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संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय में लागू होगा सीबीसीएस सिस्टम, प्रशासन बच्चों का करेगा मूल्यांकन

संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय (Sampurnanand Sanskrit University, varanasi) में जल्द ही सीबीसीएस सिस्टम (CBCS System) लागू होगा. इस सिस्टम के माध्यम से विश्वविद्यालय प्रशासन बच्चों का मूल्यांकन करेगा. इसके अलावा विश्वविद्यालय में छात्र-छात्रों को शास्त्री और आचार्य की डिग्री दी जाएगी.

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संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय
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Published : May 26, 2022, 6:34 PM IST

वाराणसी: संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय (Sampurnanand Sanskrit University, varanasi) अब समय के साथ अपने आप को विकास के पहिए पर आगे बढ़ा रहा है. यही वजह है कि विश्वविद्यालय में अब सीबीसीएस सिस्टम (CBCS System) को लागू किया जाएगा. राजभवन से हरी झंडी मिलने के बाद विश्वविद्यालय प्रशासन अब सीबीसीएस सिस्टम से बच्चों का मूल्यांकन करेगा. इसके साथ ही विश्वविद्यालय में योगा में शास्त्री और आचार्य की डिग्री दी जाएगी.

सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय वाराणसी के कुलपति प्रो. हरे राम त्रिपाठी (Vice Chancellor Prof. Hare Ram Tripathi) ने बताया कि शास्त्री योग, आचार्य योग एवं स्नातकोत्तर योग अध्ययन डिप्लोमा पाठ्यक्रम संचालन के लिये कुलाधिपति की मुहर लगकर स्वीकृति प्राप्त हुई. उन्होंने बताया कि यह पाठ्यक्रम स्ववित्तपोषित योजना के अन्तर्गत संचालित किये जाएंगे और इन पाठ्यक्रमों को परिनियमावली में यथा स्थान पर समाहित करने का भी निर्देश प्राप्त है.

उन्होंने बताया कि योग मे स्नातकोत्तर उत्तीर्ण विद्यार्थी को योग मे शोध भी कराया जाएगा, जिससे उन्हें रोजगार के विभिन्न आयामों से जोड़ा जा सकेगा. साथ ही, विद्यार्थियों को विद्यालयों, महाविद्यालयों और विश्वविद्यालय स्तर पर इन्हें योग शिक्षक बनकर सेवा करने का अवसर आसानी से प्राप्त होगा.

यह भी पढ़ें: UP Budget 2022: मेधावी छात्राओं को स्कूटी देने भूली योगी सरकार, घोषणा पत्र में किया था वादा

सीबीसीएस सिस्टम पर होगा मूल्यांकन

उन्होंने बताया कि पाठ्यक्रम च्वाइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम एवं ग्रेडिंग प्रणाली (Choice based credit system and grading) आधार पर पाठ्यक्रम को परिवर्तित किया जाएगा. यह पूरी प्रक्रिया मूल्यांकन क्रेडिट आधारित प्रणाली पर यानि कि सीबीसीएस सिस्टम पर आधारित है. इसका मुख्य उद्देश्य छात्रों की आवश्यकताओं को ध्यान में रखना होता है, ताकि भारत और विकसित देशों की उच्च शिक्षा के विकास में साथ-साथ आधुनिकता विद्यामान रहे. उन्होंने बताया कि सीबीसीएस सिस्टम का उद्देश्य शिक्षा में उदारीकरण और वैश्वीकरण को एक साथ बनाए रखने के लिए पाठ्यक्रम को भी पुनः परिभाषित किया गया है. जिसे हम विकल्प आधारित क्रेडिट प्रणाली या सीबीसीएस सिस्टम कहते हैं.

सभी विश्वविद्यालयों में लागू है ये व्यवस्था

विश्वविद्यालय अनुदान आयोग यानि कि यूजीसी के द्वारा सभी विश्वविद्यालयों में च्वाइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम सीबीसीएस लागू कर दिया गया है. सभी विश्वविद्यालय इसे लागू करते जा रहे है. यूजीसी द्वारा माना गया है कि इससे शिक्षा की गुणवत्ता और छात्रों की परफारमेंस सुधार आया है. विदेशों में सीबीसीएस सिस्टम पहले से ही लागू है. इस सिस्टम के अंतर्गत छात्रों के पास निर्धारित पाठ्यक्रमों को चयन करने के विकल्प मौजूद होते हैं, जिसको मूल, निर्वाचित या मामूली या मृदु कौशल पाठ्यक्रम के रूप में प्रस्तुत किया गया है, जिसे वह अपने मन मुताबिक सीख सकते हैं.

