वाराणसीः पूर्वांचल में हृदय रोगियों को अब इलाज के लिए दर-दर भटकने की जरूरत नहीं है. अब इनके इलाज के लिए बनारस जिला अस्पताल और स्वास्थ्य केंद्रों पर हार्ट यूनिट खोली जाएगी. यहां इमरजेंसी से लेकर ईसीजी व अन्य तमाम जरूरी जांच की सुविधाओं के साथ हृदय घात संबंधी मरीजों का इलाज भी किया जाएगा. बड़ी बात यह है कि इन मरीजों की निगरानी बीएचयू के वरिष्ठ हृदय रोग विशेषज्ञो के जरिए की जाएगी.
दरअसल, वाराणसी व आसपास के सरकारी व गैर सरकारी अस्पताल व स्वास्थ्य केंद्रों पर बड़ी संख्या में हृदय रोगी व उनके तीमारदार आते हैं, लेकिन ईसीजी सहित अन्य जरूरी जांच की सुविधाएं न मिलने के कारण उन्हें बीएचयू या फिर किसी अन्य निजी अस्पताल में जाना पड़ता है. यहां न सिर्फ उनका धन ज्यादा व्यय होता है, बल्कि उन्हें काफी दिक्कतों का भी सामना करना पड़ता है. ऐसे में इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च, आईसीएमआर के सहयोग से वाराणसी में एक पायलट प्रोजेक्ट के तहत सरकारी अस्पतालों व स्वास्थ्य केंद्रों पर हार्ट केयर यूनिट स्थापित होने जा रही है. आईसीएमआर की मदद से पैरामेडिकल स्टाफ, डॉक्टर मरीजों की जांच करेंगे और उन्हें उचित उपचार भी उपलब्ध कराएंगे.
प्रदेश में बनारस होगा पहला जिला, जहां मिलेंगी ये सुविधा
बता दें कि बनारस प्रदेश का पहला ऐसा जिला होगा, जहां आईसीएमआर के सहयोग से इस तरीके के सुविधा शुरू होने जा रही है. इन यूनिट की स्थापना के साथ ही वहां पर नियुक्त होने वाले स्टाफ और डॉक्टर की पहले ट्रेनिंग होगी. इस ट्रेनिंग के बाद उन्हें इन यूनिटों पर नियुक्त किया जाएगा. इस बारे में वाराणसी मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ संदीप चौधरी ने बताया कि नियुक्ति के साथ ही जरूरत पड़ने पर बीएचयू हृदय रोग विभाग की टीम अस्पताल व स्वास्थ्य केंद्रों पर आने वाले मरीजों को परामर्श भी देंगे. वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पैथोलॉजी जांच या फिर इलाज का तरीका भी बताएंगे. उन्होंने बताया कि इस यूनिट का नोडल काशी हिंदू विश्वविद्यालय के सर सुंदरलाल अस्पताल का हृदय रोग विभाग है.
स्पोक-हब-मेथड से बनेगी हार्ट केयर यूनिट
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. संदीप चौधरी ने बताया कि यह एक पायलट प्रोजेक्ट है. इसके तहत इंडियन कॉउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च के द्वारा जनपद के सरकारी अस्पताल व स्वास्थ्य केंद्रों पर हार्ट केयर यूनिट बनाई जाएगी. यह यूनिट स्पोक-हब-मेथड पर बनाई जाएगी. यहां स्वास्थ्य केंद्र, सरकारी अस्पताल स्पोक होंगे, तो वहीं इन सबका हब सर सुंदरलाल अस्पताल का हृदय रोग विभाग होगा.
इस यूनिट में BHU के वरिष्ठ हृदय रोग विशेषज्ञ करेंगे इलाज
उन्होंने बताया कि इस यूनिट को स्थापित करने का मुख्य उद्देश्य समय से हृदयघात से संबंधित मरीजों को उपचार उपलब्ध कराना है, क्योंकि जब मरीज को हृदय संबंधित बीमारी होती है या हृदय घात होता है तो उन्हें 6 घंटे के अंदर कुछ प्राइमरी इलाज की जरूरत होती है. ऐसे में निजी अस्पताल पहुंचने में या फिर बड़े अस्पताल पहुंचकर इलाज में काफी देरी हो जाती है, जिससे मरीज की जान जाने का भी जोखिम होता है.
ऐसे में इन बातों को ध्यान में रखते हुए छोटे-छोटे पॉकेट में यह हार्ट केयर यूनिट बनाया जा रहा है, जहां सबसे पहले आसानी से मरीजों का प्राथमिक उपचार किया जाए और उसके बाद यदि कोई समस्या बढ़ती है तो फिर इन्हें BHU भेज दिया जाएगा. उन्होंने बताया कि इस यूनिट की खासियत यही है कि यहां प्राथमिक इलाज के साथ BHU के वरिष्ठ हृदय रोग विशेषज्ञ भी मरीजो का इलाज करेंगे.
चार अस्पताल व लगभग 10 स्वास्थ्य केंद्रों पर बनेगी ये यूनिट
उन्होंने बताया कि पहले चरण में जनपद के 4 सरकारी अस्पताल और इसके साथ लगभग 10 स्वास्थ्य केंद्रों पर यह यूनिट स्थापित किया जाएगा. डॉक्टर व स्टाफ की नियुक्ति की जाएगी, जिनका पहले प्रशिक्षण किया जाएगा. उन्होंने बताया कि स्टाफ को प्रशिक्षण देने का काम बीएचयू के हृदय रोग विभाग के हेड व डॉक्टर करेंगे. प्रशिक्षण के उपरांत यहां पर कर्मचारियों की नियुक्ति होगी जो मरीजों को बेहतर सुविधाएं देंगे.
इलाज के लिए प्रतिदिन लगभग एक लाख से ज्यादा आते हैं मरीज
गौरतलब हो कि, बनारस के बीएचयू से लेकर के कैंसर अस्पताल व अन्य सरकारी अस्पताल में प्रतिदिन लगभग एक लाख से ज्यादा लोग अलग-अलग बीमारियों में अपना इलाज कराने के लिए आते हैं. इनमें हृदय रोग से भी संबंधित मरीजों की अच्छी खासी संख्या देखी जाती है. ऐसे में यदि ये हार्ट केयर यूनिट बन जाता है, तो निश्चित तौर पर बनारस के साथ पूर्वांचल के मरीजों के लिए यह किसी वरदान से कम नहीं होगा.