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देव दीपावली में देशभक्ति का नजारा, अमर जवान ज्योति की भव्यता बता रही वीरों की गाथा

वाराणसी में आज देव दीपवाली का महापर्व है. धर्म नगरी काशी इस महापर्व के लिए सज-धजकर तैयार हो चुकी है. यहां पर धर्म के साथ देशभक्ति का अद्भुत नजारा देखने को मिल रहा है.

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अमर जवान ज्योति
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Published : Nov 7, 2022, 5:48 PM IST

वाराणसीः धर्मनगरी काशी आज सज-धजकर तैयार है. मौका महापर्व देव दीपावली(Mahaparv Dev Deepawali) का है, जिसे लेकर काशी के 84 घाटों की लंबी श्रृंखला शाम को सूर्य अस्त होने के साथ ही जगमगा उठेगी. आज देवता धरती पर उतरेंगे और देव दीपावली का त्यौहार(dev diwali festival) मनाकर सभी को आशीर्वाद प्रदान करेंगे. इस भव्य आयोजन का साक्षी बनने के लिए काशी में बड़ी संख्या में लोगों की भीड़ उमड़ी है. हर घाट अभी से भीड़ से पटे नजर आ रहे हैं और मुख्य आयोजन स्थल दशाश्वमेध घाट(Dashashwamedh Ghat) पर है, जहां भव्य गंगा मां की महाआरती होनी है.

देव दीपावली के मौके पर अमर जवान ज्योति की भव्यता की विशेषता बताते हुए संवाददाता गोपाल मिश्र

दशाश्वमेध घाट पर धर्म के साथ देशभक्ति का अद्भुत नजारा देखने को मिल रहा है, क्योंकि हर वर्ष यहां पर बनाई जाने वाली लगभग 20 फीट की इंडिया गेट की रिप्लिका नहीं दिखाई दे रही है. यहां पर 14 फीट ऊंचा अमर जवान ज्योति का स्मारक (Memorial of Amar Jawan Jyoti) वीर जवानों की गाथा दिखाता नजर आ रहा है.

दरअसल, 1990 से काशी के विश्व प्रसिद्ध दशाश्वमेध घाट पर होने वाली गंगा आरती गंगा सेवा निधि(Ganga Seva Nidhi) की तरफ से शुरू करवाई गई. 1999 में कारगिल युद्ध में शहीद हुए जवानों की याद में हर वर्ष इस आयोजन को समर्पित करते हुए इसे आगे बढ़ाने की परंपरा की शुरुआत हुई. इस परंपरा का निर्वहन आज भी किया जा रहा है. सबसे बड़ी बात यह है कि हर वर्ष देव दीपावली के मौके पर यहां होने वाली नियमित आरती को महाआरती के रूप में आयोजित किया जाता है, जिसमें एक कई दर्शक और उनके साथ 42 कन्याएं रिद्धि-सिद्धि ग्रुप में मौजूद होती हैं. कन्याओं को रखने का मकसद सिर्फ और सिर्फ महिला शक्ति को प्रदर्शित करते हुए महिलाओं को धर्म के क्षेत्र में भी पीछे न रहने के संदेश के साथ इस आयोजन को सफलतापूर्वक संपन्न कराया जाता है.

इन सबके अलावा हर वर्ष कारगिल शहीदों की स्मृति में गंगा किनारे भव्य 20 फीट ऊंचा इंडिया गेट का भव्य स्वरूप तैयार कर उसमें अमर जवान ज्योति को छोटे रूप में दर्शाया जाता था, लेकिन इस वर्ष इसका स्वरूप भी उसी तरह बदल गया जैसे दिल्ली में अमर जवान ज्योति का स्वरूप इंडिया गेट से बदलकर वॉर मेमोरियल में शिफ्ट हुआ. यहां भी इस बार इंडिया गेट की रिप्लिका (Replica of India Gate) नजर नहीं आ रही है और अमर जवान ज्योति का जो छोटा जो रूप था वह 14 फीट ऊंचे भव्य स्वरूप में नजर आ रहा है.

गंगा सेवा निधि ट्रस्ट के महासचिव सुरजीत सिंह ने बताया कि का आयोजन शहीद जवानों की स्मृति में हर वर्ष संपन्न करवाया जाता है. उद्देश्य जल, थल और वायु सेना के अलावा पीएसी पुलिस सीआरपीएफ और अन्य फोर्सेस के वह जवान जो हमारी आपकी रक्षा करते हुए देश की खातिर शहीद होते हैं. उन्हें नमन करने के लिए या आयोजन संपन्न होता है. पूरे 1 महीने कार्तिक मास में आकाश दीप जलाने के साथ ही अमर जवान ज्योति जगाकर उन्हें नमन करके इस पूरे आयोजन को संपन्न किया जाता है. यही आयोजन आज इस भव्य महापर्व के साथ आगे बढ़ाया जाएगा.

