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काशी में जैनियों के 20वें मुनी तीर्थंकर सुव्रतनाथ का मनाया गया जन्मोत्सव - lord parshvanath janmabhoomi varanasi

यूपी के वाराणसी में जैन धर्म के 20वें मुनी तीर्थंकर सुव्रतनाथ का जन्मोत्सव मनाया गया. वहीं इस अवसर पर बड़ी संख्या में जैन धर्म के लोग कार्यक्रम में शामिल हुए.

तीर्थंकर मुनी सुव्रतनाथ का जन्मोत्सव मनाया गया
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Published : Aug 24, 2019, 8:12 PM IST

वाराणसी: धर्म की नगरी काशी सनातन धर्म के साथ-साथ विभिन्न धर्मों के प्रवर्तक और ऋषियों की जन्मभूमि भी रही है. इसी के चलते वाराणसी के भेलूपुर स्थित भगवान पार्श्वनाथ जन्मभूमि पर जैन धर्म के 20वें तीर्थंकर मुनी सुव्रतनाथ का शनिवार को जन्म उत्सव बड़ी धूमधाम से मनाया गया. वहीं इस मौके पर जैन धर्म के लोगों ने तीर्थंकर मुनी सुव्रतनाथ का विशेष पूजन किया और बड़ी संख्या में जैन समाज के लोग कार्यक्रम में उपस्थित रहे.

तीर्थंकर मुनी सुव्रतनाथ का जन्मोत्सव मनाया गया.

पढ़ें: काशी पहुंचे केंद्रीय मंत्री श्रीपद नाईक ने किया विशेष अनुष्ठान

  • 20वें तीर्थंकर मुनी सुव्रतनाथ का जन्मोत्सव मनाया गया.
  • बड़ी संख्या में जैन समाज के लोग उपस्थित रहे.
  • धर्म के लोगों ने तीर्थंकर मुनी सुव्रतनाथ का विशेष पूजन किया.
  • शनिवार का दिन होने से शनिदेव की भी पूचा-अर्चना की गई.

वहीं अष्टमी और शनिवार का दिन होने से और शनि की पीड़ा से लोगों को राहत दिलाने के लिए जैनियों ने अपने वैदिक रीति-रिवाज से विशेष अनुष्ठान किया. लोगों ने अपने धर्म के बीच में तीर्थक मुनी सुव्रतनाथ का प्राकट्य महोत्सव श्रद्धा के साथ मनाया.

महाराज शाश्वत पुनाश्री ने ईटीवी भारत को बताया कि हम लोग यहां पर चतुर्मास में विराजमान हैं. पहली बार हम लोग बनारस में चतुर्मास मना रहे हैं. इसी चतुर्मास में काशी में अलग-अलग पूजा विधान होता है. जैन विधि परंपरा के अंदर बहुत से तंत्र, मंत्र और विज्ञान हैं उसको अपने समाज से अवगत कराने के लिए और शनिदोष पूजा कराने के लिए ये अनुष्ठान हुआ है. आज के समय में सब शनि दोष से पीड़ित हैं उसके निवारण के लिए मुनि सुव्रतनाथ जयंती पर जैन समाज ने ये कार्यक्रम किया. वाराणसी के जैन समाज ने भी अनुष्ठान पहली बार किया है.
-महाराज शाश्वत पुनाश्री

वाराणसी: धर्म की नगरी काशी सनातन धर्म के साथ-साथ विभिन्न धर्मों के प्रवर्तक और ऋषियों की जन्मभूमि भी रही है. इसी के चलते वाराणसी के भेलूपुर स्थित भगवान पार्श्वनाथ जन्मभूमि पर जैन धर्म के 20वें तीर्थंकर मुनी सुव्रतनाथ का शनिवार को जन्म उत्सव बड़ी धूमधाम से मनाया गया. वहीं इस मौके पर जैन धर्म के लोगों ने तीर्थंकर मुनी सुव्रतनाथ का विशेष पूजन किया और बड़ी संख्या में जैन समाज के लोग कार्यक्रम में उपस्थित रहे.