वाराणसी: संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय (Sampurnanand Sanskrit University, varanasi) अब समय के साथ अपने आप को विकास के पहिए पर आगे बढ़ा रहा है. यही वजह है कि विश्वविद्यालय में अब सीबीसीएस सिस्टम (CBCS System) को लागू किया जाएगा. राजभवन से हरी झंडी मिलने के बाद विश्वविद्यालय प्रशासन अब सीबीसीएस सिस्टम से बच्चों का मूल्यांकन करेगा. इसके साथ ही विश्वविद्यालय में योगा में शास्त्री और आचार्य की डिग्री दी जाएगी.

सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय वाराणसी के कुलपति प्रो. हरे राम त्रिपाठी (Vice Chancellor Prof. Hare Ram Tripathi) ने बताया कि शास्त्री योग, आचार्य योग एवं स्नातकोत्तर योग अध्ययन डिप्लोमा पाठ्यक्रम संचालन के लिये कुलाधिपति की मुहर लगकर स्वीकृति प्राप्त हुई. उन्होंने बताया कि यह पाठ्यक्रम स्ववित्तपोषित योजना के अन्तर्गत संचालित किये जाएंगे और इन पाठ्यक्रमों को परिनियमावली में यथा स्थान पर समाहित करने का भी निर्देश प्राप्त है.

उन्होंने बताया कि योग मे स्नातकोत्तर उत्तीर्ण विद्यार्थी को योग मे शोध भी कराया जाएगा, जिससे उन्हें रोजगार के विभिन्न आयामों से जोड़ा जा सकेगा. साथ ही, विद्यार्थियों को विद्यालयों, महाविद्यालयों और विश्वविद्यालय स्तर पर इन्हें योग शिक्षक बनकर सेवा करने का अवसर आसानी से प्राप्त होगा.

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सीबीसीएस सिस्टम पर होगा मूल्यांकन

उन्होंने बताया कि पाठ्यक्रम च्वाइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम एवं ग्रेडिंग प्रणाली (Choice based credit system and grading) आधार पर पाठ्यक्रम को परिवर्तित किया जाएगा. यह पूरी प्रक्रिया मूल्यांकन क्रेडिट आधारित प्रणाली पर यानि कि सीबीसीएस सिस्टम पर आधारित है. इसका मुख्य उद्देश्य छात्रों की आवश्यकताओं को ध्यान में रखना होता है, ताकि भारत और विकसित देशों की उच्च शिक्षा के विकास में साथ-साथ आधुनिकता विद्यामान रहे. उन्होंने बताया कि सीबीसीएस सिस्टम का उद्देश्य शिक्षा में उदारीकरण और वैश्वीकरण को एक साथ बनाए रखने के लिए पाठ्यक्रम को भी पुनः परिभाषित किया गया है. जिसे हम विकल्प आधारित क्रेडिट प्रणाली या सीबीसीएस सिस्टम कहते हैं.

सभी विश्वविद्यालयों में लागू है ये व्यवस्था

विश्वविद्यालय अनुदान आयोग यानि कि यूजीसी के द्वारा सभी विश्वविद्यालयों में च्वाइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम सीबीसीएस लागू कर दिया गया है. सभी विश्वविद्यालय इसे लागू करते जा रहे है. यूजीसी द्वारा माना गया है कि इससे शिक्षा की गुणवत्ता और छात्रों की परफारमेंस सुधार आया है. विदेशों में सीबीसीएस सिस्टम पहले से ही लागू है. इस सिस्टम के अंतर्गत छात्रों के पास निर्धारित पाठ्यक्रमों को चयन करने के विकल्प मौजूद होते हैं, जिसको मूल, निर्वाचित या मामूली या मृदु कौशल पाठ्यक्रम के रूप में प्रस्तुत किया गया है, जिसे वह अपने मन मुताबिक सीख सकते हैं.

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