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काशी कोतवाल भैरव महोत्सव में मैथिली ठाकुर ने बांधा समां, भजनों पर झूमे लोग - काशी कोतवाल भैरव महोत्सव

काशी कोतवाल भैरव महोत्सव में भजन गायक मैथिली ठाकुर ने समा बांध दिया. कार्यक्रम में उन्होंने एक के बाद एक भजनों की प्रस्तुति दी.

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Published : Nov 15, 2022, 10:35 AM IST

Updated : Nov 15, 2022, 10:53 AM IST

वाराणसी: काशी के कोतवाल काल भैरव महोत्सव (Kashi Kotwal Bhairav ​​Festival) का मंगलवार को पांचवां दिन है. यह कार्यक्रम थाना नरिया क्षेत्र के चौधरी शोध संस्थान में आयोजित किया गया है, जो 12 नवंबर से प्रारंभ होकर 16 नवंबर को भैरव अष्टमी तक चलेगा. इसमें भजन गायक मैथली ठाकुर के गीतों पर दर्शक झूमते नजर आए.

तमिलनाडु के संत वसंत विजय महाराज के तत्वाधान में यह कार्यक्रम किया जा रहा है. मंगलवार की सुबह पूरे विधि विधान से ब्राह्मणों द्वारा पूजन पाठ किया गया. उसके बाद कथा वाचन और रात में सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है. देश के कौने-कौने से संत और काशी के विद्वान कार्यक्रम में शामिल होने आए हैं.

काशी महोत्सव में भजन गायक मैथिली ठाकुर


पढ़ें- काशी के कोतवाल के रूप में विराजमान हैं काल भैरव, इनके आगे नहीं चलती यमराज की मर्जी


सांस्कृतिक कार्यक्रम के दूसरे दिन मैथिली ठाकुर (Bhajan singer Maithili Thakur in Varanasi) ने समा बांध दिया. उन्होंने सबसे पहले बाबा विश्वनाथ को समर्पित 'शिव के मनाईब हो शिव मानत नाही' की प्रस्तुति दी. उसके बाद उन्होंने भगवान शिव कई गीतों को प्रस्तुत किया. काशी वासियों ने भी हर-हर महादेव के उद्घोष से युवा कलाकार का स्वागत किया.

प्रमोद चौबे ने बताया कि काशी कोतवाल भैरव महोत्सव पहली बार काशी में हो रहा है. इससे बहुत ही आध्यात्मिक ऊर्जा मिलती है. विश्व शांति के लिए इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया है.


पढ़ें- वाराणसी भैरव महोत्सव में हंसराज रघुवंशी के भजनों पर झूमें लोग, हर हर महादेव के लगाए नारे

वाराणसी: काशी के कोतवाल काल भैरव महोत्सव (Kashi Kotwal Bhairav ​​Festival) का मंगलवार को पांचवां दिन है. यह कार्यक्रम थाना नरिया क्षेत्र के चौधरी शोध संस्थान में आयोजित किया गया है, जो 12 नवंबर से प्रारंभ होकर 16 नवंबर को भैरव अष्टमी तक चलेगा. इसमें भजन गायक मैथली ठाकुर के गीतों पर दर्शक झूमते नजर आए.

तमिलनाडु के संत वसंत विजय महाराज के तत्वाधान में यह कार्यक्रम किया जा रहा है. मंगलवार की सुबह पूरे विधि विधान से ब्राह्मणों द्वारा पूजन पाठ किया गया. उसके बाद कथा वाचन और रात में सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है. देश के कौने-कौने से संत और काशी के विद्वान कार्यक्रम में शामिल होने आए हैं.

काशी महोत्सव में भजन गायक मैथिली ठाकुर


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सांस्कृतिक कार्यक्रम के दूसरे दिन मैथिली ठाकुर (Bhajan singer Maithili Thakur in Varanasi) ने समा बांध दिया. उन्होंने सबसे पहले बाबा विश्वनाथ को समर्पित 'शिव के मनाईब हो शिव मानत नाही' की प्रस्तुति दी. उसके बाद उन्होंने भगवान शिव कई गीतों को प्रस्तुत किया. काशी वासियों ने भी हर-हर महादेव के उद्घोष से युवा कलाकार का स्वागत किया.

प्रमोद चौबे ने बताया कि काशी कोतवाल भैरव महोत्सव पहली बार काशी में हो रहा है. इससे बहुत ही आध्यात्मिक ऊर्जा मिलती है. विश्व शांति के लिए इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया है.


पढ़ें- वाराणसी भैरव महोत्सव में हंसराज रघुवंशी के भजनों पर झूमें लोग, हर हर महादेव के लगाए नारे

Last Updated : Nov 15, 2022, 10:53 AM IST
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