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काशी में बढ़ रहे प्रदूषण के लिए ये 5 सरकारी विभाग जिम्मेदार, काम में लापरवाही से लोगों की बढ़ी मुसीबत

वाराणसी में वायु की गुणवत्ता (Air pollution in Varanasi) प्रभावित हुई है. लोग प्रदूषण की मार झेल रहे है. जहां भी निर्माण (Pollution at construction site) कार्य चल रहा है, वहां प्रदूषण की मात्रा बढ़ रही है.

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वाराणसी में प्रदूषण
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Nov 10, 2023, 10:35 PM IST

वाराणसी: दीपावली से पहले हर शहर की हवा बिगड़ रही है. काशी में भी वायु की गुणवत्ता काफी प्रभावित हुई है. जिसके बाद प्रशासन हरकत में आया है. लगातार बिगड़ रही वायु की सेहत को देखते हुए नगर निगम ने पांच विभागों को इसके लिए जिम्मेदार माना है. या यू कहें की शहर में बड़ रहे पॉल्यूशन के लिए पांच सरकारी विभाग ही मुख्य रूप से जिम्मेदार हैं. जिसके कारण अब नगर निगम ने इन्हें नोटिस जारी करते हुए स्थिति में सुधार लाने के लिए कहा है.

वाराणसी में चल रहा निर्माण कार्य.
वाराणसी में चल रहा निर्माण कार्य.
नगर आयुक्त अक्षत वर्मा ने बताया कि लोक निर्माण विभाग, वाराणसी स्मार्ट सिटी, जलकल, सेतु निगम और वाराणसी विकास प्राधिकरण की की निगरानी में शहर के तमाम क्षेत्रों में निर्माण और विकास परियोजनाओं को संचालित किया जा रहा है. नगर निगम ने नोटिस के जरिए इस विभागों के कार्यों की फोटोग्राफी भी भेजी है. जिसमें धूल के कणों की मात्रा कम करने के लिए उचित कदम उठाने के लिए कहा गया है.
सिगरा स्टेडियम के निर्माण का कार्य
सिगरा स्टेडियम के निर्माण का कार्य
निर्माण स्थलों के आसपास प्रदूषण: वाराणसी में रोपवे स्टेशनों को छोड़कर जहां भी काम चल रहा है, वहां धूल के कण को रोकने के लिए कोई व्यवस्था नहीं की गई है. इसके कारण निर्माण स्थलों के आसपास प्रदूषण की मात्रा बढ़ती ही जा रही है. नगर निगम ने ऐसे हॉटस्पॉट चिन्हित किए हैं. जिनमें पर्यावरण की दृष्टि से निर्माण कार्य के दौरान काफी प्रदूषण की मात्रा बढ़ती जा रही है. नगर निगम के अधिकारियों का कहना है कि इन विभागों को निर्माण स्थल पर हरे रंग के पर्दे कंस्ट्रक्शन साइट को ढकने के अलावा स्प्रिंकलर मशीन से बाहरी क्षेत्र में बार-बार पानी का छिड़काव करवाना जरूरी है. इसके अलावा मैकेनाइज्ड रोड स्वीपिंग मशीन का प्रयोग भी करना चाहिए. जिससे धूल के कण कम होते हैं. इसके अलावा सभी स्पॉट पर सीसी कैमरा के जरिए यह निगरानी की जानी भी आवश्यक है कि कंस्ट्रक्शन साइट पर प्रदूषण की स्थिति क्या है, ताकि समय रहते ही इसे मेंटेन किया जा सके. लेकिन, यह सारी चीज इन विभागों के द्वारा नजर अंदाज की गई है.

इसे भी पढ़े-बारिश के बाद गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा में प्रदूषण कम, मुजफ्फरनगर का AQI पहुंचा 333

स्पोर्ट्स स्टेडियम का इलाका सबसे ज्यादा प्रदूषित: वाराणसी के नगर आयुक्त अक्षत वर्मा ने बताया कि नगर निगम की तरफ से किए गए सर्वे में जो हॉटस्पॉट चिन्हित हुए हैं, उनमें रवींद्रपुरी, बीएचयू ट्रॉमा सेंटर के सामने, बनारस स्टेशन के पास, नवीन पहाड़िया मंडी, सरैया लाट भैरव, सुरभि होटल पहाड़िया के सामने और सिद्धगिरी बाग के अलावा, सिगरा और संपूर्णानंद स्पोर्ट्स स्टेडियम का इलाका सबसे ज्यादा प्रदूषित है. सबसे बड़ी बात यह है कि दीपावली से पहले हवा में पीएच 10 की मात्रा बढ़ गई है. जिसकी वजह से सांस एलर्जी की चपेट में आने वाले लोगों की संख्या भी तेजी से बढ़ रही है.

