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'देश से माफी मांगे तमिलनाडु सरकार', एबीवीपी ने किया प्रदर्शन, मैच के दौरान तिरंगा का हुआ था अपमान!

वाराणसी में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने तमिलनाडु सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया. पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच हुए मैच के दौरान एक वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है. इसमें दिखाया गया कि एक पुलिसकर्मी ने दर्शक के तिरंगा छीन लिया.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Oct 24, 2023, 7:57 PM IST

वाराणसी: चेन्नई के चेपॉक स्टेडियम में तिरंगे झंडे के अपमान का मामला लगातर तूल पकड़ता जा रहा है. इसकी एक तस्वीर वाराणसी में भी नजर आई. यहां काशी हिंदू विश्वविद्यालय के मुख्य द्वार पर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने जमकर प्रदर्शन किया. इस दौरान सदस्यों ने तमिलनाडु पुलिस के व्यवहार का विरोध किया.

बता दें कि पाकिस्तान-अफगानिस्तान के बीच 23 अक्टूबर को मैच खेला गया था. इस दौरान एक वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है. वीडियो में देखा जा सकता है कि एक पुलिसकर्मी दर्शक से तिरंगा छीन रहा है. पुलिसकर्मी पर आरोप है कि उसने तिरंगा का अपमान किया और फैन को स्टेडियम में देश का झंडा ले जाने से रोक दिया. उससे झंडा छीन लिया गया. इसके बाद इसके विरोध में अलग-अलग तरह से लोग प्रदर्शन कर रहे हैं.

BHU में विरोध के दौरान अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (AVBP) सदस्यों का कहना है कि हम चेपॉक स्टेडियम में पुलिस द्वारा तिरंगे को कूड़ेदान में फेंकने और स्टेडियम में दर्शकों को तिरंगा ले जाने से रोकने के कृत्य की कड़ी निंदा करते हैं. भारत के राष्ट्रीय ध्वज को कूड़ेदान में फेंकना न सिर्फ अपमानजनक है, बल्कि डीएमके द्वारा राष्ट्रीय प्रतीकों के अपमान की दिशा में एक और घृणित काम है.

'तिरंगे का अपमान राष्ट्र की संप्रभुता को चुनौती'

इकाई अध्यक्ष अभय प्रताप सिंह ने कहा कि यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है कि इस तरह के काम आज हमें भारत में देखने को मिल रहे हैं. राजनीतिक स्वार्थ के लिए डीएमके ने खुलेआम सनातन धर्म का अपमान किया है. अब वह राष्ट्र की शान तिरंगे का अपमान कर राष्ट्र की संप्रभुता एवं स्वाभिमान को चुनौती देने का कार्य कर रहे हैं. यह किसी भी रूप में स्वीकार नहीं होगा. इस घटना पर तमिलनाडु सरकार को देश से माफी मांगनी चाहिए. इसके साथ ही दोषियों पर सख्त कार्रवाई सुनिश्चित करनी चाहिए. तमिलनाडु की डीएमके सरकार ने आज फिर एक बार देश की अस्मिता को चोट पहुंचाई है.

'अपमान को दिया जा रहा मौन समर्थन'

उन्होंने कहा कि देश की आन-बान और शान तिरंगे का अपमान असहनीय है. यह बहुत ही शर्मनाक है कि भारत में ही तिरंगे को ले जाने के लिए पुलिस अनुमति नहीं दे रही है. राजनीतिक स्वार्थ के लिए डीएमके के साथ गठबंधन कर रहे दलों के नेताओं की इस घटना पर चुप्पी भी शर्मनाक है. राजनीतिक स्वार्थ के लिए देश के प्रतीकों के अपमान को भी मौन समर्थन दिया जा रहा है. वहीं, इकाई मंत्री पुनीत मिश्र ने कहा कि डीएमके सरकार लगातार अपनी विभाजनकारी राजनीति पर आगे बढ़ते हुए राष्ट्र को अघात पहुंचाने का कार्य कर रही है.

'देश से माफी मांगे तमिलनाडु सरकार'

इकाई मंत्री पुनीत मिश्र ने कहा कि कभी क्षेत्रवाद, कभी भाषा, कभी धर्म और अब राष्ट्रीय ध्वज का अपमान कर तमिलनाडु की डीएमके सरकार देश में नकारात्मक संदेश प्रस्तुत कर रही है. उन्होंने कहा कि हम मांग करते हैं कि तिरंगे के अपमान की घटना पर डीएमके सरकार देश से माफी मांगे. इसके साथ ही ऐसा कृत्य करने वालों पर कार्रवाई सुनिश्चित करे. यह घटना देश के स्वाभिमान पर प्रहार करने वाली है. छात्र एवं युवा इस घटना के विरुद्ध मुखर होकर विरोध कर रहे हैं. बता दें कि सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा वीडियो स्टेडियम के बाहर का है. इसमें पुलिसकर्मी ने एक फैन को तिरंगा ले जाने से रोका है.

