तपती गर्मी का असर, मुरझाया फूल कारोबार वाराणसी: फूल-मालाओं का व्यापार सबसे अधिक और रोज चलने वाला व्यापार है. इसे किसी खास दिन की जरूरत नहीं पड़ती. लोग मंदिरों और घरों में पूजा-पाठ के लिए भगवान को चढ़ाने के लिए फूल-मालाओं को ले जाते हैं. इसके साथ ही लग्न के सीजन में फूल-मालाओं की डिमांड बहुत अधिक बढ़ जाती है. लेकिन वाराणसी जैसे आध्यात्मिक शहर में फूलों का कारोबार अब बिगड़ चुका है. गर्मी की वजह से यहां पर फूलों की बिक्री लगभग आधी हो गई है. गर्मी के कारण लोग मंदिरों में भी कम जाने लगे हैं. वहीं, लगन कम होने से इनकी मांग नहीं हुई. इसी के साथ धूप लगने से फूल मुरझा जा रहे हैं.
तपती गर्मी का फूल कारोबार पर असर तेज गर्मी से परेशान फूलों के किसान: तपती गर्मी से इंसान ही नहीं बल्कि कारोबार भी प्रभावित हो रहा है. इसकी एक तस्वीर इन दिनों फूल मंडी में नजर आ रही है. जहां किसान व कारोबारियों को लगभग 50 फीसदी से ज्यादा का नुकसान हो रहा है. बता दें कि वाराणसी में दो फूलों की बड़ी मंडी है, जहां सैकड़ों की संख्या में किसान आकर अपने फूलों की बिक्री करते हैं. लेकिन, इन दिनों किसानों को अपना लागत निकालना भी मुश्किल हो रहा है. किसानों का कहना है कि गर्मी के कारण एक तो उनका फूल खराब हो जा रहा है. ऊपर से इस बार लगन भी उनके लिए कुछ खास कमाल नहीं कर पाया है.
तपती गर्मी का असर, मुरझाया फूल कारोबार खेतों में ही खराब हो जा रहे फूल: फूल कारोबारी पवन मौर्य ने बताया कि गर्मी में फूल खराब हो जा रहे हैं. धूप की वजह से मुरझा जा रहे हैं. इससे इन फूलों को कोई खरीद भी नहीं रहा है. इसी वजह से हमें इन्हें नालों में फेंकना पड़ रहा है. खेतों में ही आधे फूल खराब हो जाते हैं. फिर उनमें से जो छांटकर लाए जाते हैं, वही मंडी आते हैं. मंडी की हालत कभी अच्छी रहती है तो कभी डाउन हो जाती है. इस समय लगन का सीजन चल रहा है. इसमें भी मार्केट तेज हो रहा है तो कभी डाउन हो रहा है. तपती गर्मी का असर, मुरझाया फूल कारोबार बाजार में लगभग 50 फीसदी फूल खराब हो जा रहे: फूल मंडी के व्यापारी विशाल दुबे ने बताया कि इस गर्मी में ग्राहक बाहर ही नहीं निकल रहे हैं. सुबह जो ग्राहक निकलते थे वे लोग शाम को ही आ रहे हैं. इनमें से भी कुछ लोग गर्मी की वजह से फूलों के लिए निकलना बंद कर दिए हैं. वहीं, लगन में बाहरी और सजावटी फूलों की स्थिति बहुत ही खराब है. लगभग 25 फीसदी फूल ट्रांसपोर्टेशन में ही खराब हो जाते हैं. फिर जब फूल मंडी में आ जाते हैं तो उनके बिकने के ऊपर निर्भर करता है. अगर फूल बिक गए तो ठीक नहीं तो 50 फीसदी फूल उसमें भी खराब हो जाता है.तपती गर्मी से परेशान छाते का सहारा लेकर बैठे फूल विक्रेता फूल-मालाओं की बिक्री हुई आधी: विशाल दुबे ने बताया कि मंदिरों में जाने वाले फूल-मालाओं की स्थिति भी ठीक नहीं है. इस गर्मी में दिन में ही इतनी धूप हो जा रही है कि कोई जाता नहीं है. सुबह के समय भीड़ बहुत कम हो गई है, जबकि शाम में कुछ लोग मंदिर के लिए निकल रहे हैं. संकटमोचन मंदिर में मंगलवार और शनिवार को भीड़ का अंदाजा लगाया जा सकता है. सुबह कोई भीड़ नहीं दिखेगी, जबकि शाम के समय इतनी भीड़ कि पैर रखने की भी जगह नहीं मिलेगी. इससे साफ पता चलता है कि जो बिक्री दोनों समय में मिलाकर होती थी वो लगभग आधी हो गई है.इस बार 50 फीसदी गिरा फूलों का बाजार: विशाल दुबे ने बताया कि अगर हम पिछले साल में गर्मी के लगन के टर्नओवर की बात करें तो अगर उस समय यह एक करोड़ था तो इस साल यह 50 से 55 लाख पर ही रह गया है. गर्मी की वजह से फूल और माला का बाजार चौपट हो गया है. बिक्री और कमाई पिछली बार की अपेक्षा लगभग आधी रह गई है. उन्होंने बताया कि इस बार माला 1200 से 1500 रुपये के ऊपर बिका ही नहीं है. कुछ एक-दो दिन ही ऐसे रहे बाजार में कि मालाएं 2000 से 2500 रुपये तक बिकी हैं. इसके 700 से 1500 तक ही रहा. किसान की लागत नहीं निकल पा रही है. यह भी पढे़ं: बनारसी पान दे रहा बनारसियों को खतरनाक बीमारी, बढ़ रही मुंह के कैंसर के मरीजों की संख्या