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फ्लाईओवर की ऊंचाई के हिसाब से तैयार हो रोपवे का बेस: मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र - देश की पहली शहरी रोप वे व्‍यवस्‍था

दो दिवसीय वाराणसी दौरे पहुंचे यूपी मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने टर्मिनल स्टेशन की भूमि का स्थलीय निरीक्षण करते हुए, रेल अधिकारियों के साथ मंथन के बाद कहा कि फ्लाईओवर की ऊंचाई के हिसाब से रोपवे बेस तैयार किया जाए.

मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र
मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र
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Published : Jul 30, 2022, 9:42 PM IST

वाराणसी: उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने अपने दो दिवसीय वाराणसी दौरे के दौरान शनिवार को काशी रेलवे स्टेशन पर बनने वाले इंटर मॉडल रेलवे स्टेशन और रोप-वे परियोजना का कैंट स्टेशन के पास प्रस्तावित टर्मिनल स्टेशन की भूमि का स्थलीय निरीक्षण किया. निरीक्षण के दौरान मौके पर मौजूद रेलवे बोर्ड के सदस्य (इंफ्रा) सुधांशु शर्मा के साथ उन्होंने मुख्य परिसर स्थित यात्री आश्रय गृह के समीप चिंहित भूमि को देखा.

रेल अफसरों ने मुख्य सचिव को विकल्प के तौर पर आरएमएस कॉलोनी और ऑटो रिक्शा प्रीपेड स्टैंड का नाम भी सुझाया. हालांकि, रेलवे के पास पर्याप्‍त जमीन होने की वजह से यहीं रोपवे के शुरुआती टर्मिनल को बनाने की तैयारी की जा रही है. इसके पूर्व मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा ने स्टेशन निदेशक कार्यालय में रेल अधिकारियों के साथ परियोजना के बाबत चर्चा की. जहां फ्लाईओवर से रोपवे की ऊंचाई के हिसाब से बेस तैयार करने पर मंथन हुआ.


दरअसल, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का संसदीय क्षेत्र वाराणसी में देश की पहली शहरी रोप वे व्‍यवस्‍था(Country first urban ropeway system) होने जा रही है. रोप-वे कैंट रेलवे स्टेशन से गोदौलिया चौराहे तक जायेगा. इसकी कुल दूरी 3.8 किलोमीटर तक होगी. इस दूरी के बीच में पांच प्रमुख रेलवे स्टेशन (कैंट, काशी विद्यापीठ, रथयात्रा, गिरिजाघर और गोदौलिया) होंगे. इसके लिए अन्य प्रकिया पूरी होने के बाद जल्‍द ही इसे जमीन पर उतारने की तैयारी की जायेगी.

रोप-वे को जमीन पर उतारने के लिये ही मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा वाराणसी आकर पूरी तैयारी से अवगत होने के साथ ही परियोजना स्थल का भी निरीक्षण किया. वहीं, वाराणसी के काशी रेलवे स्टेशन को इंटर मॉडल रेलवे स्टेशन के रूप में डेवलप करने का प्रोजेक्ट बनाया गया है. अब इस पर जल्द काम शुरू करने की तैयारी की जा रही है. 2,200 करोड़ रुपये की लागत से इस स्टेशन को जल, थल और रेल नेटवर्क से जोड़ने की प्लानिंग है. इस स्टेशन का कायाकल्प शुरू हो गया है.

स्टेशन की सजावट के साथ ही स्टेशन के इंटरनल और आउटर एरिया को डेवलप किया जा चुका है. इसके बाद अब काशी स्टेशन से सीधे रोड को कनेक्ट करते हुए रास्ते को सीधे गंगा से जोड़ा जा रहा है. इसके पीछे मकसद यह है कि उत्तर प्रदेश में पहला ऐसा स्टेशन इंटर मॉडल रूप में डेवलप करना, जो सिर्फ रेल नेटवर्क से ही नहीं बल्कि जल, थल और रेल तीनों नेटवर्क से कनेक्ट होगा.

स्टेशन के अंतिम छोर से सीधे रोड निकाल कर उसे नमो घाट के अलावा रामनगर स्थित जाहलुपुर बंदरगाह से कनेक्ट किया जाएगा. इस परियोजना के बाबत भी उन्होंने स्थलीय निरीक्षण कर रेलवे के अधिकारियों जानकारी प्राप्त कर आवश्यक दिशा- निर्देश दिये. मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा ने सर्किट हाउस सभागार में अधिकारियों के साथ बैठक कर दोनों परियोजनाओं के प्रगति की गहन और विस्तार से समीक्षा की.

यह भी पढ़ें:बनारस के गंगा रेत में टेंट सिटी बसाये जाने के लिए वीडीए ने बढ़ाये कदम, टेंडर प्रक्रिया जारी

उन्होंने अधिकारियों को आपसी समन्वय के साथ कार्य को युद्धस्तर पर अभियान चलाकर निर्धारित समयावधि में मानक के अनुरूप उच्च गुणवत्ता के साथ कराए जाने के लिए निर्देशित किया. रोप-वे कार्य को 2 साल में पूरा कराये जाने पर उन्होंने विशेष जोर दिया, ताकि समय से रोप-वे उद्घाटित हो सके. इस दौरान रेलवे और विकास प्राधिकरण के अधिकारियों ने डिजिटल प्रेजेंटेशन के माध्यम से परियोजनाओं के संबंध में मुख्य सचिव को विस्तार से अवगत कराया.

