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काशी विश्वविद्यालय दीक्षांत समारोह में ड्रेस कोड पूरा न होने से छात्र नहीं ले पा रहे उपाधि, कर रहे विरोध

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Published : Dec 12, 2022, 6:41 AM IST

Updated : Dec 12, 2022, 6:55 AM IST

काशी विश्वविद्यालय में दीक्षांत समारोह का आयोजन किया गया है. यहां छात्रों को उपाधियां प्रदान की जा रही हैं. लेकिन, ड्रेस कोड पूरा न होने के कारण छात्र विरोध कर रहे हैं.

काशी विश्वविद्यालय में छात्रों का विरोध
काशी विश्वविद्यालय में छात्रों का विरोध

वाराणसी: काशी विश्वविद्यालय एक बार फिर विरोध के जद में हैं. इस बार विरोध का कारण दीक्षांत समारोह का देशी परिधान बना है. जी हां, विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में छात्रों को पगड़ी और साफा न मिलने के कारण वह जमकर विरोध कर रहे हैं. छात्रों का कहना है कि विश्वविद्यालय प्रशासन हमारी समस्या पर ध्यान नहीं दे रहा है.

काशी विश्वविद्यालय में छात्रों का विरोध

बता दें कि विश्वविद्यालय में 10 से 12 दिसंबर तक दीक्षांत समारोह का आयोजन किया गया है. इसमें विद्यार्थियों को उपाधि लेने के लिए देशी परिधान के साथ साफा पगड़ी पहनना आवश्यक है. लेकिन, कुछ विद्यार्थी साफा पगड़ी न मिलने से परेशान हैं. इसमें पास आउट विद्यार्थी शामिल हैं. ड्रेस कोड पूरा न होने के कारण ये विद्यार्थी विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. लेकिन, विश्वविद्यालय प्रशासन ने इस विरोध को बेबुनियाद ठहराया.

विश्वविद्यालय में उपाधि ग्रहण करने के लिए विश्वविद्यालय द्वारा निर्धारित शुल्क में विद्यार्थियों को साफा पगड़ी का वितरण किया गया. लेकिन, कुछ पास आउट विद्यार्थी अपनी उपस्थिति नहीं दर्ज करा सके. इसके कारण उनको साफा पगड़ी नहीं मिल सकी. इससे छात्र नाराज हैं. छात्रों का आरोप है कि विश्वविद्यालय प्रशासन के पास पर्याप्त मात्रा में साफा और पगड़ी मौजूद नहीं है. इस वजह से विद्यार्थी परेशान हैं.

छात्रों ने आरोप लगाते हुए विरोध प्रदर्शन की शुरुआत कर दी है. रविवार रात जहां छात्र सिंह द्वार पर विरोध कर रहे थे तो वहीं इस समय वह फैकल्टी में विरोध कर रहे हैं. उनका कहना है कि यदि 38000 डिग्रियां छात्रों को दी जानी थीं तो विश्वविद्यालय प्रशासन को इतनी ही संख्या में साफा पगड़ी को भी रखना चाहिए. लेकिन, विश्वविद्यालय प्रशासन लापरवाही में मगन है. उनका कहना है कि जब तक उनकी ड्रेस पूरी नहीं होती, तब तक वह उपाधि नहीं लेंगे.

छात्रों का कहना है कि यदि पगड़ी साफा नहीं मिला तो क्या विश्ववविद्यालय उनको टी शर्ट और पैंट में उपाधियां देगा. यदि हां, तो वह भी टीशर्ट में ही डिग्री लेंगे. लेकिन, आधे अधूरे कपड़े में डिग्री लेने के लिए नहीं जाएंगे. गौरतलब हो कि 10 दिसंबर से विश्वविद्यालय में 102वां दीक्षांत समारोह मनाया जा रहा है. 38000 से ज्यादा छात्राओं को डिग्रियां बांटी जाएंगी और अभी तक काफी संख्या में विद्यार्थियों को डिग्रियां बांटी जा चुकी है.

यह भी पढ़ें: BHU में केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने खेला क्रिकेट, बोले काशी व तमिल के युवाओं का हो रहा मेल

इस बारे में विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से विद्यार्थियों को सुझाव दिया गया है कि सभी फैकल्टी में विद्यार्थियों के लिए सुविधाएं रहेंगी. फैकल्टी में डिग्री लेने के दौरान 6 से ज्यादा साफा पगड़ी स्टेज पर मौजूद होंगी, जहां डिग्री लेने के दौरान विद्यार्थि इसका प्रयोग कर सकते हैं. उन्हें इसे घर ले जाने की अनुमति नहीं होगी. लेकिन, कार्यक्रम के बाद वह ऑर्डर करके खरीद सकते हैं. विश्वविद्यालय प्रशासन की इस बात को विद्यार्थी स्वीकार नहीं कर रहे हैं.

