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वाराणसी: पुण्यतिथि पर याद किए गए भारत रत्न शहनाई वादक बिस्मिल्ला खां

उत्तर प्रदेश की काशी नगरी में बिस्मिल्ला खां की 13वीं पुण्यतिथि पर लोगों ने उन्हें याद किया. मसहूर शहनाई वादक पूरे देश-विदेश में प्रसिद्ध थे.

जर्जर हुआ बिस्मिल्ला खां का प्रारम्भिक शिक्षा स्थान
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Published : Aug 22, 2019, 12:54 PM IST

वाराणसी: बिस्मिल्ला खां की 13वीं पुण्यतिथि के अवसर पर पूरे देश ने उन्हें याद किया. जिन्होंने शाहनाई के संगीत को सुना है उन्होंने उन्हें श्रद्धांजलि भी दी. वहीं समय की मार ने उन महापुरुष की वो धरोहर जहां बिस्मिल्ला खां ने खुद को निखारने का काम किया था, वह अब जर्जर हो गई है. उस धरोहर को अब एक वारिश की तलाश है, जो उन यादगार लम्हों को बनाए रखे. गवाह वह स्थान जहां बचपन से ही बिस्मिल्ला खां घंटों बैठकर शहनाई का रियाज किया करते थे.

13वीं पुण्यतिथि पर याद किए गए बिस्मिल्ला खां.

इसे भी पढ़ें:-वाराणसी: तेरहवीं बरसी पर याद किये गये भारत रत्न उस्ताद बिस्मिल्लाह खान

जर्जर हुआ बिस्मिल्ला खां का प्राम्भिक शिक्षा का स्थान

  • काशी नगरी में मशहूर शहनाई वादक बिस्मिल्ला खां की 13वीं पुण्यतिथि मनाई गई.
  • मैदागिन क्षेत्र में स्थित सुप्रसिद्ध मंगला गौरी के मंदिर के पास बालाजी महाराज का एक मंदिर है.
  • इस मंदिर के परिसर में बैठकर बिस्मिल्ला खां अपनी शहनाई की धुन छेड़ा करते थे.
  • बिस्मिल्ला खां ने यहां शहनाई की धुन की छटा बिखेर, सबका दिल जीतने का काम किया था.
  • शहनाई की प्राम्भिक शिक्षा की शुरुआत उन्होंने यहीं से की थी.
  • मंदिर के संरक्षक कहते है कि बचपन में उन्हें शहनाई के अभ्यास के दौरान तेज रोशनी के रूप में बालाजी महाराज ने दर्शन भी दिए थे.
  • आज वो यादगार कमरे ने एक खंडहर का रूप लिया है, जिसे देख कोई भी उसके करीब जाना नहीं चाहता.
  • विकास के नाम पर सरकारी अमला बेखबर है और वहां अब इमारतें गिरती हुईं दिखाई देती हैं.

वाराणसी: बिस्मिल्ला खां की 13वीं पुण्यतिथि के अवसर पर पूरे देश ने उन्हें याद किया. जिन्होंने शाहनाई के संगीत को सुना है उन्होंने उन्हें श्रद्धांजलि भी दी. वहीं समय की मार ने उन महापुरुष की वो धरोहर जहां बिस्मिल्ला खां ने खुद को निखारने का काम किया था, वह अब जर्जर हो गई है. उस धरोहर को अब एक वारिश की तलाश है, जो उन यादगार लम्हों को बनाए रखे. गवाह वह स्थान जहां बचपन से ही बिस्मिल्ला खां घंटों बैठकर शहनाई का रियाज किया करते थे.

13वीं पुण्यतिथि पर याद किए गए बिस्मिल्ला खां.

इसे भी पढ़ें:-वाराणसी: तेरहवीं बरसी पर याद किये गये भारत रत्न उस्ताद बिस्मिल्लाह खान

जर्जर हुआ बिस्मिल्ला खां का प्राम्भिक शिक्षा का स्थान

  • काशी नगरी में मशहूर शहनाई वादक बिस्मिल्ला खां की 13वीं पुण्यतिथि मनाई गई.
  • मैदागिन क्षेत्र में स्थित सुप्रसिद्ध मंगला गौरी के मंदिर के पास बालाजी महाराज का एक मंदिर है.
  • इस मंदिर के परिसर में बैठकर बिस्मिल्ला खां अपनी शहनाई की धुन छेड़ा करते थे.
  • बिस्मिल्ला खां ने यहां शहनाई की धुन की छटा बिखेर, सबका दिल जीतने का काम किया था.
  • शहनाई की प्राम्भिक शिक्षा की शुरुआत उन्होंने यहीं से की थी.
  • मंदिर के संरक्षक कहते है कि बचपन में उन्हें शहनाई के अभ्यास के दौरान तेज रोशनी के रूप में बालाजी महाराज ने दर्शन भी दिए थे.
  • आज वो यादगार कमरे ने एक खंडहर का रूप लिया है, जिसे देख कोई भी उसके करीब जाना नहीं चाहता.
  • विकास के नाम पर सरकारी अमला बेखबर है और वहां अब इमारतें गिरती हुईं दिखाई देती हैं.
Intro:ANCHOR :- बिस्मिल्ला खां की 13वीं पुण्यतिथि के अवसर पर पूरे देश ने उन्हें याद किया और जिन्होंने उनके शाहनाई के संगीत को सुना है उन्होंने उन्हें श्रद्धांजलि भी दी। वहीं समय की मार ने उन महापुरुष की वो धरोहर जहां बिस्मिल्ला खां ने खुद को निखारने का काम किया उस धरोहर को एक वारिश की तलाश है जो उन यादगार लम्हों के गवाह वो स्थान जहां बचपन से ही बिस्मिल्ला खां घंटो बैठकर शहनाई का रियाज किया करते थे। कुछ वर्ष पूर्व बिस्मिल्ला खां ने यहां प्रस्तुति की इच्छा जाहिर की थी और यहां शहनाई की धुन की छटा बिखेर सबका दिल जितने का काम किया था। Body:
VO :- वाराणसी के मैदागिन क्षेत्र स्थित सुप्रसिद्ध मंगला गौरी के मंदिर के पास बालाजी महाराज का एक मंदिर है जिसके परिसर में बैठकर बिस्मिल्ला खां अपनी शहनाइयों की धुन छेड़ा करते थे और यहीं से उन्होंने शहनाई की प्राम्भिक शिक्षा की शुरुवात की थी। मंदिर के संरक्षक कहते है बचपन में उन्हें शहनाई के अभ्यास के दौरान उन्हें तेज रोशनी के रूप में बालाजी महाराज ने दर्शन भी दिए थे।

BYTE :- शिवा यादव (स्थानीय निवासी )
BYTE :- विरेन्द्र कुमार (स्थानीय निवासी )Conclusion:VO :- आज वो यादगार कमरे ने एक खंडहर का रूप लिया है जिसे देख कोई भी उसके करीब जाना नहीं चाहेगा। ऐसे में स्थानीय निवासियों के अनुसार विकास के नाम पर सरकारी अमला बेखबर है और वहां अब बीएस गिरती हुयी इमारत की तस्वीर दिखायी देती है।
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