वाराणसीः संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय में शास्त्री और आचार्य के विद्यार्थियों की छात्रवृत्ति को यूनिवर्सिटी प्रशासन ने बढ़ाने का फैसला लिया है. अब शास्त्री के छात्रों को 2 हजार रुपये, आचार्य के छात्रों को 3 हजार रुपये और शोध के विद्यार्थियों को 5 सौ रुपये की जगह 5 हजार छात्रवृत्ति देने का फैसला लिया गया है. इसके लिए वित्त समिति द्वारा स्वीकृति प्रदान कर दी गई है. इससे पहले विश्वविद्यालय में विद्यार्थियों को 20 से 30 रुपये प्रतिमहीने छात्रवृत्ति देने का प्रावधान था. यूनिवर्सिटी के इस फैसले को अगर प्रशासन की मुहर लग जाती है, तो छात्रवृत्ति की राशि बढ़ जाएगी.
कुलपति हरे राम त्रिपाठी ने बताया कि महंगाई के दौर को देखते हुए विद्यार्थियों के छात्रवृत्ति बढ़ाने का निर्णय लिया गया है. उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय की आर्थिक स्थिति बहुत ठीक नहीं है. ऐसे में विश्वविद्यालय में छात्रवृत्ति को बढ़ाने के प्रस्ताव को शासन को भेजा जाएगा. जहां से बजट मिलने पर विद्यार्थियों में छात्रवृत्ति की राशि वितरित की जाएगी. उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय के आय को बढ़ाने के लिए भी तमाम कवायद की जा रही है. इसी क्रम में शोध प्रपत्रों का शुल्क 5 रुपये से बढ़ाकर 100 रुपये, डिलीट का फॉर्म 100 रुपये से बढ़ाकर 1,000 रुपये करने का प्रस्ताव है. जिससे यूनिवर्सिटी की आय में वृद्धि हो सके.
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आपको बता दें कि छात्रवृत्ति बढ़ोतरी की मांग लगातार विद्यार्थी कर रहे थे. इसको लेकर के कई बार विद्यार्थियों ने पत्रों के माध्यम से अपनी आवाज भी बुलंद की थी. ऐसे में विश्वविद्यालय द्वारा छात्रवृत्ति बढ़ाए जाने के फैसले के बाद विद्यार्थियों में खुशी का माहौल है. उनका कहना है कि महंगाई के दौर में छात्रवृत्ति का बढ़ना बेहद जरूरी था.
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