वाराणसी : बीएचयू आईआईटी में छात्रा से छेड़छाड़ की गई थी. इसके विरोध में विश्वविद्यालय के हजारों छात्र आवाज उठा रहे हैं. विवि प्रशासन ने ऐसी घटनाओं पर रोक के लिए कई फैसले लिए हैं. उनमें से एक निर्णय बाउंड्रीवॉल बनाने का भी है. छात्र इसके विरोध में हैं. सोमवार को हजारों छात्रों ने मार्च निकाला. इसके बाद मालवीय चौराहे पर धरने पर बैठकर नारेबाजी करने लगे. छात्रों का कहना है कि विश्वविद्यालय को विभाजित करने वाला फैसला बीएचयू और जिला प्रशासन वापस ले. महामना मदन मोहन मालवीय के विचारों पर वे आंच नहीं आने देंगे. विश्वविद्यालय का बंटवारा किया हाल में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.
विश्वविद्यालय को नहीं होने देंगे विभाजित : दोपहर 2 बजे के बाद हजारों की संख्या में छात्र कैंपस में स्थित विश्वनाथ मंदिर के चौराहे पर एकत्रित हुए. ये छात्र IIT-BHU और BHU के बीच दीवार बनाने के फैसले के सद्भावना यात्रा निकाल रहे हैं. इस यात्रा का नाम है 'हम बीएचयू के लोग. इसके माध्यम से BHU के छात्र यह बताना चाहते हैं कि वे किसी भी हाल में IIT-BHU और BHU के बीच बाउंड्रीवाल नहीं बनने देंगे. इसके लिए वे लगातार प्रदर्शन करते रहेंगे. छात्रों का कहना है कि महामना मदन मोहन मालवीय के विचार का अपमान किया जा रहा है. उन्होंने इसकी स्थापना एक परिवार के रूप में की थी. इसे किसी भी हाल में विभाजित नहीं होने दिया जाएगा.
महामना की मूल भावना को मिटाने की कोशिश : विविध, कला, अर्थशास्त्र, गायन और गणित, खनिज, औषधि रसायन. प्रतीचि-प्राची का मेल सुन्दर, यह विश्वविद्यालय की राजधानी.' यह काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के कुलगीत का हिस्सा है. इसमें महामना मदन मोहन मालनीय के बेहतर शिक्षण संस्थान की परिकल्पना है. IIT और BHU के बीच बाउंड्रीवॉल का विरोध कर रहे छात्रों का कहना है कि 'कुलगीत की इस पंक्ति से गणित और खनिज हट जाएगा. ऐसे में महामना के सपने को उजाड़ा जा रहा है. हम कैंपस में रहें या न रहें, मगर हम इस विभाजन का विरोध जारी रखेंगे. IIT-BHU महामना की मूल भावना है, जिसे उन्होंने एक ही रूप में स्थापित किया था. अब दीवार बनाकर इसे मिटाया जा रहा है.
विश्वविद्यालय का विभाजन राष्ट्र का विभाजन है : काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के सामाजिक संकाय के पूर्व डीन कौशल किशोर मिश्रा का कहना है कि विश्वविद्यालय का एक ही गेट है, जिसे न तोड़ा जा सकता है और न ही विभाजित किया जा सकता है. अब ये लोग पुराना प्रस्ताव लागू करना चाहते हैं. यहीं से बात उठी कि हम दीवार बनाएंगे. मगर उन्हें ये पता नहीं है कि संसद में और MOU में विश्वविद्यालय को अलग नहीं किया गया है. इसे कोई भी अलग नहीं कर सकता है, जब तक कि इसे संसद नहीं पास करता है. यह संपत्ति, हॉस्टल, क्लासरूम, टीचर्स चैंबर सब कुछ पंडित मदन मोहन मालवीय का है. जब सब कुछ उन्हीं का है तो आप क्या पंडित मदन मोहन मालवीय को बांट देंगे? पंडित मालवीय ने कहा था कि विश्वविद्यालय एक राष्ट्र है. इस राष्ट्र का विभाजन कोई नहीं बर्दाश्त करेगा.'
रविवार रात IIT-BHU और BHU प्रशासन के बीच हुई बैठक : बीती रात IIT-BHU और BHU के प्रशासनिक अमलों ने मिलकर एक बैठक आयोजित की है. इस बैठक में बीएचयू के कुलपति प्रो. सुधीर कुमार जैन तथा भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान बीएचयू के निदेशक प्रो. प्रमोद कुमार जैन मौजूद थे. इस दौरान BHU के कुलपति ने कहा कि दीवार बनाना संभव नहीं है. बीएचयू की तरफ से एक नोटिफिकेशन भी जारी किया गया. इसमें कहा गया कि बाउंड्रीवॉल नहीं बनाई जा सकती है. दीवार बनाए जाने से कैंपस में सुरक्षा सुधरेगी ऐसी जरूरी नहीं है. बैठक में IIT-BHU और BHU के प्रशासन के बीच सुरक्षा व्यवस्था को बेहतर करने की सहमति बनी है. परिसर को विभाजित करना एवं दीवार से किसी एक भाग को अलग करना तर्कसंगत नहीं है.
छात्रों की ये हैं मांगें
1-धरने पर बैठे विरोध जता रहे छात्रों का कहना है कि विश्वविद्यालय की सुरक्षा बढाई जाए.
2- छात्रा से छेड़छाड़ के आरोपियों को कड़ी सजा हो, जल्द गिरफ्तार की जाए.
3-छात्रों की मांग है कि रात 10 बजे के बाद कैंपस में बाहरी लोगों की एंट्री बैन हो.
4- बीएचयू में बने सर सुंदरलाल अस्पताल के आगे बिना किसी जरूरी कारण के किसी भी बाहरी व्यक्ति को न जाने दिया जाए.
5- IIT-BHU और BHU के बीच बाउंड्रीवाल बनाने के फैसले को जिला प्रशासन और IIT-BHU प्रशासन वापस ले.
6- महिलाओं और छात्राओं के सुरक्षा के लिए कैंपस में लाइटिंग और सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाई जाए.7- कैंपस में सुरक्षाकर्मियों की संख्या बढ़ाई जाए और महिला सुरक्षा प्रकोष्ठ सुरक्षा को लेकर काम करे.
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