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अफगानी छात्रों की भारत सरकार से अपील, कहा- अफगानिस्तान की करें मदद

वाराणसी के काशी हिंदू विश्वविद्यालय में अध्यनरत अफगान छात्रों ने अफगानिस्तान के ताजा हालातों पर दुख व्यक्त किया है. विश्वविद्यालय में पढ़ रहे छात्रों का कहना है कि तालिबानी हुकूमत को कोई भी अफगानी स्वीकार नहीं करता और न ही करेगा. भारत से हमारी यही उम्मीदें है कि वो अफगानिस्तान में अपने प्रोजेक्ट को जारी रखे और अफगानिस्तान की मदद करे.

अफगानी छात्रों की भारत सरकार से अपील
अफगानी छात्रों की भारत सरकार से अपील
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Published : Aug 19, 2021, 4:30 PM IST

वाराणसी: काशी हिंदू विश्वविद्यालय में देश ही नहीं बल्कि विदेश के छात्र भी विद्या अध्ययन करने आते हैं. ऐसे में इन दिनों पूरे विश्व में चर्चा बना अफगानिस्तान के भी छात्र यहां पर शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं. छात्रों ने अपनी बात कहते हुए बताया कि पिछले रविवार से अफगानिस्तान में रहने वाले उनके परिवार के सदस्यों से बात नहीं हो पा रही है. इसके लिए उन्होंने भारत सरकार से यह गुहार लगाई कि भारत सरकार जिस तरह अफगानिस्तान की मदद करते आया है वह आगे भी करता रहे.


ईटीवी भारत से बात करते हुए छात्र कई बार भावुक भी हो गए. न्यूज चैनलों के माध्यम से मिल रही सूचनाओं पर छात्र काफी दुखी हैं. अपने परिवार वालों की चिंता भी कर रहे हैं. हिंदू विश्वविद्यालय में पढ़ाई कर रहे अफगानी छात्र शमीनुल्लाह ने बताया कि जैसे हालात दिख रहे हैं, उससे तो यह साफ है कि अफगानिस्तान की रक्षा करना मुश्किल है. लेकिन 1996 से 2008 तक तालिबानी हुकूमत को हमलोगों ने देखा है उसे कोई भी अफगानी स्वीकार नहीं करता और न ही करेगा. भारत से हमारी यही उम्मीदें है कि वो अफगानिस्तान में अपने प्रोजेक्ट को जारी रखे और अफगानिस्तान की मदद करे.

अफगानी छात्रों की भारत सरकार से अपील
वहीं विश्वविद्यालय में पढ़ रहे दूसरे छात्र शमीउल्लाह ने बताया कि अफगानिस्तान में तालिबान की सरकार को वहां की जनता स्वीकार नहीं करेगी. अफगान का नागरिक होने के नाते मैं भी उस सरकार को स्वीकार नहीं करूंगा. अब वहां के लोगों की स्वतंत्रता छिन गई है. वहां रहने वाले लोग अब नई सरकार के मजदूर हैं. हम जिंदा रहे या न रहे लेकिन उस सरकार के लिए हम कभी भी साथ नहीं होंगे.

पाकिस्तान और दूसरे देशों के इशारे पर अफगानिस्तान को बर्बाद करने के लिए ऐसा किया गया है. भारत ने अफगानिस्तान की बहुत मदद की है, भारत ने वहां पर बहुत प्रोजेक्ट किए हैं. हमारे पार्लियामेंट बनाए हैं. डैम बनाए हैं. भारत से यही अपील है कि वह अफगानिस्तान का साथ दें और यू एन आई में हमारी बात को दबने न दें.

वाराणसी: काशी हिंदू विश्वविद्यालय में देश ही नहीं बल्कि विदेश के छात्र भी विद्या अध्ययन करने आते हैं. ऐसे में इन दिनों पूरे विश्व में चर्चा बना अफगानिस्तान के भी छात्र यहां पर शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं. छात्रों ने अपनी बात कहते हुए बताया कि पिछले रविवार से अफगानिस्तान में रहने वाले उनके परिवार के सदस्यों से बात नहीं हो पा रही है. इसके लिए उन्होंने भारत सरकार से यह गुहार लगाई कि भारत सरकार जिस तरह अफगानिस्तान की मदद करते आया है वह आगे भी करता रहे.


ईटीवी भारत से बात करते हुए छात्र कई बार भावुक भी हो गए. न्यूज चैनलों के माध्यम से मिल रही सूचनाओं पर छात्र काफी दुखी हैं. अपने परिवार वालों की चिंता भी कर रहे हैं. हिंदू विश्वविद्यालय में पढ़ाई कर रहे अफगानी छात्र शमीनुल्लाह ने बताया कि जैसे हालात दिख रहे हैं, उससे तो यह साफ है कि अफगानिस्तान की रक्षा करना मुश्किल है. लेकिन 1996 से 2008 तक तालिबानी हुकूमत को हमलोगों ने देखा है उसे कोई भी अफगानी स्वीकार नहीं करता और न ही करेगा. भारत से हमारी यही उम्मीदें है कि वो अफगानिस्तान में अपने प्रोजेक्ट को जारी रखे और अफगानिस्तान की मदद करे.

अफगानी छात्रों की भारत सरकार से अपील
वहीं विश्वविद्यालय में पढ़ रहे दूसरे छात्र शमीउल्लाह ने बताया कि अफगानिस्तान में तालिबान की सरकार को वहां की जनता स्वीकार नहीं करेगी. अफगान का नागरिक होने के नाते मैं भी उस सरकार को स्वीकार नहीं करूंगा. अब वहां के लोगों की स्वतंत्रता छिन गई है. वहां रहने वाले लोग अब नई सरकार के मजदूर हैं. हम जिंदा रहे या न रहे लेकिन उस सरकार के लिए हम कभी भी साथ नहीं होंगे.

पाकिस्तान और दूसरे देशों के इशारे पर अफगानिस्तान को बर्बाद करने के लिए ऐसा किया गया है. भारत ने अफगानिस्तान की बहुत मदद की है, भारत ने वहां पर बहुत प्रोजेक्ट किए हैं. हमारे पार्लियामेंट बनाए हैं. डैम बनाए हैं. भारत से यही अपील है कि वह अफगानिस्तान का साथ दें और यू एन आई में हमारी बात को दबने न दें.

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