तीर्थंकर मुनी सुव्रतनाथ का जन्मोत्सव मनाया गया.

पढ़ें: काशी पहुंचे केंद्रीय मंत्री श्रीपद नाईक ने किया विशेष अनुष्ठान

  • 20वें तीर्थंकर मुनी सुव्रतनाथ का जन्मोत्सव मनाया गया.
  • बड़ी संख्या में जैन समाज के लोग उपस्थित रहे.
  • धर्म के लोगों ने तीर्थंकर मुनी सुव्रतनाथ का विशेष पूजन किया.
  • शनिवार का दिन होने से शनिदेव की भी पूचा-अर्चना की गई.

वहीं अष्टमी और शनिवार का दिन होने से और शनि की पीड़ा से लोगों को राहत दिलाने के लिए जैनियों ने अपने वैदिक रीति-रिवाज से विशेष अनुष्ठान किया. लोगों ने अपने धर्म के बीच में तीर्थक मुनी सुव्रतनाथ का प्राकट्य महोत्सव श्रद्धा के साथ मनाया.

महाराज शाश्वत पुनाश्री ने ईटीवी भारत को बताया कि हम लोग यहां पर चतुर्मास में विराजमान हैं. पहली बार हम लोग बनारस में चतुर्मास मना रहे हैं. इसी चतुर्मास में काशी में अलग-अलग पूजा विधान होता है. जैन विधि परंपरा के अंदर बहुत से तंत्र, मंत्र और विज्ञान हैं उसको अपने समाज से अवगत कराने के लिए और शनिदोष पूजा कराने के लिए ये अनुष्ठान हुआ है. आज के समय में सब शनि दोष से पीड़ित हैं उसके निवारण के लिए मुनि सुव्रतनाथ जयंती पर जैन समाज ने ये कार्यक्रम किया. वाराणसी के जैन समाज ने भी अनुष्ठान पहली बार किया है.
-महाराज शाश्वत पुनाश्री

Intro:धर्म की नगरी काशी सनातन धर्म के साथ-साथ विभिन्न धर्मों के प्रवर्तक और ऋषि यों की जन्मभूमि रही है ऐसे में वाराणसी के भेलूपुर स्थित भगवान पार्श्वनाथ जन्मभूमि पर जैन धर्म के 20 तीर्थंकर मुनी सुव्रतनाथ का आज जन्म उत्सव बड़ी धूमधाम से मनाया गया इस मौके पर जैन धर्म के विशेष पूजन का आयोजन किया गया जैन समाज से जुड़े लोग उपस्थित रहे।


Body:अष्टमी और शनिवार का दिन होने से शनि से पीड़ा से लोगों को राहत दिलाने के लिए जैनियों ने अपने वैदिक रीति-रिवाज से विशेष अनुष्ठान किया और अपने धर्म के बीच में तीर्थक मुनी सुव्रतनाथ का प्राकट्य महोत्सव श्रद्धा के साथ मनाया।


Conclusion:महाराज शाश्वत पुनाश्री हम लोग यहां पर चतुर्मास में विराजमान हैं पहली बार हम लोग बनारस में चतुर्मास कर रहे हैं इसी चतुर्मास में काशी में अलग-अलग पूजा विधान होता है जैन विधि परंपरा के अंदर बहुत से शस्त्र मंत्र विज्ञान है उसको अपने समाज से अवगत कराने के लिए और शनि दोष आज के समय में सब शनि दोष से पीड़ित हैं उसके निवारण के लिए मुनि सुव्रतनाथ जयंती पर जैन समाज ने से किया गया।वाराणसी के जैन समाज ने भी अनुष्ठान पहली बार किया है। आज शुभ अष्टमी कृष्ण जन्माष्टमी का पर्व अच्छी अष्टमी मानी जाती है और शनिवार भी था इसी कारण हम लोगों ने आज की तिथि को चुना आज शनि देव निवारण से मुनी सुव्रतनाथ की जयंती पर महाअनुष्ठान किया गया।

अशुतोष उपध्याय
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