वाराणसी: बीएचयू से लापता छात्र मामले में हाईकोर्ट सख्त हो गया है. इस मामले में हाईकोर्ट ने सरकारी वकील को फटकार लगाई है. मामले में एसएसपी वाराणसी को भी तलब किया गया है .मामले की सुनवाई हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश और सौमित्र दयाल की सयुक्त खंडपीठ कर रही है. बीएचयू का छात्र शिव कुमार पिछले छह महीने से लापता है.
यह है मामला
सर्व विद्या की राजधानी कहे जाने वाले काशी हिंदू विश्वविद्यालय में पढ़ने वाले बीएससी सेकंड ईयर का छात्र शिवकुमार द्विवेदी पिछले 6 महीने से लापता है. इसे देखते हुए बीएचयू के छात्रों ने सोशल मीडिया पर मुहिम चलायी. इसके बाद बीएचयू के पूर्व छात्र एवं इलाहाबाद हाईकोर्ट के अधिवक्ता सौरभ तिवारी ने इस पूरे मामले में हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया.
कोर्ट की फटकार
मामले में कोर्ट ने एसएसपी से पूछा है कि 12 फरवरी को थाने में बुलाये गये छात्र के दूसरे दिन भाग जाने पर पुलिस ने क्या कार्रवाई की. पुलिस द्वारा उठाये गये कदमों का पूरा ब्यौरा दाखिल करें. कोर्ट ने 19 अगस्त को डीएम, एसएसपी वाराणसी और लंका थाना इंचार्ज को नोटिस जारी कर थाने से लापता छात्र की पूरी जानकारी मांगी थी.
क्षेत्राधिकारी भेलूपुर ने हलफनामा दाखिल कर कहा कि पुलिस ने कदम उठाये हैं. 12 फरवरी को लंका थाने में बुलाने के बाद क्या हुआ, इसकी कोई जानकारी नहीं दी. अपर महाधिवक्ता ने कहा कि छात्र दूसरे दिन थाने से भाग गया. कहां गया इसकी जानकारी नहीं है. एक विक्षिप्त व्यक्ति मिला है.उसके लापता छात्र होने की आशंका है, जिसकी पहचान के लिए डीएनए ,बायोमैट्रिक टेस्ट कराया जा रहा है.
इस पर कोर्ट ने कहा कि यह समझ से परे है कि एक छात्र थाने में बुलाया गया और दूसरे दिन भाग गया, जिसका जीडी में कोई जिक्र नहीं है. तथ्यहीन हलफनामा दाखिल किया गया है. इसपर कोर्ट ने एसएसपी को लापता छात्र के बारे मे पुलिस कार्रवाई की पूरी जानकारी के साथ 3 सितम्बर को तलब किया है.
इस मामले की पहली सुनवाई 25 अगस्त को हुई थी. हाई कोर्ट ने 3 सितंबर को अगली सुनवाई का आदेश दिया है. अधिवक्ता सौरभ त्रिपाठी ने बताया कि बीएचयू के लापता छात्र के मामले को लेकर मैं उच्चतम न्यायालय में प्रस्तुत हुआ. मेरे लेटर पिटिशन को उच्चतम न्यायालय ने पीआईएल के रूप में कन्वर्ट किया.