वाराणसी: काशी हिंदू विश्वविद्यालय में संस्कृत धर्म विज्ञान विभाग में अल्पसंख्यक प्रोफ़ेसर फिरोज खान की नियुक्ति को लेकर काफी हंगामा हुआ. इसके बाद बीएचयू के छात्रों ने वीसी आवास के सामने लगभग 12 दिनों तक प्रदर्शन किया और विभाग को बंद रखा. अपने विरोध का क्रम बदलते हुए अब बीएचयू के छात्र जन समर्थन के लिए 22 तारीख से अनोखे तरीके से आंदोलन कर रहे हैं.
छात्रों ने निकाली शव यात्रा
- अल्पसंख्यक शिक्षक की नियुक्ति के विरोध में काशी हिंदू विश्वविद्यालय के छात्र प्रदर्शन कर रहे हैं.
- बीएचयू के छात्रों ने कुलपति राकेश भटनागर की शव यात्रा निकाली.
- छात्रों ने बीएचयू प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.
- छात्रों का कहना है कि मानवीय मूल्यों की रक्षा न कर पाने पर मानसिक तौर पर कुलपति मर चुके हैं.
- यही वजह है कि बीएचयू के छात्रों ने कुलपति की शवयात्रा निकाली है.
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मानवीय मूल्यों को लेकर पिछले 22 दिनों से हम लगातार आंदोलन कर रहे हैं. इसके तहत अभी तक कुलपति का कोई भी निर्णय नहीं आया है. इसलिए हम लोगों ने प्रतीकात्मक शव यात्रा निकाली है. हम उन्हें यह बताना चाहते हैं कि महामना इस बगिया के आप मुखिया हैं. फिर भी आप बौद्धिक रूप से मर चुके हैं. इसलिए आज हम लोगों ने उनकी शव यात्रा निकालकर अपना विरोध प्रदर्शन किया.
- अभिषेक सिंह, छात्र, काशी हिंदू विश्वविद्यालय