वाराणसीः स्वामी जितेन्द्रानंद सरस्वती ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए कहा उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा 13 अखाड़ों और कुछ प्रमुख मठ मंदिरों प्रयाग के कुछ कार्य कराए गए थे. जो मूलभूत सुविधाओं के लिए थे. प्रयागराज में प्रत्याशियों के बढ़ने पर उनके पीने का पानी बेस किचन, सोने के स्थान की व्यवस्था की गई थी. इस कार्य में जो खर्च हुआ वह उत्तर प्रदेश सरकार ने निर्वहन किया. उनकी कार्यदायी संस्था जल निगम ने इस कार्य को संपन्न कराया. उसमें साधु संत कहां आते हैं.
उन्होंने कहा कि वाराणसी मंडल के आयकर विभाग के दो बिगड़ैल उपायुक्त राजेश कुमार और शकील अंसारी इन दोनों लोगों ने साजिशन इन 16 धर्माचार्यों को 13 अखाड़ा का जो संगठन है और तीन धर्माचार्यों को शंकराचार्य स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती, नरेंद्र गिरी, सच्चा बाबा आश्रम गोपाल दास महाराज को नोटिस दिया है. आप लोगों ने एक करोड़ रुपया लिया है.
सनातन धर्म के प्रति षड्यंत्र
स्वामी जितेन्द्रानंद सरस्वती बताया जो धन हमने लिया नहीं. उसका हिसाब हम कैसे दे सकते हैं. आप साबित क्या करना चाहते हो हिंदू धर्म आचार्य अनियमित हैं. सनातन धर्म आचार्य फालतू के खर्च करते हैं. यह सनातन हिंदू धर्म के तरफ काशी के धरती से बड़ा षड्यंत्र है. इस षड्यंत्र के पीछे निश्चित तौर पर कुछ और अधार्मिक और षड्यंत्र वाले वामपंथी मन मिजाज के लोग लगे हुए हैं.
दोषियों पर हो कार्रवाई
स्वामी जितेन्द्रानंद सरस्वती ने कहा सरकार तत्काल संज्ञान लेते हुए, नोटिस को रद्द करने के साथ इन दोनों अधिकारियों को निलंबित कर निष्पक्ष जांच कराए. हिंदू धर्म आचार्यों को अपमानित तथा हिंदू धर्म को बदनाम करने के लिए सरकारी मशीनरी का प्रयोग तथा धार्मिक एवं सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने के आरोप में प्राथमिक दर्ज की कार्रवाई की जाए.