लखनऊ: उत्कृष्ट अटल 2.0 के अन्तर्गत स्पेस टेक एक्सपो कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने हिस्सा लेते हुए कहा कि समाज के वंचित तबकों के बच्चों को शिक्षा और रोजगार की मुख्य धारा से जोड़ने में अटल आवासीय विद्यालय मील का पत्थर साबित होगें. यह संस्थान शिक्षण के साथ-साथ वर्तमान में उन्नत तकनीक और कौशल प्रशिक्षण तथा ज्ञान-विज्ञान की विभिन्न शाखाओं में अंतरराष्ट्रीय स्तर के विचार विनिमय केन्द्र के रूप में विकसित हो रहे हैं.
मनोज कुमार सिंह ने कहा कि उन्हें आशा ही नहीं, पूर्ण विश्वास है कि अटल आवासीय विद्यालय अपने सभी उद्देश्यों को पूरा करते हुए प्रदेश और राष्ट्र के निर्माण में अपना महत्वपूर्ण योगदान देंगे. उन्होंने विद्यालय के शिक्षकों से बच्चों को शिक्षा के साथ-साथ शिष्टाचार, नैतिकता, संस्कारवान बनाये जाने का आग्रह किया. जिससे वे भविष्य में एक अच्छे इंसान भी बनें.
इस मौके पर प्रमुख सचिव श्रम एवं सेवायोजन डॉ. एमके शन्मुगा सुन्दरम ने कहा कि अटल आवासीय विद्यालय सिर्फ एक विद्यालय नहीं, बल्कि आवासीय विद्यालयों के रूप में एक क्रांतिकारी शिक्षा मॉडल होंगें, जो हजारों श्रमिक परिवारों पर प्रभाव डालेंगें और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा से वंचित हजारों श्रमिक बच्चों और उनके परिवारों के जीवन को परिवर्तित करने में सक्षम होंगे.
मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने कहा कि पूर्व में विद्यालय के छात्र-छात्राओं को इसरो स्पेस सेन्टर जाने का अवसर प्राप्त हुआ. जहां उन्होंने ब्रह्मांड के रहस्यों को और नजदीक से जाना. आज हमारे बीच इसरों के निदेशक नीलेश देसाई और उनकी टीम का होना इस विद्यालय और अध्ययनरत विद्यार्थियों के लिये एक अति उत्साह का विषय है. इसके लिये उन्होंने इसरो की टीम और उनके निदेशक का आभार व्यक्त किया है.
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महानिदेशक, अटल आवासीय विद्यालय गजल भारद्वाज ने बताया कि पांच वर्ष पूर्व उत्तर प्रदेश सरकार और यूपीबीओसी बोर्ड ने आज के ही दिन 18 अटल आवासीय विद्यालय की नींव रखी थी. आज जब अटल आवासीय विद्यालय अपने दूसरे शैक्षणिक सत्र के सफल समापन की ओर हैं तो उत्कृष्ट अटल 2.0 नाम से स्पेस टेक एक्सपो का आयोजन समी 18 अटल आवासीय विद्यालयों में किया जा रहा है. शैक्षणिक सत्र 2024-25 के दौरान सीबीएससी के पाठ्यक्रम और भारत की नई शिक्षा नीति के अनुरूप यूपीबीओसी बोर्ड की तरफ से विभिन्न एनजीओ और प्राईवेट पार्टनर के साथ सीएसआर पायलेट के रूप में सभी 18 विद्यालयों में एक्टिविटी बेस एजुकेटिव मॉड्यूल चलाये गये.
बोर्ड की तरफ से भारत के प्रतिष्ठत वैज्ञानिक संस्थाओं से पार्टरशिप कर विद्यार्थियों के लिये विजिट का आयोजन कराया गया. उन्होंने कहा कि जिस प्रकार ग्रह में सभी सितारे गुरुत्वाकर्षण से बंधे हैं ठीक वैसे ही अटल आवासीय विद्यालय जैसी बड़ी प्रशासनिक पहल के पीछे एक बहुत बड़ी टीम दिन-रात उनके सफल संचालन के लिये मेहनत करती है. बहुत सारे लोगों का, विभागों का, अधिकारियों का अटल विद्यालयों की नींव रखे जाने में योगदान रहा है. विद्यालय में बेस्ट स्कूलिंग प्रैक्टिस अपनायी जायेगी, जिससे विद्यालय के बच्चे भविष्य में देश-विदेश के प्रतिष्ठित वैज्ञानिक, अधिकारी और इन सबसे ऊपर एक अच्छे इंसान बनेंगे.
इस कार्यक्रम में सभी मण्डलों में स्थापित अटल आवासीय विद्यालयों की तरफ से वर्चुअल रूप से हिस्सा लिया. कार्यक्रम में प्रत्येक अटल आवासीय विद्यालयों से छात्र-छात्राओं की तरफ से क्विज प्रतियोगिता, रोबोटिक्स एवं स्पेस एक्सप्लोरेशन से संबन्धित प्रोजेक्ट्स की प्रदर्शनी में हिस्सा लिया गया. साथ ही छात्र-छात्राओं ने सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किया. छात्र-छात्राओं में इसरो के निदेशक की उपस्थित होने से उत्साह का वातावरण था. बच्चों ने उत्साहपूर्वक अपने बनाए विज्ञान प्रोजेक्ट्स का प्रदर्शन किया, जिसे देखकर मुख्य सचिव और इसरो निदेशक ने प्रसन्नता व्यक्त की और विद्यार्थियों को प्रोत्साहित भी किया.
उत्तर प्रदेश भवन और अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड की तरफ से संचालित अटल आवासीय विद्यालय योजना के अन्तर्गत प्रदेश के 18 राजस्व मण्डलों में राज्य सरकार के राजकोष से करीब 1267.45 करोड़ की लागत से श्रम विभाग के माध्यम से अटल आवासीय विद्यालयों का निर्माण कराया गया है. अटल आवासीय विद्यालयों का संचालन उत्तर प्रदेश भवन व अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड की तरफ से किया जा रहा है. विद्यालयों के सुचारू रूप से संचालन के लिए बोर्ड की तरफ से 2250 करोड़ रुपये का कार्पस फण्ड बनाया गया है.
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