की. इनकी मांग है कि बचे हुए कुलियों को चतुर्थ श्रेणी में समायोजित किया जाए.

कुलियों से चुनावी चौपाल

इसे भी पढे़ं- चुनावी चौपाल: योजनाएं तो ठीक पर महंगाई बड़ा मुद्दा,जानिए चुनावी चौपाल में क्या बोली महिलाएं......

वाराणसी के कैंट रेलवे स्टेशन पर कुलियों की संख्या 200 के आसपास है. जो रोज अपने कार्य के लिए स्टेशन पहुंच जाते हैं. आधुनिकता के दौर में कुलियों के काम पर असर देखने को मिला है. कुलियों का कहना है कि अब सूटकेस में पहिए लगे होते हैं, जिससे लोग 20 किलो तक लगेज खुद ले कर चलते हैं. जिससे अब लोगों को कुलियों की आवश्यकता नहीं पड़ती है.

पहले की सरकारों ने कुली के बारे में सोचा

कुली संगठन वाराणसी के अध्यक्ष केदार यादव ने बताया की वर्तमान सरकार को कुली समाज को एक प्रतिशत फायदा नहीं हुआ है. पूर्व सरकारों ने वर्दी, पास व मेडिकल की सुविधा दिया है. 2008 में जो सरकार थी उसने कुलियों को नौकरी देने का काम किया. इस सरकार से हम लोगो को बहुत उम्मीदें थी की जो बचे हुए कुली है उनको भी रोजगार देगी पर ऐसा नहीं हुआ. जिससे हम लोगों की स्थिति दयनीय हो गई. जो हम लोगों को सुविधाएं मिलती थी वो भी रोक दी गई.

कुलियों को दी जाए चतुर्थ श्रेणी की नौकरी

कुली केदार यादव ने बताया की हमारी मांग थी कि कुलियों को चतुर्थ श्रेणी का कर्मचारी घोषित किया जाए, जो 2008 में किया गया. कुछ कुलियों की उम्र होने के साथ वह अनफिट हो गए. उन लोगों ने अपने बैच बच्चों को दे दिए. अब कोरोना काल में दिक्कत का सामना करना पड़ा रहा है.

वाराणसी: यूपी में बीजेपी सरकार सबका साथ, सबका विकास के नारे के साथ कार्य कर रही है. सरकार में बैठे लोगों का कहना है कि उत्तर प्रदेश में 70 सालों में जितना विकास नहीं हुआ, उतना 5 साल के कार्यकाल में किया गया है. इन्हीं सब दावों की हकीकत जानने के लिए ईटीवी भारत ने कुलियों से मुलाकात की और दावों की हकीकत जानी.

कुली समुदाय के लोगों का कहना था कि इस सरकार में हमारी अनदेखी की गई है. कोरोना काल में पहले तो 3 महीने सरकार ने 1000 रुपये भिजवाया, उसके बाद हम लोगों को भूल गई. 2008 में कुलियों की स्थिति देखते हुए सरकार ने चतुर्थ श्रेणी क्लास में हम लोगों का समायोजन किया गया था, इसके बाद सरकार ने कोई बहाली नहीं की. इनकी मांग है कि बचे हुए कुलियों को चतुर्थ श्रेणी में समायोजित किया जाए.

कुलियों से चुनावी चौपाल

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वाराणसी के कैंट रेलवे स्टेशन पर कुलियों की संख्या 200 के आसपास है. जो रोज अपने कार्य के लिए स्टेशन पहुंच जाते हैं. आधुनिकता के दौर में कुलियों के काम पर असर देखने को मिला है. कुलियों का कहना है कि अब सूटकेस में पहिए लगे होते हैं, जिससे लोग 20 किलो तक लगेज खुद ले कर चलते हैं. जिससे अब लोगों को कुलियों की आवश्यकता नहीं पड़ती है.

पहले की सरकारों ने कुली के बारे में सोचा

कुली संगठन वाराणसी के अध्यक्ष केदार यादव ने बताया की वर्तमान सरकार को कुली समाज को एक प्रतिशत फायदा नहीं हुआ है. पूर्व सरकारों ने वर्दी, पास व मेडिकल की सुविधा दिया है. 2008 में जो सरकार थी उसने कुलियों को नौकरी देने का काम किया. इस सरकार से हम लोगो को बहुत उम्मीदें थी की जो बचे हुए कुली है उनको भी रोजगार देगी पर ऐसा नहीं हुआ. जिससे हम लोगों की स्थिति दयनीय हो गई. जो हम लोगों को सुविधाएं मिलती थी वो भी रोक दी गई.

कुलियों को दी जाए चतुर्थ श्रेणी की नौकरी

कुली केदार यादव ने बताया की हमारी मांग थी कि कुलियों को चतुर्थ श्रेणी का कर्मचारी घोषित किया जाए, जो 2008 में किया गया. कुछ कुलियों की उम्र होने के साथ वह अनफिट हो गए. उन लोगों ने अपने बैच बच्चों को दे दिए. अब कोरोना काल में दिक्कत का सामना करना पड़ा रहा है.

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