वाराणसी: जनपद के सिगरा के जय प्रकाश नगर में बुधवार देर रात बीयर पीकर झगड़ा करने से मना करने पर मनबढ़ युवकों ने हॉकी-डंडे और रॉड से पीट-पीट कर भाजपा के बुजुर्ग नेता और भारतीय जनता पार्टी के क्षेत्रीय संयोजक पशुपतिनाथ सिंह की हत्या कर दी थी. वहीं, इस मामले में पुलिस की 5 टीमों ने दबिश देकर 5 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. जबकि 17 लोगों को नामजद करते हुए एफआईआर की गई है. साथ ही पुलिस कमिश्नर ए. सतीश गणेश ने 2 दारोगा सहित 9 पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया है.
जानकारी के मुताबिक, सिगरा थाना के जय प्रकाश नगर में भाजपा के पूर्व पार्षद प्रत्याशी रहे और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े पशुपतिनाथ सिंह का मकान है. उनके मकान से सटे उनकी दुकान में बीयर और देसी शराब का सरकारी ठेका है. बुधवार की रात चार-पांच युवक बीयर लेकर देसी शराब के ठेके में घुस गए. इस दौरान लेनदेन को लेकर कैंटीन संचालक से उन युवकों की मारपीट हो गई. सेल्समैन यादवेंद्र यादव की सूचना पर राजन सिंह आए और मारपीट कर रहे युवकों को उन्होंने ठेके से बाहर कर दिया. मारपीट की जानकारी पाकर थोड़ी देर बाद पशुपतिनाथ सिंह भी शराब ठेके पर पहुंचे.
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार 35 से 40 की संख्या में हॉकी-डंडा, रॉड और पत्थर लेकर आए युवकों ने पशुपतिनाथ सिंह और उनके बेटे राजन को घेर कर उन पर हमला कर दिया, जिसमें गंभीर रूप से घायल बाप-बेटे को बीएचयू ट्रॉमा सेंटर ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने पशुपतिनाथ सिंह को मृत घोषित कर दिया और राजन का उपचार जारी है.
बीएचयू ट्रॉमा सेंटर पहुंचे कैंट के भाजपा विधायक सौरभ श्रीवास्तव ने बताया कि पशुपतिनाथ सिंह वर्ष 2012 में पार्षद का चुनाव लड़े थे, लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिली थी. वह पार्टी के सभी आयोजनों में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लेते थे. पशुपतिनाथ सिंह ने उन्हें पहले भी बताया था कि खुद को हंटर गैंग, बाइकर्स गैंग और अन्य गैंग का मेंबर बताने वाले मनबढ़ युवक अकसर शराब ठेके के आसपास उपद्रव करते हैं. इसकी शिकायत नगर निगम चौकी और सिगरा थाने की पुलिस से की जाती थी, लेकिन उसे गंभीरता से लेते हुए कार्रवाई नहीं की गई. उधर, लोगों ने बताया कि घटना की सूचना देने के बावजूद इंस्पेक्टर सिगरा राजू सिंह आधे घंटे बाद आए. इसे लेकर स्थानीय लोगों में पुलिस के प्रति गहरी नाराजगी देखने को मिली.
पुलिस कमिश्नर ए सतीश गणेश ने बताया कि घटना में प्रथम दृष्टया लापरवाही मिलने पर नगर निगम चौकी इंचार्ज नीरज ओझा, दरोगा ललित कुमार पांडेय, हेड कांस्टेबल देवी यादव, अनूप राय और मोहन कुमार और कांस्टेबल राम अवतार, नितिन, सुधांशु और दिनेश को सस्पेंड कर दिया गया है. आरोपियों की धरपकड़ के लिए पुलिस की 5 टीमें लगाई गई हैं. आरोपियों के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई करने के साथ ही आपराधिक इतिहास के आधार पर उनकी हिस्ट्रीशीट भी खोली जाएगी.
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