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इंडिया गठबंधन की हार पर अखिलेश का तंज, बोले- अहंकार खत्म हो गया, अब आगे रास्ता निकलेगा

Akhilesh Yadav Varanasi Visit : अखिलश यादव ने वाराणसी में कहा कि आज नहीं तो परसों जातीय जनगणना होकर रहेगी. मैं इसके पक्ष में हूं.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Dec 4, 2023, 5:31 PM IST

Updated : Dec 4, 2023, 7:06 PM IST

वाराणसी में मीडिया के सवालों के जवाब देते सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव.

वाराणसी: अखिलेश यादव सोमवार को अपने एक दिवसीय दौरे पर वाराणसी पहुंचे. वाराणसी में अलग-अलग कार्यक्रमों में हिस्सा लेने के लिए पहुंचे पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने मध्य प्रदेश में अपनी और इंडिया गठबंधन की बड़ी हार के बाद पहली बार मीडिया का सामना किया. उन्होंने मीडिया के तीखे सवालों का जवाब देते हुए कहा कि हम यह मानते हैं कि हमारी हार हुई है. लेकिन, हमें आगे की रणनीति बनानी है. जिस क्षेत्र में जो पार्टी बड़ी है, उसे उस हिसाब से आगे चुनावी रणनीति बनानी होगी.

अखिलेश यादव ने जातीय जनगणना का खुलकर समर्थन करते हुए कहा, मैं इसके पक्ष में हूं. आज नहीं तो परसों जातीय जनगणना होकर रहेगी. अखिलेश यादव ने कहा कि मैं जो कुछ भी कहूंगा उसके बाद का सवाल भी मैं जानता हूं. मीडिया मुझसे क्या पूछेगी? मैं कुछ भी कहूंगा उसके बाद यह सवाल आएगा कुछ दिन पहले इंडिया वर्ल्ड कप हार गया था, आप पूछेंगे अब इंडिया का क्या होगा. उन्होंने कहा कि हम लोग निराश नहीं है. राजनीति और लोकतंत्र में इस तरह के परिणाम आते हैं. मैं जिस लोकसभा क्षेत्र में बैठा हूं वहां 5 लाख वोटों से भारतीय जनता पार्टी जीतती है. इसका मतलब यह नहीं है कि सबका साथ सबका सम्मान सबका विकास हो रहा हो, बहुत सारे ऐसे लोग हैं जो लोग निराश हैं. जिनकी उम्मीद तोड़ी गई है.

अखिलेश ने कहा कि राजनीति में परिणाम आते हैं और बहुत से लोग हैं जिनको यह परिणाम स्वीकार करने होंगे. लड़ाई लंबी है लेकिन इन परिणामों से हमें और जिन लोगों को भारतीय जनता पार्टी जैसी बड़ी पार्टी का मुकाबला करना है उन्हें बहुत तैयारी करनी पड़ेगी. बहुत अनुशासन में रहकर उन चीजों का मुकाबला करना पड़ेगा, जिस रणनीति के तहत यह इतना बहुमत पा रहे हैं. इसलिए मुझे उम्मीद है आने वाले समय में परिणाम दूसरे होंगे.

अखिलेश यादव ने कहा कि अब परिणाम आ गया. अहंकार खत्म हो गया. परिणाम ने ही अहंकार खत्म किया है. आने वाले समय में फिर से रास्ता निकलेगा. देश के लिए लोकतंत्र और संविधान बचाना महत्वपूर्ण है. उससे भी ज्यादा महत्वपूर्ण है समाजवादियों का उत्तर प्रदेश में संघर्ष जो बहुत बड़ा है. समाजवादियों को बड़े फैसले लेने हैं. जहां से बात शुरू हुई है जो दल जहां पर मजबूत है उसको दूसरे दल सहयोग करें.

अखिलेश यादव ने कहा कि सॉफ्ट हार्ड वाली बात करने की अब जरूरत नहीं है. सनातन धर्म सनातन धर्म है. वह सॉफ्ट और हार्ड नहीं है. अखिलेश ने कहा कि सवाल अभी भी बड़े हैं. आखिर घर-घर रोजगार कहां है? मैं तो यह पूछ रहा हूं जो गठबंधन है वह तीसरा मोर्चा चौथा मोर्चा या पहला मोर्चा जो मानना हो मान लीजिए मेरा लक्ष्य सिर्फ इतना है कि हमें बीजेपी का मुकाबला करना है. तमाम मुद्दे हैं महंगाई के अलावा जिस पर हमें सवाल करना है. इन सवालों के साथ ही हम उठ बैठकर आगे का रास्ता निकालेंगे.

अखिलेश यादव ने उल्टा पत्रकारों से ही पूछा, आपकी आय दुगनी हो गई क्या? बेरोजगारों को रोजगार मिल गया क्या? वहीं पलवी पटेल के सवाल पर उन्होंने कहा कि आप लोग अपने आप से टीवी और पत्रकार वाले खुद से प्रत्याशी घोषित मत करिए. आप लोगों में से किसी का मन हो चुनाव लड़ने का तो आप लोग अपनी पर्ची धीरे से दे दीजिएगा.

जातीय जनगणना के बारे में अखिलेश यादव ने कहा कि जब 2017 में मेरिट से पुलिस की भर्ती हुई थी तो उसे समय पुरानी आरक्षण व्यवस्था थी और जब भर्ती का रिजल्ट आ गया तो तमाम नौजवान जो नौकरी पाते थे उस वक़्त उसके बाद सरकार ने आरक्षण की व्यवस्था बदल दी. नई आरक्षण व्यवस्था के तहत चीजों को लागू कर दिया. 2017 में नौजवानों को नौकरी खोनी पड़ी. पिछड़े और दलित जो नौजवान थे उनके साथ यह गलत हुआ. इसलिए मेरा मानना है जातीय जनगणना हो और आबादी के अनुसार ही लोगों को सम्मान मिले.

ये भी पढ़ेंः अखिलेश को बड़ा झटका: MP में उतारे थे 46 उम्मीदवार, नहीं चला PDA का फॉर्मूला, राष्ट्रीय पार्टी का सपना टूटा

वाराणसी में मीडिया के सवालों के जवाब देते सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव.

वाराणसी: अखिलेश यादव सोमवार को अपने एक दिवसीय दौरे पर वाराणसी पहुंचे. वाराणसी में अलग-अलग कार्यक्रमों में हिस्सा लेने के लिए पहुंचे पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने मध्य प्रदेश में अपनी और इंडिया गठबंधन की बड़ी हार के बाद पहली बार मीडिया का सामना किया. उन्होंने मीडिया के तीखे सवालों का जवाब देते हुए कहा कि हम यह मानते हैं कि हमारी हार हुई है. लेकिन, हमें आगे की रणनीति बनानी है. जिस क्षेत्र में जो पार्टी बड़ी है, उसे उस हिसाब से आगे चुनावी रणनीति बनानी होगी.

अखिलेश यादव ने जातीय जनगणना का खुलकर समर्थन करते हुए कहा, मैं इसके पक्ष में हूं. आज नहीं तो परसों जातीय जनगणना होकर रहेगी. अखिलेश यादव ने कहा कि मैं जो कुछ भी कहूंगा उसके बाद का सवाल भी मैं जानता हूं. मीडिया मुझसे क्या पूछेगी? मैं कुछ भी कहूंगा उसके बाद यह सवाल आएगा कुछ दिन पहले इंडिया वर्ल्ड कप हार गया था, आप पूछेंगे अब इंडिया का क्या होगा. उन्होंने कहा कि हम लोग निराश नहीं है. राजनीति और लोकतंत्र में इस तरह के परिणाम आते हैं. मैं जिस लोकसभा क्षेत्र में बैठा हूं वहां 5 लाख वोटों से भारतीय जनता पार्टी जीतती है. इसका मतलब यह नहीं है कि सबका साथ सबका सम्मान सबका विकास हो रहा हो, बहुत सारे ऐसे लोग हैं जो लोग निराश हैं. जिनकी उम्मीद तोड़ी गई है.

