वाराणसी: जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने अनलॉक प्रक्रिया के तहत शहरभर में हो रहे विपक्षी पार्टियों के प्रदर्शन पर अपनी नजरें टेढ़ी कर ली हैं. डीएम का कहना है कि अनलॉक के तहत आर्थिक गतिविधियों के लिए काफी हद छूट मिल चुकी है, लेकिन शहर में लगभग 200 से 300 लोग ऐसे हैं, जिन्होंने अनलॉक की छूट का नाजायज दुरूपयोग किया है. बीते एक माह से रोड जाम, धरना-प्रदर्शन, जुलूस आदि कर ऐसे लोगों ने पूरे शहर की शांति व्यवस्था को भंग करने का काम किया है. करीब रोजाना ही बीएचयू लंका गेट, कलेक्ट्रेट के सामने, रविन्द्रपुरी और कई अन्य स्थानों पर ऐसे लोग पहुंचकर सड़क और ट्रैफिक बाधित करते हैं और जनसामान्य की लोक शांति भंग करते हैं.
धरना स्थल के अलावा कहीं भी प्रदर्शन की अनुमति नहीं
जिलाधिकारी ने बताया कि शहर में वरूणा किनारे शास्त्री पुल पर माननीय उच्च न्यायालय के आदेश से धरना स्थल चिन्हित है, लोकतांत्रिक तरीके से कोई भी व्यक्ति अनुमति लेकर वहां धरना-प्रदर्शन कर सकता है. वरूणा शास्त्री पुल धरना स्थल के अलावा जिन भी व्यक्तियों ने अन्य स्थानों पर यह कार्य किया है, वह उच्च न्यायालय के आदेश का खुला उल्लंघन है. कुछ शांति भंग करने वाले लोगों द्वारा अलग-अलग कारण बताते हुए धरना-प्रदर्शन और जुलूस निकाला जाता है. पिछले दो से तीन माह में कई लोगों को शांति भंग की आशंका में निरुद्ध किया गया है. ऐसे लोगों के द्वारा मुचलके पर बेलबांड भरकर अपनी रिहाई कराई गई है. वहीं इनमें से कुछ लोग दोबारा शांति भंग करते हुए पाए गए हैं, जिनकी फोटो अखबारों और न्यूज ग्रुप में सोशल मीडिया आदि के जरिए प्रकाशित होती रही है.
बेल बांड में उल्लेखित संपत्ति होगी कुर्क
जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने निर्देश दिया है कि थानेवार ऐसे लोगों की सूची बनाएं, जो कि अलग-अलग कारणों की आड़ में शहर की शांति व्यवस्था रोजाना भंग कर रहे हैं. इनमें से जो भी व्यक्ति बेलबांड और जमानत पर रिहा हुए हैं. वहीं अगर ऐसे लोग जिन्होंने बेलबांड भरने के दिनांक के बाद फिर से शांति भंग करने का प्रयास किया है तो उनका बेलबांड जब्त कर बेलबांड की धनराशि की वसूली की जाए. डीएम ने कहा है कि ऐसे लोगों के बेलबांड में उल्लेखित संपत्ति की कुर्की कर नीलामी की कार्रवाई की जाए.
10 दिन में मांगी आख्या
डीएम ने कहा है कि जो व्यक्ति शांति भंग की आशंका की वजह से निरोधात्मक रूप से जेल में हैं, उनकी भी सूची थाने पर प्रेषित कर अगले 10 दिन में आख्या मांगी जाए कि उनका शांति भंग का क्या यह पहला प्रयास है या फिर वे पूर्व में भी ऐसे कार्यों में संलिप्त रहे हैं. सात ही जिलाधिकारी ने कहा है कि जो लोग शांति भंग की पुनरावृत्ति में पाए जाते हैं, उनके पूर्व की बेलबांड की धनराशि जब्त करते हुए उन पर लंबी अवधि तक निरोधात्मक कार्रवाई की जाए. जिलाधिकारी का कहना है कि लोक शांति भंग करना ऐसे लोगों की आदत बन गई है, जिसको देखते हुए उन पर गुंडा एक्ट के तहत जिला बदर करने की और शस्त्र निरस्तीकरण की कार्रवाई भी प्रस्तावित की जाए.
मजिस्ट्रेट दें 15 अक्टूबर तक रिपोर्ट
डीएम वाराणसी ने मजिस्ट्रेटों को निर्देशित किया है कि गत दो-तीन माह की सभी घटनाओं की थाने स्तर पर समीक्षा कर कार्यवाही को एक सप्ताह में पूरा किया जाए. साथ ही कहा है कि एसएसपी को प्रत्येक अपर नगर मजिस्ट्रेट और क्षेत्राधिकारी स्वयं की हस्ताक्षरित रिपोर्ट 15 अक्टूबर तक उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें.