वाराणसी: काशी हिंदू विश्वविद्यालय में देश ही नहीं बल्कि विदेश के छात्र भी विद्या अध्ययन करने आते हैं. ऐसे में इन दिनों पूरे विश्व में चर्चा बना अफगानिस्तान के भी छात्र यहां पर शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं. छात्रों ने अपनी बात कहते हुए बताया कि पिछले रविवार से अफगानिस्तान में रहने वाले उनके परिवार के सदस्यों से बात नहीं हो पा रही है. इसके लिए उन्होंने भारत सरकार से यह गुहार लगाई कि भारत सरकार जिस तरह अफगानिस्तान की मदद करते आया है वह आगे भी करता रहे.
ईटीवी भारत से बात करते हुए छात्र कई बार भावुक भी हो गए. न्यूज चैनलों के माध्यम से मिल रही सूचनाओं पर छात्र काफी दुखी हैं. अपने परिवार वालों की चिंता भी कर रहे हैं. हिंदू विश्वविद्यालय में पढ़ाई कर रहे अफगानी छात्र शमीनुल्लाह ने बताया कि जैसे हालात दिख रहे हैं, उससे तो यह साफ है कि अफगानिस्तान की रक्षा करना मुश्किल है. लेकिन 1996 से 2008 तक तालिबानी हुकूमत को हमलोगों ने देखा है उसे कोई भी अफगानी स्वीकार नहीं करता और न ही करेगा. भारत से हमारी यही उम्मीदें है कि वो अफगानिस्तान में अपने प्रोजेक्ट को जारी रखे और अफगानिस्तान की मदद करे.
पाकिस्तान और दूसरे देशों के इशारे पर अफगानिस्तान को बर्बाद करने के लिए ऐसा किया गया है. भारत ने अफगानिस्तान की बहुत मदद की है, भारत ने वहां पर बहुत प्रोजेक्ट किए हैं. हमारे पार्लियामेंट बनाए हैं. डैम बनाए हैं. भारत से यही अपील है कि वह अफगानिस्तान का साथ दें और यू एन आई में हमारी बात को दबने न दें.