अखिलेश ने कहा कि राजनीति में परिणाम आते हैं और बहुत से लोग हैं जिनको यह परिणाम स्वीकार करने होंगे. लड़ाई लंबी है लेकिन इन परिणामों से हमें और जिन लोगों को भारतीय जनता पार्टी जैसी बड़ी पार्टी का मुकाबला करना है उन्हें बहुत तैयारी करनी पड़ेगी. बहुत अनुशासन में रहकर उन चीजों का मुकाबला करना पड़ेगा, जिस रणनीति के तहत यह इतना बहुमत पा रहे हैं. इसलिए मुझे उम्मीद है आने वाले समय में परिणाम दूसरे होंगे.

अखिलेश यादव ने कहा कि अब परिणाम आ गया. अहंकार खत्म हो गया. परिणाम ने ही अहंकार खत्म किया है. आने वाले समय में फिर से रास्ता निकलेगा. देश के लिए लोकतंत्र और संविधान बचाना महत्वपूर्ण है. उससे भी ज्यादा महत्वपूर्ण है समाजवादियों का उत्तर प्रदेश में संघर्ष जो बहुत बड़ा है. समाजवादियों को बड़े फैसले लेने हैं. जहां से बात शुरू हुई है जो दल जहां पर मजबूत है उसको दूसरे दल सहयोग करें.

अखिलेश यादव ने कहा कि सॉफ्ट हार्ड वाली बात करने की अब जरूरत नहीं है. सनातन धर्म सनातन धर्म है. वह सॉफ्ट और हार्ड नहीं है. अखिलेश ने कहा कि सवाल अभी भी बड़े हैं. आखिर घर-घर रोजगार कहां है? मैं तो यह पूछ रहा हूं जो गठबंधन है वह तीसरा मोर्चा चौथा मोर्चा या पहला मोर्चा जो मानना हो मान लीजिए मेरा लक्ष्य सिर्फ इतना है कि हमें बीजेपी का मुकाबला करना है. तमाम मुद्दे हैं महंगाई के अलावा जिस पर हमें सवाल करना है. इन सवालों के साथ ही हम उठ बैठकर आगे का रास्ता निकालेंगे.

अखिलेश यादव ने उल्टा पत्रकारों से ही पूछा, आपकी आय दुगनी हो गई क्या? बेरोजगारों को रोजगार मिल गया क्या? वहीं पलवी पटेल के सवाल पर उन्होंने कहा कि आप लोग अपने आप से टीवी और पत्रकार वाले खुद से प्रत्याशी घोषित मत करिए. आप लोगों में से किसी का मन हो चुनाव लड़ने का तो आप लोग अपनी पर्ची धीरे से दे दीजिएगा.

जातीय जनगणना के बारे में अखिलेश यादव ने कहा कि जब 2017 में मेरिट से पुलिस की भर्ती हुई थी तो उसे समय पुरानी आरक्षण व्यवस्था थी और जब भर्ती का रिजल्ट आ गया तो तमाम नौजवान जो नौकरी पाते थे उस वक़्त उसके बाद सरकार ने आरक्षण की व्यवस्था बदल दी. नई आरक्षण व्यवस्था के तहत चीजों को लागू कर दिया. 2017 में नौजवानों को नौकरी खोनी पड़ी. पिछड़े और दलित जो नौजवान थे उनके साथ यह गलत हुआ. इसलिए मेरा मानना है जातीय जनगणना हो और आबादी के अनुसार ही लोगों को सम्मान मिले.

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Last Updated : Dec 4, 2023, 7:06 PM IST
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