यह भी पढ़ें: प्रतिमा विसर्जन में युवतियों पर गुलाल पड़ने से दो पक्ष आमने-सामने, हिंदू संगठनों ने किया कोतवाली का घेराव

यह भी पढ़ें: बंद मकान में लगाया जा रहा था क्रिकेट वर्ल्ड कप पर सट्टा, बाप-बेटे गिरफ्तार

वाराणसी: चेन्नई के चेपॉक स्टेडियम में तिरंगे झंडे के अपमान का मामला लगातर तूल पकड़ता जा रहा है. इसकी एक तस्वीर वाराणसी में भी नजर आई. यहां काशी हिंदू विश्वविद्यालय के मुख्य द्वार पर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने जमकर प्रदर्शन किया. इस दौरान सदस्यों ने तमिलनाडु पुलिस के व्यवहार का विरोध किया.

बता दें कि पाकिस्तान-अफगानिस्तान के बीच 23 अक्टूबर को मैच खेला गया था. इस दौरान एक वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है. वीडियो में देखा जा सकता है कि एक पुलिसकर्मी दर्शक से तिरंगा छीन रहा है. पुलिसकर्मी पर आरोप है कि उसने तिरंगा का अपमान किया और फैन को स्टेडियम में देश का झंडा ले जाने से रोक दिया. उससे झंडा छीन लिया गया. इसके बाद इसके विरोध में अलग-अलग तरह से लोग प्रदर्शन कर रहे हैं.

BHU में विरोध के दौरान अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (AVBP) सदस्यों का कहना है कि हम चेपॉक स्टेडियम में पुलिस द्वारा तिरंगे को कूड़ेदान में फेंकने और स्टेडियम में दर्शकों को तिरंगा ले जाने से रोकने के कृत्य की कड़ी निंदा करते हैं. भारत के राष्ट्रीय ध्वज को कूड़ेदान में फेंकना न सिर्फ अपमानजनक है, बल्कि डीएमके द्वारा राष्ट्रीय प्रतीकों के अपमान की दिशा में एक और घृणित काम है.

'तिरंगे का अपमान राष्ट्र की संप्रभुता को चुनौती'

इकाई अध्यक्ष अभय प्रताप सिंह ने कहा कि यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है कि इस तरह के काम आज हमें भारत में देखने को मिल रहे हैं. राजनीतिक स्वार्थ के लिए डीएमके ने खुलेआम सनातन धर्म का अपमान किया है. अब वह राष्ट्र की शान तिरंगे का अपमान कर राष्ट्र की संप्रभुता एवं स्वाभिमान को चुनौती देने का कार्य कर रहे हैं. यह किसी भी रूप में स्वीकार नहीं होगा. इस घटना पर तमिलनाडु सरकार को देश से माफी मांगनी चाहिए. इसके साथ ही दोषियों पर सख्त कार्रवाई सुनिश्चित करनी चाहिए. तमिलनाडु की डीएमके सरकार ने आज फिर एक बार देश की अस्मिता को चोट पहुंचाई है.

'अपमान को दिया जा रहा मौन समर्थन'

उन्होंने कहा कि देश की आन-बान और शान तिरंगे का अपमान असहनीय है. यह बहुत ही शर्मनाक है कि भारत में ही तिरंगे को ले जाने के लिए पुलिस अनुमति नहीं दे रही है. राजनीतिक स्वार्थ के लिए डीएमके के साथ गठबंधन कर रहे दलों के नेताओं की इस घटना पर चुप्पी भी शर्मनाक है. राजनीतिक स्वार्थ के लिए देश के प्रतीकों के अपमान को भी मौन समर्थन दिया जा रहा है. वहीं, इकाई मंत्री पुनीत मिश्र ने कहा कि डीएमके सरकार लगातार अपनी विभाजनकारी राजनीति पर आगे बढ़ते हुए राष्ट्र को अघात पहुंचाने का कार्य कर रही है.

'देश से माफी मांगे तमिलनाडु सरकार'

इकाई मंत्री पुनीत मिश्र ने कहा कि कभी क्षेत्रवाद, कभी भाषा, कभी धर्म और अब राष्ट्रीय ध्वज का अपमान कर तमिलनाडु की डीएमके सरकार देश में नकारात्मक संदेश प्रस्तुत कर रही है. उन्होंने कहा कि हम मांग करते हैं कि तिरंगे के अपमान की घटना पर डीएमके सरकार देश से माफी मांगे. इसके साथ ही ऐसा कृत्य करने वालों पर कार्रवाई सुनिश्चित करे. यह घटना देश के स्वाभिमान पर प्रहार करने वाली है. छात्र एवं युवा इस घटना के विरुद्ध मुखर होकर विरोध कर रहे हैं. बता दें कि सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा वीडियो स्टेडियम के बाहर का है. इसमें पुलिसकर्मी ने एक फैन को तिरंगा ले जाने से रोका है.

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