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BHU इतिहास विभाग के पाठ्यक्रम से रामायण-महाभारत अध्याय को हटाया, भड़के छात्र

काशी हिंदू विश्वविद्यालय के इतिहास विभाग का पाठ्यक्रम देखकर छात्रों का गुस्सा फूट पड़ा. नए पाठ्यक्रम से वैदिक काल, रामायण, महाभारत अध्याय को हटा दिया गया है. नए पाठ्यक्रम में इसके बदले ब्रिटिश काल के वर्णन को शामिल किया गया, जिसको लेकर छात्रों में आक्रोश है.

इतिहास विभाग का पाठ्यक्रम देख भड़के BHU के छात्र.
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Published : Nov 19, 2019, 10:46 PM IST

वाराणसी: काशी हिंदू विश्वविद्यालय में अभी पुराना मामला ठीक से शांत नहीं हुआ कि अब नया मामला सामने आया है. इतिहास विभाग के नए पाठ्यक्रम से वैदिक काल, रामायण,महाभारत अध्याय को हटा दिया गया है, जिसको लेकर छात्रों में आक्रोश है.

जानकारी देते BHU के छात्र.

नए पाठ्यक्रम को लेकर छात्रों में आक्रोश

बीएचयू के छात्रों ने इतिहास प्रथम वर्ष के पाठ्यक्रम को देखा तो उनके होश उड़ गए. भारतीय संस्कृति और सभ्यता जो छात्रों को बताना चाहिए, उसके लिए रामायण और महाभारत ऐसे पवित्र ग्रंथों को नए पाठ्यक्रम से हटा दिया गया. उसके साथ ही वेद पुराण, विदेशी यात्रियों के विवरण जैन बौद्ध धर्म ग्रंथ आजी को नए पाठ्यक्रम से हटा दिया गया है.

इस बात को लेकर छात्रों ने इतिहास विभाग के डीन को लिखित शिकायत किया. छात्रों का साफ कहना है कि आप पाठ्यक्रम में कुछ नया जोड़ सकते हैं जिसे हम छात्र पढ़ें, लेकिन आप पाठ्यक्रम से इन महत्वपूर्ण चीजों को जो हमारी संस्कृति और सभ्यता को प्रदर्शित करता है. उसे आप हटा नहीं सकते है.

ये भी पढ़ें:-मथुराः मनाया गया पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का जन्मदिन

काशी हिंदू विश्वविद्यालय इतिहास प्रथम वर्ष के सिलेबस से छेड़छाड़ किया गया है जो कुछ वामपंथी विचारधारा के प्रोफेसरों की करतूत है. हम इसका विरोध करते हैं. हम ऐसा नहीं होने देंगे.
अरुन कुमार चौबे, शोध छात्र, काशी हिंदू विश्वविद्यालय

वाराणसी: काशी हिंदू विश्वविद्यालय में अभी पुराना मामला ठीक से शांत नहीं हुआ कि अब नया मामला सामने आया है. इतिहास विभाग के नए पाठ्यक्रम से वैदिक काल, रामायण,महाभारत अध्याय को हटा दिया गया है, जिसको लेकर छात्रों में आक्रोश है.

जानकारी देते BHU के छात्र.

नए पाठ्यक्रम को लेकर छात्रों में आक्रोश

बीएचयू के छात्रों ने इतिहास प्रथम वर्ष के पाठ्यक्रम को देखा तो उनके होश उड़ गए. भारतीय संस्कृति और सभ्यता जो छात्रों को बताना चाहिए, उसके लिए रामायण और महाभारत ऐसे पवित्र ग्रंथों को नए पाठ्यक्रम से हटा दिया गया. उसके साथ ही वेद पुराण, विदेशी यात्रियों के विवरण जैन बौद्ध धर्म ग्रंथ आजी को नए पाठ्यक्रम से हटा दिया गया है.

इस बात को लेकर छात्रों ने इतिहास विभाग के डीन को लिखित शिकायत किया. छात्रों का साफ कहना है कि आप पाठ्यक्रम में कुछ नया जोड़ सकते हैं जिसे हम छात्र पढ़ें, लेकिन आप पाठ्यक्रम से इन महत्वपूर्ण चीजों को जो हमारी संस्कृति और सभ्यता को प्रदर्शित करता है. उसे आप हटा नहीं सकते है.

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काशी हिंदू विश्वविद्यालय इतिहास प्रथम वर्ष के सिलेबस से छेड़छाड़ किया गया है जो कुछ वामपंथी विचारधारा के प्रोफेसरों की करतूत है. हम इसका विरोध करते हैं. हम ऐसा नहीं होने देंगे.
अरुन कुमार चौबे, शोध छात्र, काशी हिंदू विश्वविद्यालय

Intro:
वाराणसी के काशी हिंदू विश्वविद्यालय मैं अभी पुराना मामला ठीक से शांति नहीं हुआ कि अब नया मामला सामने आया है इतिहास विभाग के नए सिलेबस से रामायण,महाभारत, को हटा दिया गया है जिसको लेकर छात्रों में आक्रोश है।

Body:बीएचयू के छात्रों ने इतिहास प्रथम वर्ष के सिलेबस को देखा तो उनके होश उड़ गए भारतीय संस्कृति और सभ्यता जो छात्रों को बताना चाहिए।उसके लिए रामायण और महाभारत ऐसे पवित्र ग्रंथों को सिलेबस से हटा दिया गया। उसके साथ ही वेद पुराण विदेशी यात्रियों के विवरण जैन बौद्ध धर्म ग्रंथ आजी को सिलेबस से हटा दिया गया है। जिसे लेकर छात्रों ने इतिहास विभाग के डीन को लिखित शिकायत किया। छात्रों का साफ कहना है। कि आप सिलेबस में कुछ नया जोड़ सकते हैं जिसे हम छात्र पड़ें लेकिन आप चले बस से इन महत्वपूर्ण चीजों को जो हमारी संस्कृति और सभ्यता को प्रदर्शित करता है। उसे आप हटा नहीं सकते है।

Conclusion:अरुन कुमार चौबे ने बताया काशी हिंदू विश्वविद्यालय इतिहास प्रथम वर्ष के सिलेबस से छेड़छाड़ किया गया है जो कुछ वामपंथी विचारधारा के प्रोफेसरों की करतूत है। हम इसका विरोध करते हैं हम ऐसा नहीं होने देंगे। विश्वविद्यालय पर आरोप लगाते हुए कहा कि हमारी सभ्यता और संस्कृति से खिलवाड़ किया जा रहा है क्योंकि आने वाले बच्चों को हमारे सभ्यता और संस्कृति के बारे में ना पता चले इसलिए ऐसा किया जा रहा है.

बाईट :-- अरुन कुमार चौबे, शोध छात्र, काशी हिंदू विश्वविद्यालय

आशुतोष उपाध्यय
9005099684

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