वाराणसी : कोविड-19 के लंबे दौर के बाद एक फरवरी को देश का आम बजट पेश हुआ. आम बजट आने से पहले बहुत से लोग यह उम्मीदें लगाए बैठे थे कि इस बार बड़ी राहत मिलेगी क्योंकि हर कोई कोविड-19 की वजह से परेशानियों से जूझ रहा था और आर्थिक स्थिति डांवाडोल थी. हर कोई सरकार से काफी बड़ी राहत की उम्मीद लगा कर बैठा था, लेकिन इस बजट में खास क्या रहा और इसका क्या असर दिखेगा, इसके बारे में ईटीवी भारत ने एक्सपर्ट्स से बातचीत की और उनकी राय जानी. फिलहाल अगर बजट को नंबर दिए जाने की बात हो तो बनारस में फाइनेंशियल एक्सपर्ट्स ने बजट को 10 में से आठ नंबर दिए हैं.
'सरकार ने लिया नहीं तो दिया भी नहीं'
सीनियर चार्टर्ड अकाउंटेंट मुदित अग्रवाल ने बजट को बहुत अच्छा नहीं बताया. उन्होंने इस पूरे मसले पर बजट को 10 में से 6 नंबर देते हुए कहा कि बजट में न कुछ लिया गया है और न ही कुछ दिया गया है. इसलिए बहुत बेहतर तो नहीं, हां ठीक ठाक बजट कहा जाएगा. मुदित ने साफ तौर पर कहा कि जिस तरह से सरकार ने कोविड-19 के दौर में कोई नया टैक्स पब्लिक पर नहीं लगाया, वह बड़ी राहत मानी जा सकती है, लेकिन टैक्स स्लैब में कोई बदलाव न होना और जीएसटी में छोटे व्यापारियों के लिए कोई बदलाव न किया जाना, यह थोड़ा मायूस करने वाला जरूर है. सरकार ने इस बजट में रेवेन्यू बढ़ाने पर विशेष ध्यान दिया है. इसका सबसे बड़ा लाभ देश को मिलेगा. लेकिन इसके लिए बेहद जरूरी है कि लोग समय से अपने टैक्स आदि का भुगतान करते रहें.
'अच्छा नहीं, बैलेंस बजट'
एक्सपर्ट पैनल में मौजूद अन्य चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ने भी इस बजट को बहुत अच्छा नहीं, बैलेंस बताया है. चार्टर्ड अकाउंटेंट रामेश्वर मिश्रा और चार्टर्ड अकाउंटेंट सज्जन कुमार का कहना है कि बजट उद्योगपतियों से लेकर व्यापारी वर्ग के लिए बहुत बड़ी राहत देने वाला साबित नहीं होने वाला है. एमएसएमई और कुटीर उद्योगों को लेकर भी कोई राहत न मिलना व्यापारी व उद्योगपतियों के लिए कोई फायदे का सौदा होता दिखाई नहीं दे रहा है. कुल मिलाकर यह बजट पुराने बजट को ही आगे बढ़ाने जैसा दिखाई दे रहा है.
'सीनियर सिटीजन को बड़ी राहत'
चार्टर्ड अकाउंटेंट राजेश जायसवाल का कहना है कि कोविड-19 संक्रमण काल के बाद सरकार ने कोई टैक्स नहीं लगाया है. यह सरकार की बड़ी उपलब्धि है. उन्होंने कहा कि सरकार ने जनता के दर्द को समझा है. सीनियर सिटीजन का ध्यान रखा गया है. 75 वर्ष से ऊपर के लोगों को इनकम टैक्स रिटर्न फाइल न करने का फैसला अच्छा है. इसके अलावा जो कर्मचारी हैं, उनका ईएसआई या अन्य पेमेंट एंप्लॉयर टाइम से नहीं पेड करता है तो उसके लिए अलग से काम होगा. सख्ती होगी, जिससे नौकरी पेशा लोगों को बड़ी राहत मिलेगी. टैक्सेशन में कोई बदलाव नहीं है. जैसा पिछली बार था इस बार भी है, लेकिन नया टैक्स न लगना ज्यादा फायदेमंद है.
'अभी नहीं, भविष्य में दिखेगा असर'
चार्टर्ड अकाउंटेंट आलोक शिवप्रसाद का कहना है कि कोविड-19 की वजह से कोई एडिशनल टैक्स नहीं लगाया गया है. यह बड़ी राहत है. रेलवे सेक्टर में अच्छा खासा इन्वेस्टमेंट किया गया है, जिससे इंफ्रास्ट्रक्चर में बढ़ोतरी होगी. कुल मिलाकर यह कहा जा सकता है कि जैसी उम्मीद थी, बजट वैसा ही है. हालांकि बहुत लोग ज्यादा उम्मीद लगाए बैठे थे. स्टैंड अप में अमाउंट में बढ़ोतरी की गई है, इससे दूरगामी परिणाम देखने को मिलेंगे. निकट भविष्य में इसका फायदा भले न दिखे, लेकिन साल-2 साल बाद इसका असर जरूर दिखेगा.
बजट 2021-22 : यहां जानिए सभी मुख्य बातें
एक्सपर्ट का कहना है कि सीधे-साधे शब्दों में कहा जाए तो आम लोगों पर इस बजट का बहुत ज्यादा असर नहीं पड़ने जा रहा है. इससे कोई खुश नहीं होने जा रहा है, क्योंकि यह भविष्य का बजट कहा जा सकता है. आम लोग तो तुरंत का फायदा देखते हैं लेकिन तुरंत में कोई फायदा होने वाला नहीं है. इस वजह से लोगों को निराशा ही लगेगी क्योंकि महंगाई पर इसका कोई असर नहीं होगा. अच्छा खासा इन्वेस्टमेंट रेलवे से लेकर राजमार्ग और सड़क निर्माण में किया गया है. स्वास्थ्य सुविधाओं में भी काफी ज्यादा इन्वेस्टमेंट किया गया, जो यह साफ कर रहा है कि कोविड-19 के बाद हेल्थ को लेकर सरकार सोच रही है, जो अच्छी बात है. इससे बड़ा फायदा होगा, लेकिन आज बजट आए और आज फायदा दिख जाए, वह नहीं होने वाला है.