वाराणसीः सिविल जज वाराणसी ने ज्ञानवापी मामले में पुरातात्विक सर्वेक्षण के प्रार्थना पत्र पर सुनवाई के लिए 20 मार्च की तारीख दी थी. लेकिन शनिवार को कोर्ट में अंजुमन इंतजामिया मस्जिद की ओर से प्रार्थना पत्र देकर कोर्ट से समय मांगा. जिस पर कोर्ट ने अगली तारीख 22 मार्च की दी है. इसके साथ ही आपको बता दें कि ज्ञानवापी में नए मंदिर के निर्माण और हिंदूओं को पूजा-पाठ करने का अधिकार देने को लेकर साल 1991 में मुकदमा दायर किया गया था.
ज्ञानवापी मंदिर-मस्जिद मामले के पुरातात्विक सर्वेक्षण के लिये प्रार्थना पत्र
न्यायालय सिविल जज (सीनियर डिवीजन फास्ट ट्रैक कोर्ट) में शनिवार को ज्ञानवापी केस में पुरातात्विक सर्वेक्षण का प्रार्थना पत्र जो वादी पक्ष से प्रस्तुत हुआ था. उसकी सुनवाई के लिए 20 मार्च की तिथि दी गयी थी. इस संबंध में स्वयंभू ज्योतिर्लिंग भगवान विश्वेश्वर की ओर से वादमित्र विजय शंकर रस्तोगी ने इसकी जानकारी दी.
कोर्ट से मांगा गया समय
वादमित्र विजय शंकर रस्तोगी ने बताया कि कोर्ट ने पुरातात्विक सर्वेक्षण मामले पर सुनवाई के लिये 20 मार्च की तिथि नियत की थी. इस पर शनिवार को अंजुमन इंतजामिया मस्जिद के मामले में आगे की तिथि के लिए कोर्ट में प्रार्थना पत्र देकर समय मांगा गया. इस आधार पर उच्च न्यायालय इलाहाबाद में इसी वाद से संबंधित प्रश्न पर दो रीट याचिकायें पेंडिंग है. उसमें सुनवाई भी हो चुकी है. जिसका निर्णय रिजर्व है. निर्णय आने के बाद इस केस की सुनवाई की जाये. इस पर कोर्ट ने कहा कि अभी इस वाद में साक्ष्य भी नहीं हुये हैं. न ही मेरिट पर कोई सुनवाई चल रही है. बल्कि अंतर्वर्ती प्रार्थना पत्र पर सनुवाई चल रही है. जिसके लिये इस वाद की कार्रवाई को रोकना मुनासिब नहीं है. ये वाद अत्यंत पुराने लिस्ट में है. इसका निस्तारण डे टू डे के बेसिस पर होना चाहिये. इस प्रकार से कोर्ट ने 22 मार्च की तारीख पुरातात्विक सर्वेक्षण के प्रार्थना पत्र के सुनवाई के लिये नियत की है.