नगर निगम अलर्ट: वाराणसी में लगभग 10 दिन पहले तक एक्यूआई 82 हुआ करता था. लेकिन, इसमें लगातार वृद्धि हो रही है. कल शहर के अधिकांश इलाकों में 10 का स्तर 140 से 180 के बीच रिकॉर्ड किया गया है. बुधवार की रात शहर के अधिकांश इलाकों में धुंध भी देखी गई है. शहर के अलग-अलग इलाकों में कार्बन मोनोऑक्साइड की मात्रा भी अधिकतम पाई गई है. जिसमें, शहर के भेलूपुर इलाके में कार्बन मोनोऑक्साइड 101, मलदहिया में 107 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर इसकी मात्रा मिली है, जो मानक से 25 गुना ज्यादा अधिक है. ग्रीन जोन में रहने वाले बीएचयू में कार्बन मोनोऑक्साइड 35 और अर्दली बाजार क्षेत्र में 30 दर्ज हुआ है. मानक से यह भी कई गुना ज्यादा है. जिसे देखते हुए नगर निगम अलर्ट हो गया है. वाराणसी नगर निगम की तरफ से लगातार विभागों को नोटिस जारी करके अपने विकास कार्यों के दौरान सतर्कता बरतने और धूल ना उड़े इस पर ध्यान देने के लिए कहा गया है.

कहां किन कामों पर पड़ा है असर: सिगरा स्टेडियम के निर्माण का कार्य स्मार्ट सिटी कर रहा है. सिद्धगिरी बाग पर जलकल की तरफ से पाइपलाइन डालने के लिए सड़क खुदाई का काम लंबे वक्त से जारी है. लाटसरैया इलाके में फ्लाईओवर निर्माण का काम चल रहा है. सेतु निगम की तरफ से शहर के भारत माता मंदिर और रथयात्रा इलाके में रोपवे निर्माण का काम चल रहा है. रवींद्रपुरी इलाके में पीडब्ल्यूडी की तरफ से सड़क निर्माण का काम जारी है.
करजातपुरा इलाके में फ्लाईओवर निर्माण का काम सेतु निगम कर रहा है

यह भी पढ़े-प्रदूषण नियंत्रण के लिए यूपी सरकार बना रही ऐसी योजना, समस्या का होगा स्थाई से समाधान

वाराणसी: दीपावली से पहले हर शहर की हवा बिगड़ रही है. काशी में भी वायु की गुणवत्ता काफी प्रभावित हुई है. जिसके बाद प्रशासन हरकत में आया है. लगातार बिगड़ रही वायु की सेहत को देखते हुए नगर निगम ने पांच विभागों को इसके लिए जिम्मेदार माना है. या यू कहें की शहर में बड़ रहे पॉल्यूशन के लिए पांच सरकारी विभाग ही मुख्य रूप से जिम्मेदार हैं. जिसके कारण अब नगर निगम ने इन्हें नोटिस जारी करते हुए स्थिति में सुधार लाने के लिए कहा है.

