वाराणसी: जिले में नाव संचालन एक बार फिर से शुरू हो गया. पहाड़ों में हो रही बारिश के कारण लगातार गंगा का जलस्तर बढ़ रहा था, जिसके वजह से सुरक्षा को देखते हुए जिला प्रशासन के आदेश पर वाराणसी के 84 घाटों पर नाव संचालन पूरी तरीके से प्रतिबंध कर दिया गया. लगभग महीने भर तक नाव संचालन बंद रहा, जिससे नाविक को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा.
पर्यटक हुए खुश
84 घाटों के अर्धचंद्राकार आकृति में काशी बसा हुआ है. इस अद्भुत छटा को देखने के लिए देश ही नहीं बल्कि सात समंदर पार से पर्यटक काशी आते हैं. नाव संचालन एक बार फिर से शुरू होने पर पर्यटकों के चेहरे पर खुशी है. नाव पर सवार होकर मां गंगा की गोद में बैठकर पर्यटक काशी के अर्धचंद्राकार ऐतिहासिक घाटों का अब दीदार कर रहे हैं. जिससे पर्यटकों के चेहरे पर काफी खुशी नजर आ रही है.
जिला प्रशासन द्वारा यह निर्देश भी दिया गया है कि सुरक्षा की दृष्टि से हर नाव पर क्षमता से ज्यादा लोगों को न बैठाया जाए. उसके साथी लाइफ जैकेट के साथ बचाव की सामग्री हर नाव पर उपलब्ध हो तभी उस नाव का संचालन किया जाएगा.
राकेश कुमार वर्मा ने बताया कि मैं कानपुर से आया हूं और आज नाव से गंगा में घूम कर बहुत ही आनंद आया. मुझे आज ही पता चला कि आज से नाव संचालन शुरू हुआ है. बहुत दिन से संचालन बंद था. पानी पहले से कुछ बढ़ा है. लेकिन बहुत ही आनंद आया. काशी के अद्भुत दृश्य को देखने को मिला.
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नाविक शंभू नाथ माझी ने बताया कि गंगा में बाढ़ का पानी बढ़ जाने की वजह से हम लोगों की नाव संचालन को पूरी तरह से प्रतिबंध कर दिया गया था. सुरक्षा को देखते हुए नाव संचालन को बंद किया गया था. इस समय गंगा का जलस्तर घट गया है और पानी स्थाई हो गया है. नौका संचालन का अनुमति आज से जिला प्रशासन से हमको दिया गया है. अनुमति के साथ ही कोविड-19 के नियम का पालन करना है. लाइफ जैकेट के साथ बचाव की सामग्री रखनी है. नौका संचालन ही हम लोग का रोजी रोटी का एकमात्र साधन है. नाव संचालन बंद हो जाता है तो हम लोग के परिवारों को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ता है.