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वाराणसी: भगत सिंह छात्र मोर्चा के कार्यकर्ताओं ने बीएचयू प्रशासन पर लगाए गंभीर आरोप

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Published : Jan 28, 2020, 5:54 PM IST

उत्तर प्रदेश के वाराणसी के बीएचयू प्रशासन ने जेएनयू में हुए लाठीचार्ज के विरोध में छात्रों को नोटिस जारी किया है. छात्रों का कहना है कि जो मार्च में शामिल नहीं थे, उन्हें भी नोटिस दिया गया है.

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बीएचयू प्रशासन पर लगे गंभीर आरोप.

वाराणसी: काशी हिंदू विश्वविद्यालय के भगत सिंह छात्र मोर्चा के सदस्यों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की. छात्र-छात्राओं का आरोप है कि बीएचयू प्रशासन उन्हें नोटिस देकर डराना चाहता है. इसके लिए बाकायदा उनके घर नोटिस भेजा गया है. लगभग 10 छात्रों को नोटिस भेजा गया, जिसमें छात्रा आयुषी भूषण भी शामिल हैं, जो जेएनयू में हुए लाठीचार्ज के विरोध में हुए मार्च में उस दिन शामिल भी नहीं थीं.

बीएचयू प्रशासन पर लगे गंभीर आरोप.

पढ़ें पूरा मामला

  • 19 नवंबर को जेएनयू में लाठीचार्ज हुआ था.
  • भगत सिंह छात्र मोर्चा के सदस्यों ने लाठीचार्ज के विरोध में और मोदी सरकार की नीतियों के खिलाफ विरोध मार्च निकाला था.
  • उस मार्च के दौरान अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं ने छात्रों के साथ मारपीट की थी.
  • 2 महीने बाद छात्रों को नोटिस दिया गया है.
  • नोटिस में उन्हें गुमराह छात्र बताया गया है.
  • नोटिस में कहा गया है कि आप दोबारा इस तरह करेंगे तो आप के खिलाफ कार्रवाई होगी.
  • आयुषी भूषण जो कि उस दिन इस आंदोलन में शामिल नहीं थीं, उनको भी नोटिस दिया गया है.
  • कुछ लोगों को टारगेट करके ऐसा किया जा रहा है.

वाराणसी: काशी हिंदू विश्वविद्यालय के भगत सिंह छात्र मोर्चा के सदस्यों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की. छात्र-छात्राओं का आरोप है कि बीएचयू प्रशासन उन्हें नोटिस देकर डराना चाहता है. इसके लिए बाकायदा उनके घर नोटिस भेजा गया है. लगभग 10 छात्रों को नोटिस भेजा गया, जिसमें छात्रा आयुषी भूषण भी शामिल हैं, जो जेएनयू में हुए लाठीचार्ज के विरोध में हुए मार्च में उस दिन शामिल भी नहीं थीं.

बीएचयू प्रशासन पर लगे गंभीर आरोप.

पढ़ें पूरा मामला

  • 19 नवंबर को जेएनयू में लाठीचार्ज हुआ था.
  • भगत सिंह छात्र मोर्चा के सदस्यों ने लाठीचार्ज के विरोध में और मोदी सरकार की नीतियों के खिलाफ विरोध मार्च निकाला था.
  • उस मार्च के दौरान अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं ने छात्रों के साथ मारपीट की थी.
  • 2 महीने बाद छात्रों को नोटिस दिया गया है.
  • नोटिस में उन्हें गुमराह छात्र बताया गया है.
  • नोटिस में कहा गया है कि आप दोबारा इस तरह करेंगे तो आप के खिलाफ कार्रवाई होगी.
  • आयुषी भूषण जो कि उस दिन इस आंदोलन में शामिल नहीं थीं, उनको भी नोटिस दिया गया है.
  • कुछ लोगों को टारगेट करके ऐसा किया जा रहा है.
Intro:

वाराणसी के काशी हिंदू विश्वविद्यालय भगत सिंह छात्र मोर्चा के सदस्यों द्वारा प्रेस कॉन्फ्रेंस किया गया छात्र छात्राओं का आरोप है कि बीएचयू प्रशासन ने उन्हें नोटिस देकर डराना चाहता है इसके लिए बकायदा उनके घर नोटिस भेजा गया है। लगभग 10 छात्रों को नोटिस भेजा गया जिसमें कैसी छात्रा आयुषी भूषण को नोटिस भेजा गया जो उस दिन उस मार्च में शामिल नहीं थी।



Body:19 नवंबर मार्च के दौरान एबीपी कार्यकर्ताओं द्वारा भगत सिंह छात्र मोर्चा के कार्यकर्ताओं बदसलूकी की गई जिसके बाद उन्हें लिखित शिकायत दी इस पर भी कोई कार्यवाही नहीं हुई। और आज छात्रों को नोटिस थमा दिया गया। वही भगत सिंह छात्र मोर्चा के छात्रों ने नोटिस को अस्वीकार करते हुए उसकी प्रतियां को जलाया और प्रशासन का यह दुर्व्यवहार रवैया का बहिष्कार किया।





Conclusion:आकांक्षा 19 नवंबर को जब जेएनयू में लाठीचार्ज हुआ था। छात्रों के लाठीचार्ज के विरोध में और मोदी सरकार की नीतियों के खिलाफ विश्वनाथ मंदिर से लेकर लंका तक एक विरोध मार्च निकाला था। उस मार्च के दौरान अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं द्वारा हमारे साथ मारपीट किया गया। मार्च के 2 महीने बाद हम सब को नोटिस दिया गया है। नोटिस में हमें गुमराह छात्र बताया गया है। नोटिस में कहा गया है कि आप दोबारा इस तरह करेंगे तो आप के खिलाफ कार्रवाई होगी। सबसे हंसी की बात तो तब आती है जब हमारे भगत सिंह छात्र मोर्चा के सदस्य आयुषी भगत उस दिन इस आंदोलन में शामिल भी नहीं थी और उसको भी नोटिस दिया गया है। यह साफ पता चल रहा है कि कुछ लोगों को टारगेट करके ऐसा किया जा रहा है।

बाईट :-- आकांक्षा, छात्रा बीएचयू

आशुतोष उपाध्याय
7007459303

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