वाराणसी: काशी विश्वविद्यालय एक बार फिर विरोध के जद में हैं. इस बार विरोध का कारण दीक्षांत समारोह का देशी परिधान बना है. जी हां, विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में छात्रों को पगड़ी और साफा न मिलने के कारण वह जमकर विरोध कर रहे हैं. छात्रों का कहना है कि विश्वविद्यालय प्रशासन हमारी समस्या पर ध्यान नहीं दे रहा है.

काशी विश्वविद्यालय में छात्रों का विरोध

बता दें कि विश्वविद्यालय में 10 से 12 दिसंबर तक दीक्षांत समारोह का आयोजन किया गया है. इसमें विद्यार्थियों को उपाधि लेने के लिए देशी परिधान के साथ साफा पगड़ी पहनना आवश्यक है. लेकिन, कुछ विद्यार्थी साफा पगड़ी न मिलने से परेशान हैं. इसमें पास आउट विद्यार्थी शामिल हैं. ड्रेस कोड पूरा न होने के कारण ये विद्यार्थी विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. लेकिन, विश्वविद्यालय प्रशासन ने इस विरोध को बेबुनियाद ठहराया.

विश्वविद्यालय में उपाधि ग्रहण करने के लिए विश्वविद्यालय द्वारा निर्धारित शुल्क में विद्यार्थियों को साफा पगड़ी का वितरण किया गया. लेकिन, कुछ पास आउट विद्यार्थी अपनी उपस्थिति नहीं दर्ज करा सके. इसके कारण उनको साफा पगड़ी नहीं मिल सकी. इससे छात्र नाराज हैं. छात्रों का आरोप है कि विश्वविद्यालय प्रशासन के पास पर्याप्त मात्रा में साफा और पगड़ी मौजूद नहीं है. इस वजह से विद्यार्थी परेशान हैं.

छात्रों ने आरोप लगाते हुए विरोध प्रदर्शन की शुरुआत कर दी है. रविवार रात जहां छात्र सिंह द्वार पर विरोध कर रहे थे तो वहीं इस समय वह फैकल्टी में विरोध कर रहे हैं. उनका कहना है कि यदि 38000 डिग्रियां छात्रों को दी जानी थीं तो विश्वविद्यालय प्रशासन को इतनी ही संख्या में साफा पगड़ी को भी रखना चाहिए. लेकिन, विश्वविद्यालय प्रशासन लापरवाही में मगन है. उनका कहना है कि जब तक उनकी ड्रेस पूरी नहीं होती, तब तक वह उपाधि नहीं लेंगे.

छात्रों का कहना है कि यदि पगड़ी साफा नहीं मिला तो क्या विश्ववविद्यालय उनको टी शर्ट और पैंट में उपाधियां देगा. यदि हां, तो वह भी टीशर्ट में ही डिग्री लेंगे. लेकिन, आधे अधूरे कपड़े में डिग्री लेने के लिए नहीं जाएंगे. गौरतलब हो कि 10 दिसंबर से विश्वविद्यालय में 102वां दीक्षांत समारोह मनाया जा रहा है. 38000 से ज्यादा छात्राओं को डिग्रियां बांटी जाएंगी और अभी तक काफी संख्या में विद्यार्थियों को डिग्रियां बांटी जा चुकी है.

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इस बारे में विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से विद्यार्थियों को सुझाव दिया गया है कि सभी फैकल्टी में विद्यार्थियों के लिए सुविधाएं रहेंगी. फैकल्टी में डिग्री लेने के दौरान 6 से ज्यादा साफा पगड़ी स्टेज पर मौजूद होंगी, जहां डिग्री लेने के दौरान विद्यार्थि इसका प्रयोग कर सकते हैं. उन्हें इसे घर ले जाने की अनुमति नहीं होगी. लेकिन, कार्यक्रम के बाद वह ऑर्डर करके खरीद सकते हैं. विश्वविद्यालय प्रशासन की इस बात को विद्यार्थी स्वीकार नहीं कर रहे हैं.

Last Updated : Dec 12, 2022, 6:55 AM IST
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