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बाबा विश्वनाथ का गुरुपूर्णिमा पर हुआ विशेष श्रृंगार, सावन में भी होगा काशी विश्वनाथ का अद्भुत श्रृंगार

बाबा विश्वनथ का सावन के सोमवार को विशेष श्रृंगार होता है. इस बार सावन के 8 सोमवार पड़ रहे हैं. इन आठों सोमवार को बाबा का अलग-अलग रूप दिखेगा.

वाराणसी
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Published : Jul 4, 2023, 1:29 PM IST

Updated : Jul 4, 2023, 2:16 PM IST

वाराणसी: सावन का त्योहार 4 जुलाई से शुरू हो रहा है और इसके पहले गुरु पूर्णिमा के मौके पर बाबा विश्वनाथ का अद्भुत श्रृंगार किया गया. बाबा विश्वनाथ के सप्त ऋषि आरती दर्शन के दौरान भोलेनाथ की चल रजत प्रतिमा को गर्भगृह में स्थापित किया गया और पालकी पर लेकर पुजारी भोलेनाथ की प्रतिमा को मंदिर के गर्भगृह तक पहुंचे, जहां पर विशेष आरती और पूजन संपन्न हुआ.

सावन के आठों सोमवार को होगा काशी विश्वनाथ का अद्भुत श्रृंगार
सावन के आठों सोमवार को होगा काशी विश्वनाथ का अद्भुत श्रृंगार

दरअसल, सावन का पर्व शुरू होने के साथ ही बाबा विश्वनाथ के मंदिर में उत्सव का माहौल दिखने लगा है. गुरु पूर्णिमा का पर्व काशी के लिए विशेष तौर पर श्रद्धा और आस्था का पर्व माना जाता है. यहां के मठ मंदिरों में पूरे दिन गुरु पूर्णिमा के मौके पर पूजन-पाठ संपन्न हुआ और शाम होते-होते तक बाबा विश्वनाथ के मंदिर में गुरु पूर्णिमा का पर्व मनाया गया. मंदिर की तरफ से बताया गया कि विश्वनाथ मंदिर में शाम को सप्त ऋषि आरती के दौरान भगवान विश्वनाथ की प्रतिमा पालकी पर लेकर मंदिर तक पहुंचाई गई और यहां से भोलेनाथ की इस अद्भुत प्रतिमा को मुख्य शिवलिंग के ऊपर स्थापित करके सप्त ऋषि आरती पूर्ण की गई और इसके बाद भोलेनाथ का दर्शन और शयन आरती संपन्न हुई.

फिलहाल, सावन के मौके पर इस बार 2 माह का सावन होने के कारण 4 की जगह 8 सोमवार पड़ रहे हैं और हर सोमवार के अलावा सावन पूर्णिमा और अन्य विशेष मौकों पर भी भगवान भोलेनाथ के अलग-अलग विशेष श्रृंगार किए जाएंगे. रुद्राक्ष श्रृंगार से लेकर झूला श्रृंगार अन्य कई तरह के श्रृंगार का दर्शन भक्त कर सकेंगे. श्रावण मास 4 जुलाई से आरम्भ होकर 31 अगस्त को समाप्त होगा. इस दौरान विश्वनाथ मंदिर में आठ सोमवार, श्रावण पूर्णिमा के दिन बाबा विश्वनाथ का सावन मास में श्रृंगार होगा.

यह भी पढ़ें: सावन के पहले दिन सीएम योगी ने किया रुद्राभिषेक, जनता दरबार में फरियादियों की सुनी समस्याएं

वाराणसी: सावन का त्योहार 4 जुलाई से शुरू हो रहा है और इसके पहले गुरु पूर्णिमा के मौके पर बाबा विश्वनाथ का अद्भुत श्रृंगार किया गया. बाबा विश्वनाथ के सप्त ऋषि आरती दर्शन के दौरान भोलेनाथ की चल रजत प्रतिमा को गर्भगृह में स्थापित किया गया और पालकी पर लेकर पुजारी भोलेनाथ की प्रतिमा को मंदिर के गर्भगृह तक पहुंचे, जहां पर विशेष आरती और पूजन संपन्न हुआ.

सावन के आठों सोमवार को होगा काशी विश्वनाथ का अद्भुत श्रृंगार
सावन के आठों सोमवार को होगा काशी विश्वनाथ का अद्भुत श्रृंगार

दरअसल, सावन का पर्व शुरू होने के साथ ही बाबा विश्वनाथ के मंदिर में उत्सव का माहौल दिखने लगा है. गुरु पूर्णिमा का पर्व काशी के लिए विशेष तौर पर श्रद्धा और आस्था का पर्व माना जाता है. यहां के मठ मंदिरों में पूरे दिन गुरु पूर्णिमा के मौके पर पूजन-पाठ संपन्न हुआ और शाम होते-होते तक बाबा विश्वनाथ के मंदिर में गुरु पूर्णिमा का पर्व मनाया गया. मंदिर की तरफ से बताया गया कि विश्वनाथ मंदिर में शाम को सप्त ऋषि आरती के दौरान भगवान विश्वनाथ की प्रतिमा पालकी पर लेकर मंदिर तक पहुंचाई गई और यहां से भोलेनाथ की इस अद्भुत प्रतिमा को मुख्य शिवलिंग के ऊपर स्थापित करके सप्त ऋषि आरती पूर्ण की गई और इसके बाद भोलेनाथ का दर्शन और शयन आरती संपन्न हुई.

फिलहाल, सावन के मौके पर इस बार 2 माह का सावन होने के कारण 4 की जगह 8 सोमवार पड़ रहे हैं और हर सोमवार के अलावा सावन पूर्णिमा और अन्य विशेष मौकों पर भी भगवान भोलेनाथ के अलग-अलग विशेष श्रृंगार किए जाएंगे. रुद्राक्ष श्रृंगार से लेकर झूला श्रृंगार अन्य कई तरह के श्रृंगार का दर्शन भक्त कर सकेंगे. श्रावण मास 4 जुलाई से आरम्भ होकर 31 अगस्त को समाप्त होगा. इस दौरान विश्वनाथ मंदिर में आठ सोमवार, श्रावण पूर्णिमा के दिन बाबा विश्वनाथ का सावन मास में श्रृंगार होगा.

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Last Updated : Jul 4, 2023, 2:16 PM IST
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