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वाराणसी: उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने अपने दो दिवसीय वाराणसी दौरे के दौरान शनिवार को काशी रेलवे स्टेशन पर बनने वाले इंटर मॉडल रेलवे स्टेशन और रोप-वे परियोजना का कैंट स्टेशन के पास प्रस्तावित टर्मिनल स्टेशन की भूमि का स्थलीय निरीक्षण किया. निरीक्षण के दौरान मौके पर मौजूद रेलवे बोर्ड के सदस्य (इंफ्रा) सुधांशु शर्मा के साथ उन्होंने मुख्य परिसर स्थित यात्री आश्रय गृह के समीप चिंहित भूमि को देखा.

रेल अफसरों ने मुख्य सचिव को विकल्प के तौर पर आरएमएस कॉलोनी और ऑटो रिक्शा प्रीपेड स्टैंड का नाम भी सुझाया. हालांकि, रेलवे के पास पर्याप्‍त जमीन होने की वजह से यहीं रोपवे के शुरुआती टर्मिनल को बनाने की तैयारी की जा रही है. इसके पूर्व मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा ने स्टेशन निदेशक कार्यालय में रेल अधिकारियों के साथ परियोजना के बाबत चर्चा की. जहां फ्लाईओवर से रोपवे की ऊंचाई के हिसाब से बेस तैयार करने पर मंथन हुआ.


दरअसल, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का संसदीय क्षेत्र वाराणसी में देश की पहली शहरी रोप वे व्‍यवस्‍था(Country first urban ropeway system) होने जा रही है. रोप-वे कैंट रेलवे स्टेशन से गोदौलिया चौराहे तक जायेगा. इसकी कुल दूरी 3.8 किलोमीटर तक होगी. इस दूरी के बीच में पांच प्रमुख रेलवे स्टेशन (कैंट, काशी विद्यापीठ, रथयात्रा, गिरिजाघर और गोदौलिया) होंगे. इसके लिए अन्य प्रकिया पूरी होने के बाद जल्‍द ही इसे जमीन पर उतारने की तैयारी की जायेगी.

रोप-वे को जमीन पर उतारने के लिये ही मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा वाराणसी आकर पूरी तैयारी से अवगत होने के साथ ही परियोजना स्थल का भी निरीक्षण किया. वहीं, वाराणसी के काशी रेलवे स्टेशन को इंटर मॉडल रेलवे स्टेशन के रूप में डेवलप करने का प्रोजेक्ट बनाया गया है. अब इस पर जल्द काम शुरू करने की तैयारी की जा रही है. 2,200 करोड़ रुपये की लागत से इस स्टेशन को जल, थल और रेल नेटवर्क से जोड़ने की प्लानिंग है. इस स्टेशन का कायाकल्प शुरू हो गया है.

स्टेशन की सजावट के साथ ही स्टेशन के इंटरनल और आउटर एरिया को डेवलप किया जा चुका है. इसके बाद अब काशी स्टेशन से सीधे रोड को कनेक्ट करते हुए रास्ते को सीधे गंगा से जोड़ा जा रहा है. इसके पीछे मकसद यह है कि उत्तर प्रदेश में पहला ऐसा स्टेशन इंटर मॉडल रूप में डेवलप करना, जो सिर्फ रेल नेटवर्क से ही नहीं बल्कि जल, थल और रेल तीनों नेटवर्क से कनेक्ट होगा.

स्टेशन के अंतिम छोर से सीधे रोड निकाल कर उसे नमो घाट के अलावा रामनगर स्थित जाहलुपुर बंदरगाह से कनेक्ट किया जाएगा. इस परियोजना के बाबत भी उन्होंने स्थलीय निरीक्षण कर रेलवे के अधिकारियों जानकारी प्राप्त कर आवश्यक दिशा- निर्देश दिये. मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा ने सर्किट हाउस सभागार में अधिकारियों के साथ बैठक कर दोनों परियोजनाओं के प्रगति की गहन और विस्तार से समीक्षा की.

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उन्होंने अधिकारियों को आपसी समन्वय के साथ कार्य को युद्धस्तर पर अभियान चलाकर निर्धारित समयावधि में मानक के अनुरूप उच्च गुणवत्ता के साथ कराए जाने के लिए निर्देशित किया. रोप-वे कार्य को 2 साल में पूरा कराये जाने पर उन्होंने विशेष जोर दिया, ताकि समय से रोप-वे उद्घाटित हो सके. इस दौरान रेलवे और विकास प्राधिकरण के अधिकारियों ने डिजिटल प्रेजेंटेशन के माध्यम से परियोजनाओं के संबंध में मुख्य सचिव को विस्तार से अवगत कराया.

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