वाराणसी: काशी हिंदू विश्वविद्यालय में अभी पुराना मामला ठीक से शांत नहीं हुआ कि अब नया मामला सामने आया है. इतिहास विभाग के नए पाठ्यक्रम से वैदिक काल, रामायण,महाभारत अध्याय को हटा दिया गया है, जिसको लेकर छात्रों में आक्रोश है.
नए पाठ्यक्रम को लेकर छात्रों में आक्रोश
बीएचयू के छात्रों ने इतिहास प्रथम वर्ष के पाठ्यक्रम को देखा तो उनके होश उड़ गए. भारतीय संस्कृति और सभ्यता जो छात्रों को बताना चाहिए, उसके लिए रामायण और महाभारत ऐसे पवित्र ग्रंथों को नए पाठ्यक्रम से हटा दिया गया. उसके साथ ही वेद पुराण, विदेशी यात्रियों के विवरण जैन बौद्ध धर्म ग्रंथ आजी को नए पाठ्यक्रम से हटा दिया गया है.
इस बात को लेकर छात्रों ने इतिहास विभाग के डीन को लिखित शिकायत किया. छात्रों का साफ कहना है कि आप पाठ्यक्रम में कुछ नया जोड़ सकते हैं जिसे हम छात्र पढ़ें, लेकिन आप पाठ्यक्रम से इन महत्वपूर्ण चीजों को जो हमारी संस्कृति और सभ्यता को प्रदर्शित करता है. उसे आप हटा नहीं सकते है.
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काशी हिंदू विश्वविद्यालय इतिहास प्रथम वर्ष के सिलेबस से छेड़छाड़ किया गया है जो कुछ वामपंथी विचारधारा के प्रोफेसरों की करतूत है. हम इसका विरोध करते हैं. हम ऐसा नहीं होने देंगे.
अरुन कुमार चौबे, शोध छात्र, काशी हिंदू विश्वविद्यालय