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सीएसए वैज्ञानिक के शोध का कमाल, हार्मोन्स के प्रयोग से बढ़ा बटन व ढिंगरी मशरूम का उत्पादन - MUSHROOM FARMING IN KANPUR

दो सालों तक लगातार हुआ शोध कार्य, 20 से 25 प्रतिशत तक फसलों का उत्पादन भी बढ़ेगा.

मशरूम
मशरूम (Photo Credit; ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jan 27, 2025, 3:40 PM IST

कानपुर: ऐसे किसान, जो मशरूम की खेती करते हैं उनके लिए कानपुर के चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय से खुशखबरी खबर सामने आई है. दरअसल, अब किसान बटन और ढिंगरी मशरूम की खेती में प्लांट ग्रोइंग हार्मोंस का प्रयोग कर सकेंगे, जिससे उनकी फसलों का उत्पादन भी सामान्य खेती की अपेक्षा बढ़ेगा और समय से पहले फसलें भी तैयार हो जाएंगी. बता दें कि बटन मशरूम की डिमांड देश और विदेशों में बहुत अधिक रहती है, जबकि ढिंगरी मशरूम प्रदेश के अधिकतर शहरों में खाया जाता है. सीएसए के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. एसके बिस्वास ने बताया हार्मोंस के प्रयोग से फसलों को किसी तरह का कोई नुकसान नहीं होगा. वहीं, जो हार्मोंस हैं वह आसानी से किसानों को मिल सकेंगे.

हार्मोन्स के प्रयोग से बढ़ा बटन व ढिंगरी मशरूम का उत्पादन (Video Credit; ETV Bharat)

डॉ. एसके बिस्वास ने बताया, शोध कार्य के दौरान नेफ्थलीन एसिटिक एसिड व साइटोकाइनिन समेत डिवेलिक एसिड हार्मोंस बेहद कारगर हैं. इन तीनों की अलग-अलग मात्रा (0.2 प्रतिशत, 0.4 प्रतिशत, 0.6 प्रतिशत) लेकर बटन और ढिंगरी मशरूम की फसल तैयार की गई गई है. ढिंगरी मशरूम में नेफ्थलीन एसिटिक एसिड मिलाया गया और बटन में 0.4 प्रतिशत साइटोकाइनिन मिलाया गया. इन हार्मोंस से जहां फसलों के उत्पादन में 20 से 25 प्रतिशत इजाफा हुआ और दोनों ही फसलें पांच से 10 दिनों पहले ही तैयार हो गईं. दोनों ही मशरूम की प्रजातियों में फ्रूटिंग भी बढ़ी मिली. वहीं, बटन में कैप की मोटाई भी अच्छी थी.



डा.एसके बिस्वास ने बताया कि मशरूम में विटामिंस के गुणों की खान होती है. सूर्य के अलावा विटामिन डी भी मशरूम में जबर्दस्त मिलता है. इसी तरह विटामिन ए, बी, सी की मात्रा भी अच्छी खासी पाई जाती है. मशरूम सेहत के लिए बहुत अधिक फायदेमंद है.

यह भी पढ़ें: बनारस की मशरूम क्वीन; 4 गमलों से शुरू की खेती, अब सालाना 30 लाख तक की इनकम, 24 महिलाओं को दे रहीं जाॅब

यह भी पढ़ें: यूपी के किसानों आमदनी में जबरदस्त उछाल, मशरूम की खेती से 500 लगाकर कमा रहे 4000 रुपये - Mushroom farming

कानपुर: ऐसे किसान, जो मशरूम की खेती करते हैं उनके लिए कानपुर के चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय से खुशखबरी खबर सामने आई है. दरअसल, अब किसान बटन और ढिंगरी मशरूम की खेती में प्लांट ग्रोइंग हार्मोंस का प्रयोग कर सकेंगे, जिससे उनकी फसलों का उत्पादन भी सामान्य खेती की अपेक्षा बढ़ेगा और समय से पहले फसलें भी तैयार हो जाएंगी. बता दें कि बटन मशरूम की डिमांड देश और विदेशों में बहुत अधिक रहती है, जबकि ढिंगरी मशरूम प्रदेश के अधिकतर शहरों में खाया जाता है. सीएसए के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. एसके बिस्वास ने बताया हार्मोंस के प्रयोग से फसलों को किसी तरह का कोई नुकसान नहीं होगा. वहीं, जो हार्मोंस हैं वह आसानी से किसानों को मिल सकेंगे.

हार्मोन्स के प्रयोग से बढ़ा बटन व ढिंगरी मशरूम का उत्पादन (Video Credit; ETV Bharat)

डॉ. एसके बिस्वास ने बताया, शोध कार्य के दौरान नेफ्थलीन एसिटिक एसिड व साइटोकाइनिन समेत डिवेलिक एसिड हार्मोंस बेहद कारगर हैं. इन तीनों की अलग-अलग मात्रा (0.2 प्रतिशत, 0.4 प्रतिशत, 0.6 प्रतिशत) लेकर बटन और ढिंगरी मशरूम की फसल तैयार की गई गई है. ढिंगरी मशरूम में नेफ्थलीन एसिटिक एसिड मिलाया गया और बटन में 0.4 प्रतिशत साइटोकाइनिन मिलाया गया. इन हार्मोंस से जहां फसलों के उत्पादन में 20 से 25 प्रतिशत इजाफा हुआ और दोनों ही फसलें पांच से 10 दिनों पहले ही तैयार हो गईं. दोनों ही मशरूम की प्रजातियों में फ्रूटिंग भी बढ़ी मिली. वहीं, बटन में कैप की मोटाई भी अच्छी थी.



डा.एसके बिस्वास ने बताया कि मशरूम में विटामिंस के गुणों की खान होती है. सूर्य के अलावा विटामिन डी भी मशरूम में जबर्दस्त मिलता है. इसी तरह विटामिन ए, बी, सी की मात्रा भी अच्छी खासी पाई जाती है. मशरूम सेहत के लिए बहुत अधिक फायदेमंद है.

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