वाराणसी: जिले के लाल बहादुर शास्त्री अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट और बेंगलूरु एयरपोर्ट पर 15 अगस्त से पेपरलेस डिजी यात्रा की शुरुआत होने जा रही है. इसके लिए एयरपोर्ट अथॉरिटी ने फाइनल ट्रायल को शुरू कर दिया है. मंगलवार को वाराणसी से दिल्ली जाने वाले इंडिगो एयरलाइंस के विमान के 62 यात्रियों ने पेपरलेस डिजी यात्रा की. एयरपोर्ट प्रबंधन के अनुसार यह सेवा शुरू हो जाने के बाद यात्रियों को अपना पहचान पत्र और बोर्डिंग पास लेकर चलने की आवश्यकता नहीं होगी.
वाराणसी एयरपोर्ट पर पहुंचने के बाद डी-2 गेट पर लगाई गई कियॉस्क मशीन में पैसेंजर को सेल्फ रजिस्ट्रेशन कराना होगा. पैसेंजर को कियॉस्क मशीन में अपना आधार कार्ड का नंबर दर्ज करना होगा, उसके बाद मशीन पैसेंजर की आयरिश, फेस और फिंगर प्रिंट को भी स्कैन करेगी. रजिस्ट्रेशन के बाद पैसेंजर टर्मिनल भवन में प्रवेश कर पाएंगे. एक बार रजिस्ट्रेशन करने के बाद साल भर तक हवाई यात्रा के दौरान इस फैसिलिटी का फायदा उठाया जा सकता है.
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लालबहादुर शास्त्री अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट के निदेशक अर्यमा सान्याल ने बताया कि कियॉस्क मशीन में रजिस्ट्रेशन करने के दौरान पैसेंजर को समस्या का सामना न करना पड़े, इसके लिए डी-2 गेट पर डिजी यात्रा सहायक तैनात किए गए हैं. एयरपोर्ट पर पहुंचने के बाद डिजी यात्रा के रजिस्ट्रेशन के अलावा इससे संबंधित अन्य किसी भी प्रकार की जानकारी के लिए इन सहायकों की मदद पैसेंजर ले सकते हैं. एयरपोर्ट निदेशक ने कहा कि जो यात्री मैनुअल तरीके से जांच कराने के बाद जाना चाहते हैं. वह गेट संख्या डी-1 का इस्तेमाल करेंगे. डिजी यात्रा किसी पैसेंजर पर बाध्यकारी नहीं है. जांच के दौरान जो समय लगता है उससे बचने के लिए यह फैसिलिटी उपलब्ध कराई जा रही है.
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