वाराणसी में चल रहा निर्माण कार्य.
वाराणसी में चल रहा निर्माण कार्य.
नगर आयुक्त अक्षत वर्मा ने बताया कि लोक निर्माण विभाग, वाराणसी स्मार्ट सिटी, जलकल, सेतु निगम और वाराणसी विकास प्राधिकरण की की निगरानी में शहर के तमाम क्षेत्रों में निर्माण और विकास परियोजनाओं को संचालित किया जा रहा है. नगर निगम ने नोटिस के जरिए इस विभागों के कार्यों की फोटोग्राफी भी भेजी है. जिसमें धूल के कणों की मात्रा कम करने के लिए उचित कदम उठाने के लिए कहा गया है.
सिगरा स्टेडियम के निर्माण का कार्य
सिगरा स्टेडियम के निर्माण का कार्य
निर्माण स्थलों के आसपास प्रदूषण: वाराणसी में रोपवे स्टेशनों को छोड़कर जहां भी काम चल रहा है, वहां धूल के कण को रोकने के लिए कोई व्यवस्था नहीं की गई है. इसके कारण निर्माण स्थलों के आसपास प्रदूषण की मात्रा बढ़ती ही जा रही है. नगर निगम ने ऐसे हॉटस्पॉट चिन्हित किए हैं. जिनमें पर्यावरण की दृष्टि से निर्माण कार्य के दौरान काफी प्रदूषण की मात्रा बढ़ती जा रही है. नगर निगम के अधिकारियों का कहना है कि इन विभागों को निर्माण स्थल पर हरे रंग के पर्दे कंस्ट्रक्शन साइट को ढकने के अलावा स्प्रिंकलर मशीन से बाहरी क्षेत्र में बार-बार पानी का छिड़काव करवाना जरूरी है. इसके अलावा मैकेनाइज्ड रोड स्वीपिंग मशीन का प्रयोग भी करना चाहिए. जिससे धूल के कण कम होते हैं. इसके अलावा सभी स्पॉट पर सीसी कैमरा के जरिए यह निगरानी की जानी भी आवश्यक है कि कंस्ट्रक्शन साइट पर प्रदूषण की स्थिति क्या है, ताकि समय रहते ही इसे मेंटेन किया जा सके. लेकिन, यह सारी चीज इन विभागों के द्वारा नजर अंदाज की गई है.

इसे भी पढ़े-बारिश के बाद गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा में प्रदूषण कम, मुजफ्फरनगर का AQI पहुंचा 333

स्पोर्ट्स स्टेडियम का इलाका सबसे ज्यादा प्रदूषित: वाराणसी के नगर आयुक्त अक्षत वर्मा ने बताया कि नगर निगम की तरफ से किए गए सर्वे में जो हॉटस्पॉट चिन्हित हुए हैं, उनमें रवींद्रपुरी, बीएचयू ट्रॉमा सेंटर के सामने, बनारस स्टेशन के पास, नवीन पहाड़िया मंडी, सरैया लाट भैरव, सुरभि होटल पहाड़िया के सामने और सिद्धगिरी बाग के अलावा, सिगरा और संपूर्णानंद स्पोर्ट्स स्टेडियम का इलाका सबसे ज्यादा प्रदूषित है. सबसे बड़ी बात यह है कि दीपावली से पहले हवा में पीएच 10 की मात्रा बढ़ गई है. जिसकी वजह से सांस एलर्जी की चपेट में आने वाले लोगों की संख्या भी तेजी से बढ़ रही है.

नगर निगम अलर्ट: वाराणसी में लगभग 10 दिन पहले तक एक्यूआई 82 हुआ करता था. लेकिन, इसमें लगातार वृद्धि हो रही है. कल शहर के अधिकांश इलाकों में 10 का स्तर 140 से 180 के बीच रिकॉर्ड किया गया है. बुधवार की रात शहर के अधिकांश इलाकों में धुंध भी देखी गई है. शहर के अलग-अलग इलाकों में कार्बन मोनोऑक्साइड की मात्रा भी अधिकतम पाई गई है. जिसमें, शहर के भेलूपुर इलाके में कार्बन मोनोऑक्साइड 101, मलदहिया में 107 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर इसकी मात्रा मिली है, जो मानक से 25 गुना ज्यादा अधिक है. ग्रीन जोन में रहने वाले बीएचयू में कार्बन मोनोऑक्साइड 35 और अर्दली बाजार क्षेत्र में 30 दर्ज हुआ है. मानक से यह भी कई गुना ज्यादा है. जिसे देखते हुए नगर निगम अलर्ट हो गया है. वाराणसी नगर निगम की तरफ से लगातार विभागों को नोटिस जारी करके अपने विकास कार्यों के दौरान सतर्कता बरतने और धूल ना उड़े इस पर ध्यान देने के लिए कहा गया है.

कहां किन कामों पर पड़ा है असर: सिगरा स्टेडियम के निर्माण का कार्य स्मार्ट सिटी कर रहा है. सिद्धगिरी बाग पर जलकल की तरफ से पाइपलाइन डालने के लिए सड़क खुदाई का काम लंबे वक्त से जारी है. लाटसरैया इलाके में फ्लाईओवर निर्माण का काम चल रहा है. सेतु निगम की तरफ से शहर के भारत माता मंदिर और रथयात्रा इलाके में रोपवे निर्माण का काम चल रहा है. रवींद्रपुरी इलाके में पीडब्ल्यूडी की तरफ से सड़क निर्माण का काम जारी है.
करजातपुरा इलाके में फ्लाईओवर निर्माण का काम सेतु निगम कर रहा है

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