वाराणसी: रामनवमी के अवसर पर पिछले 14 वर्षों से साम्प्रदायिक एकता के सूत्र में देश को बांधने के लिये मुस्लिम महिलाओं ने इस वर्ष भी भगवान श्रीराम की आरती उतारकर परम्परा का निर्वहन किया. श्रीराम आश्रम में बुधवार को नेशनल सदर नाजनीन अंसारी सहित 4 मुस्लिम महिलाओं ने भगवान श्रीराम की आरती उतारी और कोरोना से दुनिया को बचाने के लिये भगवान श्रीराम से प्रार्थना की.
कोरोना संकट से मुक्ति के लिए पूजा
संकट मोचन राम भक्त हनुमान चालीसा का पाठ कर इस भयानक संकट से मुक्त कराने के लिये प्रार्थना की. मुस्लिम महिलाओं का माननाहै कि जिस तरह से भगवान श्रीराम ने राक्षसों के आतंक से भारत भूमि को मुक्त करा दिया था उसी तरह से कोरोना रूपी राक्षस के आतंक से भगवान भारत को मुक्त करायेंगे. सभी मुस्लिम महिलाओं का मानना है कि भगवान श्रीराम के धरती पर अवतार लेने के दिन अर्थात रामनवमी के दिन से ही कोरोना का संकट कम होगा और जल्द ही खत्म हो जायेगा. इसके लिये आवश्यक है कि सामाजिक दूरी बनाई जाए और घरों में रहने की आदत डाली जाए.
राम नाम से मिलती है सकारात्मक ऊर्जा
इस अवसर पर मुस्लिम महिला फाउण्डेशन की नेशनल सदर नाजनीन अंसारी ने कहा कि भगवान श्रीराम का नाम ही अधर्म और संकट से मुक्ति का नाम है. राम का नाम त्याग, लोक कल्याण एवं मोहब्बत का नाम है. इस समय पूरे देश को राम का नाम जपना चाहिए, ताकि घर में रहने और न्यूनतम आवश्यकता में अपनी पूर्ति का धैर्य प्राप्त हो. उन्होंने दो मंत्र कोरोना मरीजों को जपने के सलाह दी. इससे उनके अंदर सकारात्मक ऊर्जा का संचार होगा और वह जल्दी स्वस्थ्य होंगे. ये मंत्र हैं 'रां रामाय नम:' और 'हं हनुमते रूद्रात्मकाय हुं फट्'.