बेंगलुरु: कर्नाटक के बेंगलुरु स्थित मैडलैब्स लोगों के व्यावहारिक जुड़ाव और मनोरंजन के माध्यम से विज्ञान का अनुभव करने और सीखने के तरीके को फिर से परिभाषित कर रहा है. भारतीय विज्ञान संस्थान (IISc), भारतीय प्रबंधन संस्थान (IIM) और भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों के पूर्व छात्रों द्वारा स्थापित, मैडलैब्स अपने संस्थापकों-डॉक्टरेट के साथ शिक्षा वैज्ञानिकों के दृष्टिकोण को जीवंत कर रहा है.
अपनी अत्याधुनिक सुविधाओं और इंटरैक्टिव प्रदर्शनों की मदद से मैडलैब्स का उद्देश्य सभी आयु समूहों में जिज्ञासा जगाना और साइंटेफिक एक्सप्लोरेशन को बढ़ावा देना है. इसे ड्रीम लेबोरेटरीके रूप में वर्णित किया गया है, जहां विचार वास्तविकता में बदल जाते हैं और वैज्ञानिक सपने सच होते हैं.
इसके संस्थापकों में से एक मृणाल शाह ने बताया, "मैडलैब्स के पीछे का विचार आपके भीतर के बच्चे को बाहर लाना, उनकी जिज्ञासा को उत्तेजित करना और आपके पास उत्तरों से ज्यादा सवाल छोड़ना है." हाल ही में मैडलैब्स ने अपने शैडो थिएटर में कई आकर्षक प्रदर्शनों के साथ एक भव्य कार्यक्रम आयोजित किया.
इसरो के पूर्व अध्यक्ष ने प्रशंसा
इस कार्यक्रम में पद्म भूषण प्रोफेसर पी बलराम, आईआईएससी के पूर्व निदेशक और पद्मश्री डॉ ए एस किरण कुमार, इसरो के पूर्व अध्यक्ष जैसे प्रतिष्ठित अतिथि मौजूद थे, जिन्होंने विज्ञान को सभी के लिए सुलभ और मनोरंजक बनाने में मैडलैब्स के प्रयासों की प्रशंसा की.
प्रोफेसर बलराम ने कहा, "मैडलैब्स ने बच्चों, वयस्कों और यहां तक कि दादा-दादी के लिए वैज्ञानिक मनोरंजन का एक अविश्वसनीय शो पेश किया है. टीम ने सभी उम्र के लोगों को सीखने के लिए प्रेरित करने वाले उल्लेखनीय उपकरणों के साथ एक जगह को डिजाइन करने में बहुत प्रयास किया है."
डॉ. किरण कुमार ने मैडलैब्स के इनोवेटिव अप्रोच पर रोशनी डाली.उन्होंने कहा कि व्यावहारिक अनुभव और मनोरंजन के माध्यम से सीखना महत्वपूर्ण है. जब कोई व्यक्ति गतिविधियों के पीछे के विज्ञान को जाने बिना मैडलैब्स में प्रवेश करता है और फिर उसका अनुभव करता है, तो वह जिज्ञासा और अन्वेषण के माध्यम से अंतर्निहित अवधारणाओं को समझ लेता है.
अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी प्रगति पर की चर्चा
डॉ. किरण कुमार ने अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी विशेष रूप से स्पैडेक्स सैटेलाइट में भारत की प्रगति के बारे में भी बात की. उन्होंने कहा, "स्पैडेक्स अंतरिक्ष में वस्तुओं को इकट्ठा करने की दिशा में एक कदम है, जो भविष्य के मिशनों जैसे कि चंद्रमा पर मनुष्यों को भेजने और अंतरिक्ष स्टेशन बनाने के लिए आवश्यक है. यह तकनीकी उपलब्धि हमारे देश के लिए महत्वपूर्ण है."
इस बीच मृणाल शाह ने बताया, "हम रोबोटिक्स और शैडो थिएटर सहित विभिन्न आयु समूहों के लिए कार्यशालाओं का आयोजन करने की योजना बना रहे हैं. हमारा लक्ष्य स्कूलों और समुदायों के साथ मिलकर एक समावेशी स्थान बनाना है जहाँ लोग विज्ञान की खोज कर सकें. अपनी आंतरिक शक्तियों की खोज कर सकें और सक्रिय मनोरंजन का आनंद ले सकें."
उन्होंने कहा कि मैडलैब्स सिर्फ़ एक प्रयोगशाला नहीं है बल्कि एक ऐसा मंच है जो विज्ञान और मनोरंजन के बीच की खाई को पाटता है, सभी उम्र के लोगों को उनके आश्चर्य और जिज्ञासा की भावना से फिर से जुड़ने के लिए आमंत्रित करता है.