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छात्रावासों में ओबीसी आरक्षण की मांग पर पुलिस से झड़प, छात्र-छात्राओं ने कहा- याचना नहीं अब रण होगा - काशी हिंदू विश्वविद्यालय के छात्रों का प्रदर्शन

काशी हिंदू विश्वविद्यालय के छात्रावासों में ओबीसी का 27 प्रतिशत आरक्षण लागू करने की मांग को लेकर छात्रों ने मार्च निकाला. उन्होंने कहा कि अगर मांग पूरी नहीं हुई तो अब याचना नहीं रण होगा.

छात्रों ने मार्च निकाला
छात्रों ने मार्च निकाला
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Published : Feb 3, 2022, 9:32 AM IST

वाराणसी: काशी हिंदू विश्वविद्यालय के छात्रावासों में ओबीसी का 27 प्रतिशत आरक्षण लागू करने की मांग को लेकर छात्रों ने मार्च निकाला. बीएचयू विश्वनाथ मंदिर से लेकर सिंह द्वार तक छात्र मार्च निकालकर बीएचयू गेट से बाहर जा रहे थे. पुलिस ने उन्हें बाहर निकलने से मना किया. पुलिस से झड़प होने के बाद आक्रोशित छात्र-छात्राएं काशी हिंदू विश्वविद्यालय के सिंह द्वार लंका गेट पर ही धरने पर बैठ गए और बीएचयू प्रशासन के साथ-साथ जिला प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी करने लगे.

छात्र-छात्राओं ने कहा कि छात्रावासों में ओबीसी आरक्षण लागू करने की मांग को लेकर आज हम अंतिम अनुस्मारक-पत्र दे रहे हैं और काशी हिंदू विश्वविद्यालय के कुलपति को चेतावनी देकर जा रहे हैं. छात्र रोहित राणा ने कहा कि यदि जल्द ही कुलपति प्रो. सुधीर कुमार जैन हमारी मांग नहीं पूरी करते हैं तो अब याचना नहीं रण होगा. अनिश्चितकालीन आमरण-अनशन होगा. यह अनिश्चितकालीन आमरण-अनशन छात्र-छात्राओं द्वारा कुलपति आवास के सामने किया जाएगा.

यह भी पढ़ें: वाराणसी पहुंचकर भड़कीं कृष्णा पटेल, कहा बीजेपी करती है परिवार के खिलाफ साजिश

छात्र भुआल ने कहा कि एशिया के सबसे बड़े आवासीय विश्वविद्यालय काशी हिंदू विश्वविद्यालय के दोनों परिसर में बने छात्रावासों में ओबीसी के विद्यार्थियों को उनका संवैधानिक हक यानी 27 प्रतिशत नहीं मिलता है. छात्र-छात्राओं का कहना है कि केवल ओबीसी फंड से बीएचयू में 39 छात्रावासों का निर्माण हुआ है, जो नियमत: पिछड़ा वर्ग के छात्रों को देने के लिए बनाए गए हैं. हमें विश्वविद्यालय के सभी छात्रावासों में ओबीसी का 27 प्रतिशत आरक्षण लागू किया जाए या ओबीसी फंड से बने छात्रावासों को पूर्णतः पिछड़ा वर्ग के छात्र-छात्राओं को आवंटित किया जाए. हम पिछले आठ-नौ साल से मांग कर रहे हैं कि विश्वविद्यालय के छात्रावासों में ओबीसी आरक्षण लागू किया जाए.

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वाराणसी: काशी हिंदू विश्वविद्यालय के छात्रावासों में ओबीसी का 27 प्रतिशत आरक्षण लागू करने की मांग को लेकर छात्रों ने मार्च निकाला. बीएचयू विश्वनाथ मंदिर से लेकर सिंह द्वार तक छात्र मार्च निकालकर बीएचयू गेट से बाहर जा रहे थे. पुलिस ने उन्हें बाहर निकलने से मना किया. पुलिस से झड़प होने के बाद आक्रोशित छात्र-छात्राएं काशी हिंदू विश्वविद्यालय के सिंह द्वार लंका गेट पर ही धरने पर बैठ गए और बीएचयू प्रशासन के साथ-साथ जिला प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी करने लगे.

छात्र-छात्राओं ने कहा कि छात्रावासों में ओबीसी आरक्षण लागू करने की मांग को लेकर आज हम अंतिम अनुस्मारक-पत्र दे रहे हैं और काशी हिंदू विश्वविद्यालय के कुलपति को चेतावनी देकर जा रहे हैं. छात्र रोहित राणा ने कहा कि यदि जल्द ही कुलपति प्रो. सुधीर कुमार जैन हमारी मांग नहीं पूरी करते हैं तो अब याचना नहीं रण होगा. अनिश्चितकालीन आमरण-अनशन होगा. यह अनिश्चितकालीन आमरण-अनशन छात्र-छात्राओं द्वारा कुलपति आवास के सामने किया जाएगा.

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छात्र भुआल ने कहा कि एशिया के सबसे बड़े आवासीय विश्वविद्यालय काशी हिंदू विश्वविद्यालय के दोनों परिसर में बने छात्रावासों में ओबीसी के विद्यार्थियों को उनका संवैधानिक हक यानी 27 प्रतिशत नहीं मिलता है. छात्र-छात्राओं का कहना है कि केवल ओबीसी फंड से बीएचयू में 39 छात्रावासों का निर्माण हुआ है, जो नियमत: पिछड़ा वर्ग के छात्रों को देने के लिए बनाए गए हैं. हमें विश्वविद्यालय के सभी छात्रावासों में ओबीसी का 27 प्रतिशत आरक्षण लागू किया जाए या ओबीसी फंड से बने छात्रावासों को पूर्णतः पिछड़ा वर्ग के छात्र-छात्राओं को आवंटित किया जाए. हम पिछले आठ-नौ साल से मांग कर रहे हैं कि विश्वविद्यालय के छात्रावासों में ओबीसी आरक्षण लागू किया जाए.

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