पढ़ेंः आज धरती पर उतरेगा देवलोक, काशी के 84 घाटों पर जलेंगे 10 लाख से ज्यादा दीये

वाराणसीः धर्मनगरी काशी आज सज-धजकर तैयार है. मौका महापर्व देव दीपावली(Mahaparv Dev Deepawali) का है, जिसे लेकर काशी के 84 घाटों की लंबी श्रृंखला शाम को सूर्य अस्त होने के साथ ही जगमगा उठेगी. आज देवता धरती पर उतरेंगे और देव दीपावली का त्यौहार(dev diwali festival) मनाकर सभी को आशीर्वाद प्रदान करेंगे. इस भव्य आयोजन का साक्षी बनने के लिए काशी में बड़ी संख्या में लोगों की भीड़ उमड़ी है. हर घाट अभी से भीड़ से पटे नजर आ रहे हैं और मुख्य आयोजन स्थल दशाश्वमेध घाट(Dashashwamedh Ghat) पर है, जहां भव्य गंगा मां की महाआरती होनी है.

देव दीपावली के मौके पर अमर जवान ज्योति की भव्यता की विशेषता बताते हुए संवाददाता गोपाल मिश्र

दशाश्वमेध घाट पर धर्म के साथ देशभक्ति का अद्भुत नजारा देखने को मिल रहा है, क्योंकि हर वर्ष यहां पर बनाई जाने वाली लगभग 20 फीट की इंडिया गेट की रिप्लिका नहीं दिखाई दे रही है. यहां पर 14 फीट ऊंचा अमर जवान ज्योति का स्मारक (Memorial of Amar Jawan Jyoti) वीर जवानों की गाथा दिखाता नजर आ रहा है.

दरअसल, 1990 से काशी के विश्व प्रसिद्ध दशाश्वमेध घाट पर होने वाली गंगा आरती गंगा सेवा निधि(Ganga Seva Nidhi) की तरफ से शुरू करवाई गई. 1999 में कारगिल युद्ध में शहीद हुए जवानों की याद में हर वर्ष इस आयोजन को समर्पित करते हुए इसे आगे बढ़ाने की परंपरा की शुरुआत हुई. इस परंपरा का निर्वहन आज भी किया जा रहा है. सबसे बड़ी बात यह है कि हर वर्ष देव दीपावली के मौके पर यहां होने वाली नियमित आरती को महाआरती के रूप में आयोजित किया जाता है, जिसमें एक कई दर्शक और उनके साथ 42 कन्याएं रिद्धि-सिद्धि ग्रुप में मौजूद होती हैं. कन्याओं को रखने का मकसद सिर्फ और सिर्फ महिला शक्ति को प्रदर्शित करते हुए महिलाओं को धर्म के क्षेत्र में भी पीछे न रहने के संदेश के साथ इस आयोजन को सफलतापूर्वक संपन्न कराया जाता है.

इन सबके अलावा हर वर्ष कारगिल शहीदों की स्मृति में गंगा किनारे भव्य 20 फीट ऊंचा इंडिया गेट का भव्य स्वरूप तैयार कर उसमें अमर जवान ज्योति को छोटे रूप में दर्शाया जाता था, लेकिन इस वर्ष इसका स्वरूप भी उसी तरह बदल गया जैसे दिल्ली में अमर जवान ज्योति का स्वरूप इंडिया गेट से बदलकर वॉर मेमोरियल में शिफ्ट हुआ. यहां भी इस बार इंडिया गेट की रिप्लिका (Replica of India Gate) नजर नहीं आ रही है और अमर जवान ज्योति का जो छोटा जो रूप था वह 14 फीट ऊंचे भव्य स्वरूप में नजर आ रहा है.

गंगा सेवा निधि ट्रस्ट के महासचिव सुरजीत सिंह ने बताया कि का आयोजन शहीद जवानों की स्मृति में हर वर्ष संपन्न करवाया जाता है. उद्देश्य जल, थल और वायु सेना के अलावा पीएसी पुलिस सीआरपीएफ और अन्य फोर्सेस के वह जवान जो हमारी आपकी रक्षा करते हुए देश की खातिर शहीद होते हैं. उन्हें नमन करने के लिए या आयोजन संपन्न होता है. पूरे 1 महीने कार्तिक मास में आकाश दीप जलाने के साथ ही अमर जवान ज्योति जगाकर उन्हें नमन करके इस पूरे आयोजन को संपन्न किया जाता है. यही आयोजन आज इस भव्य महापर्व के साथ आगे बढ़ाया जाएगा.

पढ़ेंः आज धरती पर उतरेगा देवलोक, काशी के 84 घाटों पर जलेंगे 10 लाख से ज्यादा दीये

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